रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का फाइल फोटो...
पणजी:
गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. पर्रिकर ने उनकी आलोचना करने वाले गोवा मीडिया के एक समूह पर तीखा निशाना साधते हुए कहा कि प्रचार पाने के लिए अनावश्यक बड़बड़ाते रहने वालों को उनकी सलाह है कि वे प्रचार पाने के लिए कपड़े उतारकर नंगे नाचें.
पणजी से 40 किलोमीटर दूर उत्तरी गोवा के सत्तारी उप जिला में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक सभा के दौरान पर्रिकर ने सोमवार को यह विवादित टिप्पणी की.
उन्होंने कहा, "मुझे अब भी याद है, 1968 में वाटरगेट कांड पर (राष्ट्रपति रिचर्ड) निक्सन को सलाह देते हुए उन्होंने (एक संपादक ने) मराठी में लंबा चौड़ा संपादकीय लिख डाला था. आखिर मराठी में लिखा उनका लेख भला निक्सन तक कैसे पहुंचता? वह (निक्सन) तो अमेरिका में थे."
पर्रिकर ने कहा, "कुछ लोग अपनी हदें नहीं समझते. वे बकवास करते रहते हैं. उनके लिए मेरे कुछ अच्छे सुझाव हैं. अपने कपड़े उतारो और नंगा नाच करो."
गोवा की क्षेत्रीय भाषा के एक संपादक का उल्लेख करते हुए पर्रिकर ने कहा, "इससे कहीं बेहतर तरीके से प्रचार हासिल किया जा सकता है."
उन्होंने कहा, "प्रचार पाने के लिए दुरुपयोग करने वालों को मैं एक सलाह देता हूं. यहां से एक समाचार पत्र निकलता था, अब भी प्रकाशित हो रहा है. मैं उसका नाम नहीं लूंगा. उसके एक संपादक हैं. वह अंतरराष्ट्रीय स्तर के संपादक थे. उन्हें बुढ़ापे में यहां लाया गया था. उनके समाचार पत्र की सिर्फ एक हजार प्रतियां बिकती थीं..."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पणजी से 40 किलोमीटर दूर उत्तरी गोवा के सत्तारी उप जिला में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक सभा के दौरान पर्रिकर ने सोमवार को यह विवादित टिप्पणी की.
उन्होंने कहा, "मुझे अब भी याद है, 1968 में वाटरगेट कांड पर (राष्ट्रपति रिचर्ड) निक्सन को सलाह देते हुए उन्होंने (एक संपादक ने) मराठी में लंबा चौड़ा संपादकीय लिख डाला था. आखिर मराठी में लिखा उनका लेख भला निक्सन तक कैसे पहुंचता? वह (निक्सन) तो अमेरिका में थे."
पर्रिकर ने कहा, "कुछ लोग अपनी हदें नहीं समझते. वे बकवास करते रहते हैं. उनके लिए मेरे कुछ अच्छे सुझाव हैं. अपने कपड़े उतारो और नंगा नाच करो."
गोवा की क्षेत्रीय भाषा के एक संपादक का उल्लेख करते हुए पर्रिकर ने कहा, "इससे कहीं बेहतर तरीके से प्रचार हासिल किया जा सकता है."
उन्होंने कहा, "प्रचार पाने के लिए दुरुपयोग करने वालों को मैं एक सलाह देता हूं. यहां से एक समाचार पत्र निकलता था, अब भी प्रकाशित हो रहा है. मैं उसका नाम नहीं लूंगा. उसके एक संपादक हैं. वह अंतरराष्ट्रीय स्तर के संपादक थे. उन्हें बुढ़ापे में यहां लाया गया था. उनके समाचार पत्र की सिर्फ एक हजार प्रतियां बिकती थीं..."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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