प्रतीकात्मक तस्वीर
पटना:
बिहार विद्युत नियामक आयोग (बीईआरसी) ने वर्ष 2016-17 में बिजली दर में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किए जाने का निर्णय लिया है जो कि प्रदेश के विद्युत उपभोक्ता के लिए राहत की बात है।
नॉर्थ एंड साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने आयोग के समक्ष गत वर्ष दिसंबर महीने में याचिका दायर की थी जिसमें वित्तीय वर्ष 2016-17 में बिजली दर में करीब 7 प्रतिशत की वृद्धि किए जाने का प्रस्ताव रखा था। बीईआरसी के अध्यक्ष एस के नेगी ने संवाददाताओं को बताया कि आयोग ने वित्तीय वर्ष 2016-17 में इन दोनों कंपनियों के बिजली दर में वृद्धि किया जाना उचित नहीं समझा।
उन्होंने कहा कि आयोग ने जांच के बाद वित्तीय वर्ष 2015-16 में इन दोनों कंपनियों की राजस्व आवश्यकता में 902.92 करोड़ रुपये की कमी (गैप) पायी जिसमें कैरिंग कॉस्ट को जोड़े जाने के बाद वित्तीय वर्ष 2015-16 का सरप्लस 1916 करोड़ रुपये आया। इस सरप्लस की समीक्षा सत्यापित वाषिर्क लेखा के आधार पर नहीं है इसलिए आयोग ने वर्ष 2016-17 के राजस्व आवश्यकता में इसे सम्मिलित करना उचित नहीं समझा।
नेगी ने बताया कि आयोग ने वितरण टैरिफ में वृद्धि नहीं की है पर टैरिफ संरचना एवं टर्म्स एवं कंडीशंस में कुछ बदलाव किए हैं जो कि आगामी एक अप्रैल से लागू होंगे। इन बदलाव के तथा होर्डिंग, ग्लो साईन, एडवरटाईजिंग एवं हाई टेंशन 220 किलो वोल्ट के लिए नई श्रेणी लाई गई हैं। इनके लिए एनडीएस 4 उपभोक्ता श्रेणी का सृजन किया गया है। उन्होंने कहा कि मंथली मिनिमम चार्जेज डीएस 3 एनडीएस 2 एवं एनडीएस 3 उपभोक्ता से मासिक न्यूनतम चार्जेज हटा लिए गए हैं। नेगी ने कहा कि एनडीएस 2 श्रेणी में .5 किलो वाट (आधा किलोवाट) के लिये नए स्लैब का सृजन किया गया है।
उन्होंने कहा कि मांग आधारित टैरिफ तीन फेज यथा एनडीएस 2, एनडीएस 3 एवं एलटीआईएस 2 उपभोक्ता श्रेणियों में आवश्यक किया गया है। नेगी ने बताया कि उपभोक्ता के अग्रिम भुगतान पर एवं प्रीपेड मीटरयुक्त उपभोक्ता के लिये सूद मिलने की स्वीकृति दी गयी है। उन्होंने कहा कि कुटीर ज्योति बीपीएल (ग्रामीण) के लिये संबंध भार की सीमा बढ़ाकर 100 वाट किया गया है। इस अवसर पर आयोग के दो अन्य सदस्य राजीव अमित और एस सी झा भी उपस्थित थे।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
नॉर्थ एंड साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने आयोग के समक्ष गत वर्ष दिसंबर महीने में याचिका दायर की थी जिसमें वित्तीय वर्ष 2016-17 में बिजली दर में करीब 7 प्रतिशत की वृद्धि किए जाने का प्रस्ताव रखा था। बीईआरसी के अध्यक्ष एस के नेगी ने संवाददाताओं को बताया कि आयोग ने वित्तीय वर्ष 2016-17 में इन दोनों कंपनियों के बिजली दर में वृद्धि किया जाना उचित नहीं समझा।
उन्होंने कहा कि आयोग ने जांच के बाद वित्तीय वर्ष 2015-16 में इन दोनों कंपनियों की राजस्व आवश्यकता में 902.92 करोड़ रुपये की कमी (गैप) पायी जिसमें कैरिंग कॉस्ट को जोड़े जाने के बाद वित्तीय वर्ष 2015-16 का सरप्लस 1916 करोड़ रुपये आया। इस सरप्लस की समीक्षा सत्यापित वाषिर्क लेखा के आधार पर नहीं है इसलिए आयोग ने वर्ष 2016-17 के राजस्व आवश्यकता में इसे सम्मिलित करना उचित नहीं समझा।
नेगी ने बताया कि आयोग ने वितरण टैरिफ में वृद्धि नहीं की है पर टैरिफ संरचना एवं टर्म्स एवं कंडीशंस में कुछ बदलाव किए हैं जो कि आगामी एक अप्रैल से लागू होंगे। इन बदलाव के तथा होर्डिंग, ग्लो साईन, एडवरटाईजिंग एवं हाई टेंशन 220 किलो वोल्ट के लिए नई श्रेणी लाई गई हैं। इनके लिए एनडीएस 4 उपभोक्ता श्रेणी का सृजन किया गया है। उन्होंने कहा कि मंथली मिनिमम चार्जेज डीएस 3 एनडीएस 2 एवं एनडीएस 3 उपभोक्ता से मासिक न्यूनतम चार्जेज हटा लिए गए हैं। नेगी ने कहा कि एनडीएस 2 श्रेणी में .5 किलो वाट (आधा किलोवाट) के लिये नए स्लैब का सृजन किया गया है।
उन्होंने कहा कि मांग आधारित टैरिफ तीन फेज यथा एनडीएस 2, एनडीएस 3 एवं एलटीआईएस 2 उपभोक्ता श्रेणियों में आवश्यक किया गया है। नेगी ने बताया कि उपभोक्ता के अग्रिम भुगतान पर एवं प्रीपेड मीटरयुक्त उपभोक्ता के लिये सूद मिलने की स्वीकृति दी गयी है। उन्होंने कहा कि कुटीर ज्योति बीपीएल (ग्रामीण) के लिये संबंध भार की सीमा बढ़ाकर 100 वाट किया गया है। इस अवसर पर आयोग के दो अन्य सदस्य राजीव अमित और एस सी झा भी उपस्थित थे।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
बिहार विद्युत नियामक आयोग, बीईआरसी, बिजली की दरें, बिहार, नॉर्थ एंड साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन, Bihar Electricity Regulatory Commission, BERC, Power Tarrif, Bihar