लालू के जन्मदिन पर राबड़ी ने कहा था कि उन्हें अपने बेटों के लिए बहुओं की तलाश है
पटना:
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने रविवार को कहा कि वह अपने दोनों मंत्री बेटों के लिए बहू की तलाश कर रही हैं, इसके बाद ट्विटर पर सोमवार को वह ट्रेंड कर रही थीं. उन्होंने कहा कि मॉल जाने वाली महिलाएं नहीं चलेंगी. लालू और राबड़ी के दोनों बेटे सवालों से घिरे हैं जब से यह खुलासा हुआ है कि पटना के बाहरी इलाके में दोनों के नाम पर करीब 2 एकड़ जमीन है और जिसपर बिहार के सबसे बड़े मॉल का निर्माण हो रहा था. हालांकि पिछले महीने केंद्र सरकार ने पर्यावरण से जुड़े कानूनों के उल्लंघन को लेकर मॉल के निर्माण कार्य को रुकवा दिया था. बीजेपी ने भी इस प्रोजेक्ट में लालू के परिवार को कथित रूप से फायदा पहुंचाने के लिए धांधली करने का आरोप लगाया था जिसके यह जांच के घेरे में आ गया.
रविवार को अपने पति लालू यादव के जन्मदिन के मौके पर राबड़ी देवी ने पत्रकारों से कहा वो अपने बेटों के लिए बहुएं लाना चाहते हैं जो उनकी इज्जत करे, मॉल जाने से परहेज करे और घर की देखभाल करे. लालू यादव रविवार को ही 70 वर्ष के हुए हैं.
राबड़ी की प्रतिगामी टिप्पणी से उपजे विवाद को सोमवार को लालू अपने ट्वीट के जरिए शांत करते दिखे. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि होने वाली बहुओं को दृढ़ इच्छाशक्ति, सबकी देखभाल करने वाली और सबसे प्यार करने वाली होना चाहिए, कामकाजी होना वैकल्पिक है.
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'संस्कारी बहू का मतलब पर्दे में रहने वाली, घर में कैद और आश्रित नहीं होता. इसका मतलब होता है मजबूत इच्छाशक्ति वाली, सबका ख्याल रखनेवाली और सबसे प्यार करने वाली चाहे वो कामकाजी हो या फिर गृहणी.'
लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप जो कि कैबिनेट मंत्री भी हैं, 29 वर्ष के हैं और अक्सर धार्मिक अनुष्ठानों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की बात करते रहते हैं. इसमें उनका भगवान कृष्ण के रूप में पोज देकर फोटो खिंचवाना भी शामिल हैं.
उनके छोटे भाई तेजस्वी बिहार के उप मुख्यमंत्री हैं.
लालू पर कोई भी सार्वजनिक पद लेने पर प्रतिबंध लगा है क्योंकि उन्हें चारा घोटाला मामले में 2013 में सजा सुनाई गई थी. यह घोटाला 1990 के दशक में उनके बिहार का मुख्यमंत्री रहते हुए हुआ था. जब उन्होंने सरकार के मुखिया के पद से इस्तीफा दिया तब उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को 'कठपुतली मुख्यमंत्री' बना दिया जिनके पास कोई राजनीतिक अनुभव नहीं था.
बीजेपी कहती है कि लालू और राबड़ी ने सत्ता में रहकर इसका पूरा लाभ उठाया. लालू रेल मंत्री भी रह चुके हैं - लालू उन कंपनियों को आकर्षक ठेके दिलाया करते थे जो इसके एवज में दिल्ली और पटना समेत कई शहरों में महंगी संपत्ति खरीदकर और फिर शेल कंपनियों के द्वारा उन संपत्तियों को उन्हें लालू यादव के बच्चों के नाम कर देती थीं. लालू की बड़ी बेटी मीसा भारती ने ऐसे ही एक विवादित जमीन सौदे में हाल ही में आयकर अधिकारियों द्वारा की जाने वाली पूछताछ को टालने की मांग की थी.
2015 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गठबंधन के लिए लालू के साथ अपनी पुरानी दुश्मनी त्याग थी. अपने तीसरे सहयोगी कांग्रेस के साथ मिलकर यह गठबंधन बीजेपी को हराने में कामयाब रहा जबकि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पार्टी के प्रचार की कमान संभाली थी.
रविवार को ही नीतीश ने लालू के जन्मदिन पर शुभकामना संदेश में कहा, लालू तो 70 साल के लगते ही नहीं हैं.
रविवार को अपने पति लालू यादव के जन्मदिन के मौके पर राबड़ी देवी ने पत्रकारों से कहा वो अपने बेटों के लिए बहुएं लाना चाहते हैं जो उनकी इज्जत करे, मॉल जाने से परहेज करे और घर की देखभाल करे. लालू यादव रविवार को ही 70 वर्ष के हुए हैं.
राबड़ी की प्रतिगामी टिप्पणी से उपजे विवाद को सोमवार को लालू अपने ट्वीट के जरिए शांत करते दिखे. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि होने वाली बहुओं को दृढ़ इच्छाशक्ति, सबकी देखभाल करने वाली और सबसे प्यार करने वाली होना चाहिए, कामकाजी होना वैकल्पिक है.
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'संस्कारी बहू का मतलब पर्दे में रहने वाली, घर में कैद और आश्रित नहीं होता. इसका मतलब होता है मजबूत इच्छाशक्ति वाली, सबका ख्याल रखनेवाली और सबसे प्यार करने वाली चाहे वो कामकाजी हो या फिर गृहणी.'
लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप जो कि कैबिनेट मंत्री भी हैं, 29 वर्ष के हैं और अक्सर धार्मिक अनुष्ठानों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की बात करते रहते हैं. इसमें उनका भगवान कृष्ण के रूप में पोज देकर फोटो खिंचवाना भी शामिल हैं.

लालू पर कोई भी सार्वजनिक पद लेने पर प्रतिबंध लगा है क्योंकि उन्हें चारा घोटाला मामले में 2013 में सजा सुनाई गई थी. यह घोटाला 1990 के दशक में उनके बिहार का मुख्यमंत्री रहते हुए हुआ था. जब उन्होंने सरकार के मुखिया के पद से इस्तीफा दिया तब उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को 'कठपुतली मुख्यमंत्री' बना दिया जिनके पास कोई राजनीतिक अनुभव नहीं था.
बीजेपी कहती है कि लालू और राबड़ी ने सत्ता में रहकर इसका पूरा लाभ उठाया. लालू रेल मंत्री भी रह चुके हैं - लालू उन कंपनियों को आकर्षक ठेके दिलाया करते थे जो इसके एवज में दिल्ली और पटना समेत कई शहरों में महंगी संपत्ति खरीदकर और फिर शेल कंपनियों के द्वारा उन संपत्तियों को उन्हें लालू यादव के बच्चों के नाम कर देती थीं. लालू की बड़ी बेटी मीसा भारती ने ऐसे ही एक विवादित जमीन सौदे में हाल ही में आयकर अधिकारियों द्वारा की जाने वाली पूछताछ को टालने की मांग की थी.
2015 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गठबंधन के लिए लालू के साथ अपनी पुरानी दुश्मनी त्याग थी. अपने तीसरे सहयोगी कांग्रेस के साथ मिलकर यह गठबंधन बीजेपी को हराने में कामयाब रहा जबकि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पार्टी के प्रचार की कमान संभाली थी.
रविवार को ही नीतीश ने लालू के जन्मदिन पर शुभकामना संदेश में कहा, लालू तो 70 साल के लगते ही नहीं हैं.
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