सीएम अरविंद केजरीवाल और नवजोत सिंह सिद्धू (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू के आम आदमी पार्टी में जाने की खबरों को जैसे ही विराम लगता दिखा और कांग्रेस में उनके जाने की खबरें तेज हुईं तो खुद सीएम अरविंद केजरीवाल को ट्वीट करके इस पूरे मुद्दे पर अपना पक्ष रखना पड़ा. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा कि 'नवजोत सिंह सिद्धू के 'आप' में शामिल होने को लेकर काफी अफवाहें चल रही हैं. इस पर मेरा कर्तव्य है कि हम अपनी बात सामने रखें. इस क्रिकेट लीजेंड के लिए हमारे मन में बहुत सम्मान है.'
उन्होंने आगे लिखा कि 'वह पिछले हफ्ते मुझसे मिले थे, लेकिन उन्होंने शर्त जैसी कोई बात नहीं रखी. उन्हें सोचने के लिए थोड़ा समय चाहिए. हमें उनकी भावनाओं का सम्मान करना चाहिए.' उन्होंने आगे ट्वीट में कहा, 'वह एक अच्छे इंसान और क्रिकेट लीजेंड हैं. वो पार्टी में आएं या न आएं, उनके प्रति मेरा सम्मान बना रहेगा.'
असल में अभी तक आम आदमी पार्टी और नवजोत सिंह सिद्धू की बातचीत पर पार्टी या क्रिकेटर सिद्धू औपचारिक रूप से कुछ नहीं बोल रहे थे लेकिन केजरीवाल के इस मुद्दे पर खुलकर सामने आने से माना जा रहा है कि उन्होंने एक तीर से दो शिकार कर दिए हैं.
पहला - सूत्रों के मुताबिक, पिछले हफ्ते केजरीवाल से मुलाक़ात के बाद सिद्धू-आप की बातचीत टूटने के कगार पर थी क्योंकि सिद्धू सीएम उम्मीदवारी चाह रहे थे लेकिन आप किसी भी हालात में उनको ये नहीं दे सकती. ऐसे में बातचीत टूटने पर जहां ये माना जाता कि क्योंकि आप के लिए सिध्दू को आते ही सीएम उम्मीदवार बना देना संभव नहीं था इसलिए बात नहीं बन पाई. वहीं, ये संदेश भी जा सकता था कि आप ने शायद सिद्धू से पहले वादा किया होगा कि वो राज्यसभा की कुर्सी छोड़ें तो आप उनके सीएम उम्मीदवार प्रोजेक्ट कर देगी लेकिन राज्यसभा छोड़ने के बाद अब आप अपने वादे से मुकर गई और सिद्धू कहीं के नहीं रहे. ऐसे में आप की छवि को झटका लगता जिससे भविष्य में कोई नेता अगर इस पार्टी में आने की सोचता तो वो सिद्धू को याद करके ये भी सोचता कि कहीं मेरा भी हाल सिद्धू जैसा तो नहीं हो जाएगा?
दूसरा - केजरीवाल के ट्वीट से अब गेंद सिद्धू के पाले में है. अब उनको बताना है कि क्या वो आप में आ रहे हैं या नहीं आ रहे हैं. अगर नहीं आ रहे हैं तो क्यों नहीं आ रहे हैं? खासतौर से तब जब सिद्धू राज्यसभा से इस्तीफ़ा दे चुके हैं, बीजेपी को जमकर कोस चुके हैं, केजरीवाल से दिल्ली आकर मिल भी चुके हैं. यानी इस ट्वीट से जहां आम आदमी पार्टी एक सुरक्षित स्थिति में आ गई है, वहीं नवजोत सिद्धू एक बार फिर फंस गए हैं और अब बारी सिद्धू के जवाब देने की है.
सिद्धू के पास कांग्रेस से भी ऑफर!
सिद्धू के पास कांग्रेस से भी ऑफर है. बताया जाता है कि कांग्रेस सिद्धू की पत्नी को प्रचार समिति का प्रमुख और डिप्टी सीएम का पद ऑफर कर रही है. साथ में कैप्टन अमरिंदर सिंह के सीएम बनने पर अमृतसर लोकसभा सीट सिद्धू को देने की भी पेशकश की है. सिद्धू इसी सीट से बीजेपी के सांसद हुआ करते थे, लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उनका टिकट काटकर अरुण जेटली को यहां से खड़ा किया और इसी को लेकर सिद्धू की पार्टी से तल्खी पैदा हुई. हालांकि जेटली को कांग्रेस उम्मीदवार कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरा दिया था. अमरिंदर अब राज्य कांग्रेस के सीएम उम्मीदवार हैं, तो ऐसे में चुनाव जीतने पर उन्हें यह सीट छोड़नी होगी.
