प्रतीकात्मक फोटो
चंडीगढ़:
पंजाब के गुरदासपुर केंद्रीय कारागार में कैदियों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष शनिवार सुबह तक जारी रहा, लेकिन बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती के कारण जेल ब्रेक की कोशिश नाकाम कर दी गई. पुलिस ने कहा कि पंजाब पुलिस के स्वात (स्पेशल वेपन्स एंड टैक्टिक्स) के कमांडो, सशस्त्र पुलिस के साथ ही अमृतसर, पठानकोट, तरनतारन और बटाला जिलों से पुलिस के जवान हिंसा पर नियंत्रण के लिए गुरदासपुर जेल पहुंचे. उसके बाद कई सारे कैदियों को केंद्रीय कारागार से हटा कर पंजाब की अन्य जेलों में भेज दिया गया.
पुलिस सूत्रों ने कहा कि कई कैदी जेल की बाहरी दीवार फांदकर फरार होने की पूरी तैयारी में थे, लेकिन पुलिस की भारी उपस्थिति के कारण स्थिति नियंत्रण में आ गई. लगभग 5,000 की संख्या में सुरक्षाकर्मी उपस्थित थे और उन्होंने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. गुरदासपुर के पुलिस अधीक्षक भूपिंदरजीत सिंह ने शनिवार को कहा, "स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. हमें स्थिति पर नियंत्रण के लिए अन्य स्थानों से पुलिस बुलानी पड़ी. कैदी दंगे पर उतारू थे और उन्होंने भागने की कोशिश की. हमने आंसू गैस के जरिए उन्हें रोका."
जेल में हिंसा की यह वारदात शुक्रवार अपराह्न उस समय शुरू हुई, जब कुछ गुंडों ने जगतार सिंह जग्गा के नेतृत्व में दो जेल वार्डर पर हमला कर दिया. जेल के अन्य कैदियों ने उसके तत्काल बाद दंगा शुरू कर दिया. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि शनिवार तड़के स्थिति तब अशांत हो गई, जब दंगारत कैदियों ने जेल की संपत्ति क्षतिग्रस्त कर दी और पुलिसकर्मियों के साथ उनका संघर्ष शुरू हो गया. कैदियों ने जेल की बाहरी दीवार फांदने के लिए बागवानी के काम आने वाले औजारों का इस्तेमाल किया, लेकिन वे भागने में सफल नहीं हो पाए, क्योंकि पुलिस ने आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जेल) रोहित चौधरी, एडीजीपी (कानून-व्यवस्था) हरदीप ढिल्लों और पुलिस महानिरीक्षक (सीमा क्षेत्र) नौनिहाल सिंह सहित पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी शुक्रवार रात जेल पहुंच गए, और शनिवार तक वहां डेरा जमाए रहे.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पुलिस सूत्रों ने कहा कि कई कैदी जेल की बाहरी दीवार फांदकर फरार होने की पूरी तैयारी में थे, लेकिन पुलिस की भारी उपस्थिति के कारण स्थिति नियंत्रण में आ गई. लगभग 5,000 की संख्या में सुरक्षाकर्मी उपस्थित थे और उन्होंने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. गुरदासपुर के पुलिस अधीक्षक भूपिंदरजीत सिंह ने शनिवार को कहा, "स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. हमें स्थिति पर नियंत्रण के लिए अन्य स्थानों से पुलिस बुलानी पड़ी. कैदी दंगे पर उतारू थे और उन्होंने भागने की कोशिश की. हमने आंसू गैस के जरिए उन्हें रोका."
जेल में हिंसा की यह वारदात शुक्रवार अपराह्न उस समय शुरू हुई, जब कुछ गुंडों ने जगतार सिंह जग्गा के नेतृत्व में दो जेल वार्डर पर हमला कर दिया. जेल के अन्य कैदियों ने उसके तत्काल बाद दंगा शुरू कर दिया. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि शनिवार तड़के स्थिति तब अशांत हो गई, जब दंगारत कैदियों ने जेल की संपत्ति क्षतिग्रस्त कर दी और पुलिसकर्मियों के साथ उनका संघर्ष शुरू हो गया. कैदियों ने जेल की बाहरी दीवार फांदने के लिए बागवानी के काम आने वाले औजारों का इस्तेमाल किया, लेकिन वे भागने में सफल नहीं हो पाए, क्योंकि पुलिस ने आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जेल) रोहित चौधरी, एडीजीपी (कानून-व्यवस्था) हरदीप ढिल्लों और पुलिस महानिरीक्षक (सीमा क्षेत्र) नौनिहाल सिंह सहित पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी शुक्रवार रात जेल पहुंच गए, और शनिवार तक वहां डेरा जमाए रहे.
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