
प्रतीकात्मक तस्वीर
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निजी वाहन से शव ले जाने के लिए 400 रुपये नहीं थे
अस्पताल से शव के लिए एंबुलेंस कथित रूप से उपलब्ध नहीं थी
सरकार ने लालजी के अंतिम संस्कार के लिए 7,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी.
लालजी के बेटे सर्बजीत भी श्रमिक हैं. सूत्रों ने बताया कि उन्होंने शव घर ले जाने के लिए अस्पताल अधिकारियों से एंबुलेंस मुहैया कराने का आग्रह किया. लेकिन उन्हें बताया गया कि नियम के मुताबिक सरकारी अस्पताल शव ढोने के लिए एंबुलेंस नहीं दे सकता. हालांकि उन्होंने कहा कि अगर वे 400 रुपये देंगे तो एक एंबुलेंस उन्हें मुहैया कराया जा सकता है लेकिन पैसे नहीं होने के कारण सर्बजीत ने मना कर दिया.
इसके बाद सर्बजीत ने अस्पताल परिसर से अपने पिता का शव ले जाने के लिए एक रेहड़ी की व्यवस्था की और अस्पताल के बाहर 150 रुपये किराये में एक ऑटो किया. इस बीच पंजाब सरकार ने लालजी के अंतिम संस्कार के लिए 7,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की. मीडिया की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने जिला प्रशासन से मामले पर गौर करने और शोकसंतप्त परिवार को अंतिम संस्कार के लिए हर मुमकिन सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया.