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This Article is From May 04, 2017

कांग्रेस में प्रेस रिलीज़ की जगह हाथ से लिखी पर्ची क्यों, कहीं ये पार्टी के भीतर खींचतान का नतीजा तो नहीं?

कांग्रेस में प्रेस रिलीज़ की जगह हाथ से लिखी पर्ची क्यों, कहीं ये पार्टी के भीतर खींचतान का नतीजा तो नहीं?
कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी और उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी का फाइल फोटो...
नई दिल्‍ली: कांग्रेस के क्या इतने बुरे दिन आ गए हैं कि अब प्रेस रिलीज़ की जगह पर्ची से काम चलाना पड़े? गुरूवार को पार्टी में हुए बदलाव के ऐलान के वक़्त ऐसा ही हुआ है. प्रेस रिलीज़ की जगह पार्टी की तरफ से हाथ से लिखी दो पर्ची जारी की गईं. एक (लाल बॉलपेन से लिखी) पर्ची में पार्टी में हुए बदलाव का ज़िक्र है तो दूसरी (पेंसिल से लिखी) पर्ची में नवनियुक्त पदाधिकारियों की उम्र और जाति का.

क्या हुए ऐलान
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के मीडिया इंचार्ज रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर राजस्थान के प्रभारी महासचिव के तौर पर अविनाश पांडे के नाम का ऐलान किया. इसके साथ दी प्रदेश के लिए चार सचिव प्रभारी के नामों का ऐलान भी किया गया. पंजाब प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर सुनील जांखड़ और उत्तराखंड के नए प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर प्रीतम सिंह के नाम का ऐलान हुआ, लेकिन औपचारिक प्रेस रिलीज़ किसी की नहीं निकली.
 
congress handwritten press release

अंतर क्या
पार्टी अध्यक्ष की तरफ से जो भी अंतिम फ़ैसला लिया जाता रहा है, उसकी रिलीज़ संगठन के महासचिव जनार्दन द्विवेदी के दस्तखत के साथ बाहर आती रही है, लेकिन इस बार प्रेस रिलीज़ देर रात तक भी नहीं आई. इससे ये क़यास भी लगाया जाने लगा कि कहीं आज के बदलाव कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की रज़ामंदी के बिना तो नहीं किए गए हैं? क्या ये कांग्रेस पर टीम राहुल के बढ़ते दबदबे का नतीजा है? या फिर ये सोनिया राहुल के बीच की किसी खींचतान की बजाय पार्टी के भीतर चल रही खींचतान का नतीजा है?

क्या है माजरा 
तय परंपरा ये रही है कि पार्टी अध्यक्ष के दफ़्तर से नोट संगठन के महासचिव के पास जाता है. फिर यहां से रिलीज़ निकलने के साथ ही सूचना मीडिया सेल के प्रमुख या इंचार्ज के पास जाती है. इस बार बदलाव के फ़ैसले की जानकारी दोनों ही जगहों पर तक़रीबन एक साथ पहुंची. औपचारिक प्रेस रिलीज़ आती, उससे पहले ही मीडिया इंचार्ज सुरजेवाला ने इसे लेकर प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर दी. जानकारी जब सार्वजनिक हो गई तो उसके बाद प्रेस रिलीज़ का कोई मतलब नहीं रह गया.

दूसरी थ्योरी
एक दूसरी जानकारी ये कहती है कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से जब ये जानकारी सीधे मीडिया सेल को मिली तो उसे एक तरह का संकेत माना गया. इसे ओल्ड गार्ड बनाम न्यू गार्ड के चश्मे से देखा गया. सीधी जानकारी मिलने का मतलब कर पार्टी के पुराने नेताओं की ख़त्म होती और युवा नेता/पदाधिकारियों की बढ़ती अहमियत के तौर पर निकाला गया. इसी अति उत्साह में रिलीज़ का इंतज़ार किए बग़ैर न सिर्फ इसका ऐलान कर दिया गया, बल्कि रिलीज़ की बजाय हाथ से लिखी पर्ची को कांग्रेस के आधिकारिक व्‍हाट्सऐप ग्रुप पर जारी कर दिया गया.
 
congress handwritten press release


सुरजेवाला ने अपनी प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में इस बात का ज़िक्र भी किया कि पिछले 15 दिनों में जिन 17 पदाधिकारियों की नियुक्ति हुई है, उनमें से 10 की उम्र 50 साल से कम है. इतना ही नहीं, इन 17 में से 7 ओबीसी और 3 एससी हैं. जाति आधार टिकट वितरण का विवरण तो दिया जाता रहा है, लेकिन पदाधिकारियों को इस तरह से जाति आधार पर वर्गीकृत कर पेश करना भी परंपरा से हटकर बताया जा रहा है.

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