दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
पंजाब के पठानकोट स्थित भोआ विधानसभा क्षेत्र में आम आदमी पार्टी (आप) के स्टार प्रचारक अरविंद केजरीवाल कोई बड़ी रैली नहीं कर रहे. 40 से ज्यादा गाड़ियों का उनका काफिला सभी बड़े स्थानों पर रुकता है और वहां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल छोटी सभाएं करते हैं.
पंजाब के ग्रामीण इलाकों का दौरा कर रहे केजरीवाल के काफिले की कारों पर लाउडस्पीकर लगे हैं जिनमें बार बार यही नारा दोहराया जाता है, 'झाड़ू वाल बटन दबाईयो पंजाबियों.'
पंजाब में उनकी जनसभाएं दिल्ली में होने वाली मोहल्ला सभाओं की ही तरह हैं.
अपने संभावित वोटरों से केजरीवाल विकास के पंजाब मॉडल की बात कहते हैं जिसमें ड्रग्स का सफाया बड़े चुनावी वादों में से है. अपने अगले वादे में वह दिल्ली की कामयाबी को दोहराने की बात कहते हैं.
'हम आपके लोन माफ कर देंगे और 2500 रुपये की पेंशन भी देंगे जैसा कि हमने दिल्ली में किया.' एक जनसभा में केजरीवाल ने कहा, 'हमलोग 6 महीनों में राज्य से ड्रग्स को निकाल फेंकेंगे. आपके बच्चों को तब डॉक्टर की जरूरत होगी, हम लोग दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर ही सुविधाएं मुहैया कराएंगे.'
केजरीवाल ग्रामीण मतदाताओं पर अपना ध्यान केंद्रित रखते हैं. वह किसानों के मुद्दों पर बात करते हैं और उसके बाद बिजली और सुरक्षा के मुद्दे पर बात करते हैं जो सीमा से लगे इन इलाकों के लोगों को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं.
आप के चुनाव प्रचार से जहां पुराने मतदाता कम प्रभावित दिखते हैं, युवा वोटरों पर इसका ज्यादा असर दिखता है. 19 वर्षीय कुलजीत कहता है, 'अपना वोट तो केजरीवाल को.' उसके दोस्त ने कहा, 'लोग अब परिवर्तन चाहते हैं.'
समयबद्ध चुनावी वादे, स्वच्छ प्रशासन और लोकप्रिय धार्मिक मान्यताओं के आधार पर नए लेकिन रणनीतिक रूप से चुने गए उम्मीदवार पंजाब में आम आदमी पार्टी की योजना का हिस्सा हैं. लेकिन दिल्ली की ही ज्यादातर तरह चुनाव प्रचार अरविंद केजरीवाल के ईर्द गिर्द ही है.
केजरीवाल ने कहा कि ‘आप’ की सरकार में पंजाब का मुख्यमंत्री चाहे कोई भी बने, सारे वादों पर अमल करना उनकी ड्यूटी होगी. आप मुझ पर भरोसा करें और मेरेलिए वोट करें, मैं सुनिश्चित करूंगा कि आपके बच्चे नशे की लत से बाहर आएं और उन्हें रोजगार मिले.
उनके विरोधी उन्हें 'बाहरी' कहते हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इस ठप्पे को अपने पक्ष में कर लिया है. 4 फरवरी को मतदान करने जा रहे पंजाब के लोगों से केजरीवाल कहते हैं, 'वह वो बदलाव हैं जिसकी लोगों को जरूरत है.'
पंजाब के ग्रामीण इलाकों का दौरा कर रहे केजरीवाल के काफिले की कारों पर लाउडस्पीकर लगे हैं जिनमें बार बार यही नारा दोहराया जाता है, 'झाड़ू वाल बटन दबाईयो पंजाबियों.'
पंजाब में उनकी जनसभाएं दिल्ली में होने वाली मोहल्ला सभाओं की ही तरह हैं.
अपने संभावित वोटरों से केजरीवाल विकास के पंजाब मॉडल की बात कहते हैं जिसमें ड्रग्स का सफाया बड़े चुनावी वादों में से है. अपने अगले वादे में वह दिल्ली की कामयाबी को दोहराने की बात कहते हैं.
'हम आपके लोन माफ कर देंगे और 2500 रुपये की पेंशन भी देंगे जैसा कि हमने दिल्ली में किया.' एक जनसभा में केजरीवाल ने कहा, 'हमलोग 6 महीनों में राज्य से ड्रग्स को निकाल फेंकेंगे. आपके बच्चों को तब डॉक्टर की जरूरत होगी, हम लोग दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर ही सुविधाएं मुहैया कराएंगे.'
केजरीवाल ग्रामीण मतदाताओं पर अपना ध्यान केंद्रित रखते हैं. वह किसानों के मुद्दों पर बात करते हैं और उसके बाद बिजली और सुरक्षा के मुद्दे पर बात करते हैं जो सीमा से लगे इन इलाकों के लोगों को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं.
आप के चुनाव प्रचार से जहां पुराने मतदाता कम प्रभावित दिखते हैं, युवा वोटरों पर इसका ज्यादा असर दिखता है. 19 वर्षीय कुलजीत कहता है, 'अपना वोट तो केजरीवाल को.' उसके दोस्त ने कहा, 'लोग अब परिवर्तन चाहते हैं.'
समयबद्ध चुनावी वादे, स्वच्छ प्रशासन और लोकप्रिय धार्मिक मान्यताओं के आधार पर नए लेकिन रणनीतिक रूप से चुने गए उम्मीदवार पंजाब में आम आदमी पार्टी की योजना का हिस्सा हैं. लेकिन दिल्ली की ही ज्यादातर तरह चुनाव प्रचार अरविंद केजरीवाल के ईर्द गिर्द ही है.
केजरीवाल ने कहा कि ‘आप’ की सरकार में पंजाब का मुख्यमंत्री चाहे कोई भी बने, सारे वादों पर अमल करना उनकी ड्यूटी होगी. आप मुझ पर भरोसा करें और मेरेलिए वोट करें, मैं सुनिश्चित करूंगा कि आपके बच्चे नशे की लत से बाहर आएं और उन्हें रोजगार मिले.
उनके विरोधी उन्हें 'बाहरी' कहते हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इस ठप्पे को अपने पक्ष में कर लिया है. 4 फरवरी को मतदान करने जा रहे पंजाब के लोगों से केजरीवाल कहते हैं, 'वह वो बदलाव हैं जिसकी लोगों को जरूरत है.'
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