यूपी में अखिलेश यादव के लिए लालू यादव अपने बेटे तेजस्वी यादव के साथ प्रचार करेंगे.
पटना:
राष्ट्रीय जनता दल भले उत्तर प्रदेश में अपना उम्मीदवार नही उतारेगी लेकिन अखिलेश यादव को एक बार फिर मुख्यमंत्री बनाने के लिए लालू यादव अपने बेटे तेजस्वी यादव के साथ प्रचार करेंगे. सोमवार को चुनाव आयोग का फैसला आते ही लालू यादव ने ट्वीट कर कहा ''अखिलेश के नेतृत्व में विकासशील,प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष एवं न्यायप्रिय सरकार बननी तय. सब एकजुट हैं. हम सब मिलकर साम्प्रदायिक ताकतों को हराएंगे.''
इसके पहले लालू यादव एक किताब के विमोचन में बिहार कांग्रेस के मुख्यालय सदाकत आश्रम पहुंचे और वहां कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से एक हफ्ते पहले बातचीत कर अखिलेश यादव से तालमेल करने की सलाह दी. लालू ने कहा कि ''हाल में सोनिया जी से बात की थी और हालचाल पूछा था. सोनियाजी से आग्रह किया कि उत्तर प्रदेश का चुनाव नहीं है, यह देश का चुनाव है, यह रिहर्सल होगी. इस चुनाव को बहुत सोच समझकर लड़ना है. आप लोग अखिलेश यादव से समझौता करके इस चुनाव को लड़िए .. हम लोगों को भी कैम्पेन करने में आसानी होगी. मैडम ने बहुत अच्छे शब्दों में कहा कि मैं विचार कर रही हूं.''
लालू ने कहा कि ''सुना है प्रियंका जी और डिम्पल का एक साथ गुट बना है.'' उन्होंने उम्मीद जताई कि भाजपा के खिलाफ अगर सब लोग कैम्पेन में चलेंगे तो अखिलेश की सत्ता वापसी आसान होगी. हालांकि लालू ने मुलायम सिंह को सबका वरिष्ठ बताया लेकिन निश्चित रूप से लालू का अखिलेश के लिए मुखर होना मुलायम गुट को पसंद नहीं आएगा. हालांकि लालू यादव के दामाद तेजप्रताप यादव के अखिलेश गुट में शुरू से होने के कारण लालू की अखिलेश के लिए सहानुभूति जगजाहिर है.
इस बीच जनता दल यूनाइटेड का कहना है कि अगर सीटों के तालमेल में अखिलेश यादव के साथ बात बन गई तो ठीक है, लेकिन बिहार चुनावों में मुलायम सिंह यादव की नकारात्मक भूमिका को वह उत्तर प्रदेश में रिपीट नहीं करेंगे.
अखिलेश के नेतृत्व में विकासशील,प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष एवं न्यायप्रिय सरकार बननी तय।सब एकजुट है।हमसब मिलकर साम्प्रदायिक ताकतों को हरायेंगे
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) January 16, 2017
इसके पहले लालू यादव एक किताब के विमोचन में बिहार कांग्रेस के मुख्यालय सदाकत आश्रम पहुंचे और वहां कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से एक हफ्ते पहले बातचीत कर अखिलेश यादव से तालमेल करने की सलाह दी. लालू ने कहा कि ''हाल में सोनिया जी से बात की थी और हालचाल पूछा था. सोनियाजी से आग्रह किया कि उत्तर प्रदेश का चुनाव नहीं है, यह देश का चुनाव है, यह रिहर्सल होगी. इस चुनाव को बहुत सोच समझकर लड़ना है. आप लोग अखिलेश यादव से समझौता करके इस चुनाव को लड़िए .. हम लोगों को भी कैम्पेन करने में आसानी होगी. मैडम ने बहुत अच्छे शब्दों में कहा कि मैं विचार कर रही हूं.''
ये यूपी नहीं देश का चुनाव है। अब यूपी में फासीवादी व फ़िरकापरस्त ताकतों की हार पूर्णतः निश्चित। बधाई। समाजवादी पार्टी एकजुट, सब पहले जैसा।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) January 16, 2017
लालू ने कहा कि ''सुना है प्रियंका जी और डिम्पल का एक साथ गुट बना है.'' उन्होंने उम्मीद जताई कि भाजपा के खिलाफ अगर सब लोग कैम्पेन में चलेंगे तो अखिलेश की सत्ता वापसी आसान होगी. हालांकि लालू ने मुलायम सिंह को सबका वरिष्ठ बताया लेकिन निश्चित रूप से लालू का अखिलेश के लिए मुखर होना मुलायम गुट को पसंद नहीं आएगा. हालांकि लालू यादव के दामाद तेजप्रताप यादव के अखिलेश गुट में शुरू से होने के कारण लालू की अखिलेश के लिए सहानुभूति जगजाहिर है.
नेताजी की बनाई हुई पार्टी है। नेताजी अपना आशीर्वाद अखिलेश को देंगे। भाजपाई हाथ मलते रह गए।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) January 16, 2017
इस बीच जनता दल यूनाइटेड का कहना है कि अगर सीटों के तालमेल में अखिलेश यादव के साथ बात बन गई तो ठीक है, लेकिन बिहार चुनावों में मुलायम सिंह यादव की नकारात्मक भूमिका को वह उत्तर प्रदेश में रिपीट नहीं करेंगे.
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