उन्होंने आगे लिखा कि 'वह पिछले हफ्ते मुझसे मिले थे, लेकिन उन्होंने शर्त जैसी कोई बात नहीं रखी. उन्हें सोचने के लिए थोड़ा समय चाहिए. हमें उनकी भावनाओं का सम्मान करना चाहिए.' उन्होंने आगे ट्वीट में कहा, 'वह एक अच्छे इंसान और क्रिकेट लीजेंड हैं. वो पार्टी में आएं या न आएं, उनके प्रति मेरा सम्मान बना रहेगा.'
असल में अभी तक आम आदमी पार्टी और नवजोत सिंह सिद्धू की बातचीत पर पार्टी या क्रिकेटर सिद्धू औपचारिक रूप से कुछ नहीं बोल रहे थे लेकिन केजरीवाल के इस मुद्दे पर खुलकर सामने आने से माना जा रहा है कि उन्होंने एक तीर से दो शिकार कर दिए हैं.
पहला - सूत्रों के मुताबिक, पिछले हफ्ते केजरीवाल से मुलाक़ात के बाद सिद्धू-आप की बातचीत टूटने के कगार पर थी क्योंकि सिद्धू सीएम उम्मीदवारी चाह रहे थे लेकिन आप किसी भी हालात में उनको ये नहीं दे सकती. ऐसे में बातचीत टूटने पर जहां ये माना जाता कि क्योंकि आप के लिए सिध्दू को आते ही सीएम उम्मीदवार बना देना संभव नहीं था इसलिए बात नहीं बन पाई. वहीं, ये संदेश भी जा सकता था कि आप ने शायद सिद्धू से पहले वादा किया होगा कि वो राज्यसभा की कुर्सी छोड़ें तो आप उनके सीएम उम्मीदवार प्रोजेक्ट कर देगी लेकिन राज्यसभा छोड़ने के बाद अब आप अपने वादे से मुकर गई और सिद्धू कहीं के नहीं रहे. ऐसे में आप की छवि को झटका लगता जिससे भविष्य में कोई नेता अगर इस पार्टी में आने की सोचता तो वो सिद्धू को याद करके ये भी सोचता कि कहीं मेरा भी हाल सिद्धू जैसा तो नहीं हो जाएगा?
दूसरा - केजरीवाल के ट्वीट से अब गेंद सिद्धू के पाले में है. अब उनको बताना है कि क्या वो आप में आ रहे हैं या नहीं आ रहे हैं. अगर नहीं आ रहे हैं तो क्यों नहीं आ रहे हैं? खासतौर से तब जब सिद्धू राज्यसभा से इस्तीफ़ा दे चुके हैं, बीजेपी को जमकर कोस चुके हैं, केजरीवाल से दिल्ली आकर मिल भी चुके हैं. यानी इस ट्वीट से जहां आम आदमी पार्टी एक सुरक्षित स्थिति में आ गई है, वहीं नवजोत सिद्धू एक बार फिर फंस गए हैं और अब बारी सिद्धू के जवाब देने की है.
सिद्धू के पास कांग्रेस से भी ऑफर!
सिद्धू के पास कांग्रेस से भी ऑफर है. बताया जाता है कि कांग्रेस सिद्धू की पत्नी को प्रचार समिति का प्रमुख और डिप्टी सीएम का पद ऑफर कर रही है. साथ में कैप्टन अमरिंदर सिंह के सीएम बनने पर अमृतसर लोकसभा सीट सिद्धू को देने की भी पेशकश की है. सिद्धू इसी सीट से बीजेपी के सांसद हुआ करते थे, लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उनका टिकट काटकर अरुण जेटली को यहां से खड़ा किया और इसी को लेकर सिद्धू की पार्टी से तल्खी पैदा हुई. हालांकि जेटली को कांग्रेस उम्मीदवार कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरा दिया था. अमरिंदर अब राज्य कांग्रेस के सीएम उम्मीदवार हैं, तो ऐसे में चुनाव जीतने पर उन्हें यह सीट छोड़नी होगी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
केजरीवाल, नवजोत सिंह सिद्धू, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, बीजेपी, कैप्टन अमरिंदर सिंह, पंजाब चुनाव, Kejriwal, AAP, Aaam Aadmi Party, Punjab Election