 
                                            - कुलपति ने कहा- आध्यात्मिक संचार सभी क्षेत्रों में
- कांग्रेस ने कहा- यह सरकारी पैसे की बर्बादी
- बीजेपी ने कहा- इसमें किसी धर्म का अपमान नहीं
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                                                                                भोपाल: 
                                        छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय में दो दिनों तक हनुमान जी पर संगोष्ठी होगी. संगोष्ठी सात और आठ सितंबर को आयोजित की गई है. विपक्ष इसे शिक्षा के भगवाकरण के तौर पर देख रहा है.
रायपुर में सरकारी कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय में दो दिन दुनिया भर के विद्वान जुटेंगे.. चर्चा होगी ‘वैदिक संस्कृति में हनुमान एवं आध्यात्मिक संचार’ विश्वविद्यालय का कहना है आयोजन यूपी के संस्कृति विभाग से संबद्ध अयोध्या शोध संस्थान का है. विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एमएस परमार का कहना है " आध्यात्मिक संचार सभी क्षेत्रों में है. हम सभी का आदर करते हैं, कबीर के ऊपर संगोष्ठी की है. अयोध्या संस्थान लखनऊ, संस्कृति मंत्रालय उत्तर प्रदेश का कार्यक्रम है. बैंकॉक से भी अतिथि आ रहे हैं. 60 शोधपत्र पढ़े जाएंगे.
    
संगोष्ठी में हनुमान के मैनेजमेंट स्किल्स, आधुनिक और प्राचीन हनुमान के रूप, आम जीवन में राम और रामायण का महत्व, हनुमान देव पूजन एवं उपासना केंद्र जैसे विषयों के अलावा अन्य 19 विषय शामिल किए गए हैं. कांग्रेस को लगता है यह सरकारी पैसे की बर्बादी है. वहीं बीजेपी को लगता है कि यह किसी धर्म का अपमान नहीं.
यह भी पढ़ें : जब बंदरों से परेशान मथुरावासियों ने की मुख्यमंत्री से शिकायत, तो CM योगी बोले- हनुमान चालीसा का पाठ करें
कांग्रेस प्रवक्ता शैलेष त्रिवेदी ने कहा " हनुमान जी के नाम पर विश्वविद्यालयों में कार्यक्रम करना, शिक्षा में धर्म को डालने से शिक्षा का राजनीतिकरण और साम्प्रदायिकीकरण हो रहा है, शासकीय धन की बर्बादी उचित नहीं है. वहीं बीजेपी प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कहा श्री राम, हनुमान सिर्फ धर्म नहीं, संस्कृति भी हैं. हनुमान क्या हैं... उनकी जीवनशैली लोगों तक पहुंचाई जाई तो ये श्रेष्ठ कार्य है किसी धर्म का अपमान नहीं.
यह भी पढ़ें : हनुमान जी के इस मंदिर में भूत-बाधा भगाने आते हैं लोग, आखिर क्या है सच?
     
भगवान हनुमान पर इस सेमिनार का आयोजन विश्वविद्यालय का इंडोलॉजी एंड हेरिटेज मैनेजमेंट डिपॉर्टमेंट करा रहा है, जिसके कोर्स वर्क में बजरंगबली शामिल हैं. आयोजन के लिए छपा कार्ड भी वैश्विक है जिसमें होंडुरास-लेटिन अमरीका से आए हनुमान की प्रतिमा ‘व्हाईट सिटी ऑफ मंकी गॉड’ को प्रकाशित किया गया है.
( सोमेश पटेल के इनपुट के साथ)
                                                                        
                                    
                                रायपुर में सरकारी कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय में दो दिन दुनिया भर के विद्वान जुटेंगे.. चर्चा होगी ‘वैदिक संस्कृति में हनुमान एवं आध्यात्मिक संचार’ विश्वविद्यालय का कहना है आयोजन यूपी के संस्कृति विभाग से संबद्ध अयोध्या शोध संस्थान का है. विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एमएस परमार का कहना है " आध्यात्मिक संचार सभी क्षेत्रों में है. हम सभी का आदर करते हैं, कबीर के ऊपर संगोष्ठी की है. अयोध्या संस्थान लखनऊ, संस्कृति मंत्रालय उत्तर प्रदेश का कार्यक्रम है. बैंकॉक से भी अतिथि आ रहे हैं. 60 शोधपत्र पढ़े जाएंगे.
संगोष्ठी में हनुमान के मैनेजमेंट स्किल्स, आधुनिक और प्राचीन हनुमान के रूप, आम जीवन में राम और रामायण का महत्व, हनुमान देव पूजन एवं उपासना केंद्र जैसे विषयों के अलावा अन्य 19 विषय शामिल किए गए हैं. कांग्रेस को लगता है यह सरकारी पैसे की बर्बादी है. वहीं बीजेपी को लगता है कि यह किसी धर्म का अपमान नहीं.
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कांग्रेस प्रवक्ता शैलेष त्रिवेदी ने कहा " हनुमान जी के नाम पर विश्वविद्यालयों में कार्यक्रम करना, शिक्षा में धर्म को डालने से शिक्षा का राजनीतिकरण और साम्प्रदायिकीकरण हो रहा है, शासकीय धन की बर्बादी उचित नहीं है. वहीं बीजेपी प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कहा श्री राम, हनुमान सिर्फ धर्म नहीं, संस्कृति भी हैं. हनुमान क्या हैं... उनकी जीवनशैली लोगों तक पहुंचाई जाई तो ये श्रेष्ठ कार्य है किसी धर्म का अपमान नहीं.
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भगवान हनुमान पर इस सेमिनार का आयोजन विश्वविद्यालय का इंडोलॉजी एंड हेरिटेज मैनेजमेंट डिपॉर्टमेंट करा रहा है, जिसके कोर्स वर्क में बजरंगबली शामिल हैं. आयोजन के लिए छपा कार्ड भी वैश्विक है जिसमें होंडुरास-लेटिन अमरीका से आए हनुमान की प्रतिमा ‘व्हाईट सिटी ऑफ मंकी गॉड’ को प्रकाशित किया गया है.
( सोमेश पटेल के इनपुट के साथ)
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