केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार को कहा कि अंग्रेजों ने भारतीय इतिहास की जो रूपरेखा तय की, उसमें मुगल सम्राटों का महिमामंडन किया गया और महाराणा प्रताप जैसे योद्धाओं का संक्षिप्त उल्लेख किया गया और इन विसंगतियों को सुधारने का कभी कोई प्रयास नहीं किया गया. ठाकुर ने पंजाब में 'स्कूली शिक्षा में हालिया प्रगति' विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारतीयों को उनके इतिहास से दूर रखने के लिए यह साजिश क्यों रची गई? ऐसा करने से क्या हासिल हुआ?''
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह समझने की आवश्यकता है कि इतिहास की पाठ्यपुस्तकों में एक पूरा पृष्ठ मुगल सम्राट औरंगजेब को समर्पित क्यों है, अकबर को 'महान' क्यों कहा गया, जबकि महाराणा प्रताप के बारे में केवल कुछ पंक्तियों का उल्लेख मिलता है.
उन्होंने कहा, ‘‘वे (मुगल) आक्रमणकारी के रूप में आए और भारत को नष्ट कर दिया. उन्होंने भारत पर शासन किया और हमारी संस्कृति, ज्ञान की प्रणाली को नष्ट कर दिया. आजादी के बाद भी इसे सुधारने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए. पश्चिमी विचार हम पर थोपे गए.''
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि देश की शिक्षा प्रणाली में 'भारतीयता' बहुत जरूरी है, जो आजादी के बाद बनी नीतियों में नहीं दिखी. ठाकुर ने कहा कि यह जानने के लिए एक उचित चर्चा की आवश्यकता है कि भारतीयों को उनका वास्तविक प्राचीन इतिहास क्यों नहीं पढ़ाया गया.
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