आईएएस जितेंद्र गुप्ता
- ये घटना बिहार के कैमुर ज़िले की है, पहली पोस्टिंग में घूस लेने का आरोप
- गुप्ता को कुछ ट्रक वालों से घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया
- ड्राइवर और होमगार्ड के एक जवान को भी गिरफ़्तार किया गया है
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पटना:
आईएएस अधिकारी को उसकी पहली पोस्टिंग में घूस लेने के आरोप में जेल भेजा गया है। यह घटना बिहार के कैमुर ज़िले की है जहां 2013 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी डॉक्टर जितेंद्र गुप्ता को कुछ ट्रक वालों से घूस लेने के आरोप में राज्य निगरानी विभाग ने गिरफ़्तार किया और बुधवार शाम निगरानी अदालत ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अपनी पहली पोस्टिंग में जेल जाने वाले जितेंद्र गुप्ता बिहार के कैमुर ज़िले में एसडीएम की पोस्ट पर कार्यरत थे।
जितेंद्र गुप्ता के साथ उनके ड्राइवर और होमगार्ड के एक जवान को भी गिरफ़्तार किया गया है और उन तीनों पर ट्रक वालों से अवैध वसूली करने का आरोप है।
दरअसल इस घटना में निगरानी विभाग उस समय आया जब कुछ ट्रक मालिकों ने सूचना दी की झारखंड के जमशेदपुर से 4 ट्रक पंजाब लोहे के समान लेकर जा रहे थे और इस महीने की 4 तारीख़ को आरोपी जितेंद्र गुप्ता ने एक ओवरलोडेड ट्रक को पकड़ा और ट्रक को छोड़ने के बदले एक लाख 45 हज़ार की मांग की और बाद में मोलभाव के बाद 80 हज़ार में बात बनी। लेकिन ट्रक मालिकों ने इस बीच निगरानी विभाग को सूचित कर दिया और 12 जुलाई को एसडीएम को ड्राइवर से पैसे लेते रंगें हाथों पकड़ा गया। बाद में गुप्ता के घर पर छापेमारी में कई ट्रक के काग़ज़ात भी मिले।
वहीं, राज्य की आईएएस एसोसिएशन का कहना हैं कि ये कार्रवाई ग़लत है और ड्राइवर के बयान पर अधिकारी की गिरफ़्तारी अगर होने लगी तो आने वाले दिनों में देश के कई अधिकारी जेल जा सकते हैं।
इस सम्बंध में राज्य आईएएस एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल निगरानी विभाग के आलाधिकारियों से भी मिला। कुछ लोगों का कहना है कि इस सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि गुप्ता की कार्रवाई से ट्रक और एंट्री माफ़िया में खलबली मची हो और उन्होंने ड्राइवर के माध्यम से गुप्ता की गिरफ़्तारी कर दी।
जितेंद्र गुप्ता के साथ उनके ड्राइवर और होमगार्ड के एक जवान को भी गिरफ़्तार किया गया है और उन तीनों पर ट्रक वालों से अवैध वसूली करने का आरोप है।
दरअसल इस घटना में निगरानी विभाग उस समय आया जब कुछ ट्रक मालिकों ने सूचना दी की झारखंड के जमशेदपुर से 4 ट्रक पंजाब लोहे के समान लेकर जा रहे थे और इस महीने की 4 तारीख़ को आरोपी जितेंद्र गुप्ता ने एक ओवरलोडेड ट्रक को पकड़ा और ट्रक को छोड़ने के बदले एक लाख 45 हज़ार की मांग की और बाद में मोलभाव के बाद 80 हज़ार में बात बनी। लेकिन ट्रक मालिकों ने इस बीच निगरानी विभाग को सूचित कर दिया और 12 जुलाई को एसडीएम को ड्राइवर से पैसे लेते रंगें हाथों पकड़ा गया। बाद में गुप्ता के घर पर छापेमारी में कई ट्रक के काग़ज़ात भी मिले।
वहीं, राज्य की आईएएस एसोसिएशन का कहना हैं कि ये कार्रवाई ग़लत है और ड्राइवर के बयान पर अधिकारी की गिरफ़्तारी अगर होने लगी तो आने वाले दिनों में देश के कई अधिकारी जेल जा सकते हैं।
इस सम्बंध में राज्य आईएएस एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल निगरानी विभाग के आलाधिकारियों से भी मिला। कुछ लोगों का कहना है कि इस सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि गुप्ता की कार्रवाई से ट्रक और एंट्री माफ़िया में खलबली मची हो और उन्होंने ड्राइवर के माध्यम से गुप्ता की गिरफ़्तारी कर दी।
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