शार्पशूटर मोहम्मद कैफ के साथ तेजप्रताप यादव की तस्वीर (फाइल फोटो)
                                                                                                                        - पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में वांटेड था कैफ
 - शहाबुद्दीन और तेजप्रताप के साथ कैफ की तस्वीरें आई थीं सामने
 - तेजप्रताप ने कैफ के फोटो से जुड़े विवाद को बीजेपी की साजिश बताया था
 
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                                                                                पटना: 
                                        आरजेडी के बहाबुली नेता शहाबुद्दीन और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तथा बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव के साथ तस्वीरों में दिखे कथित शार्प शूटर मोहम्मद कैफ ने सरेंडर कर दिया है. कैफ सीवान के पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के मामले में वांटेड था. उसे 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया है. (मेरा नाम मोहम्मद कैफ है लेकिन मैं शार्प शूटर नहीं : क्रिकेटर मो कैफ)
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों जब शहाबुद्दीन की जेल से रिहाई थी, तब ऐसी तस्वीरें और वीडियो फुटेज सामने आए, जिसमें कैफ को शहाबुद्दीन के पीछे खड़ा देखा गया. उसने जेल से बाहर आने पर न सिर्फ शहाबुद्दीन का स्वागत किया, बल्कि वह 300 कारों के उस काफिले में भी शामिल था, जो शहाबुद्दीन के सीवान स्थित घर तक गया था. उस वक्त ऐसा लगा कि पुलिस ने कैफ को गिरफ्तार करने की कोशिश नहीं की.
इसके बाद नीतीश सरकार को एक और फजीहत झेलनी पड़ी, जब मोहम्मद कैफ की तस्वीर उनके मंत्री तेज प्रताप के साथ भी सामने आई. तेजप्रताप ने इसे बीजेपी की साजिश बताया था. उन्होंने कहा था, वे (बीजेपी) कहीं से कुछ फोटोग्राफ ले आते हैं और झूठे आरोप लगाने लगते हैं. मेरे साथ हजार लोग फोटो खिंचवाते हैं, मैं कैसे जानूं कि इनमें कोई शूटर भी है.
मारे गए पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी कि इस हत्याकांड की जांच को दिल्ली शिफ्ट किया जाए. उन्होंने आरोप लगाया कि मोहम्मद कैफ के फरार रहने के कारण उनके परिवार को खतरा है.
                                                                        
                                    
                                उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों जब शहाबुद्दीन की जेल से रिहाई थी, तब ऐसी तस्वीरें और वीडियो फुटेज सामने आए, जिसमें कैफ को शहाबुद्दीन के पीछे खड़ा देखा गया. उसने जेल से बाहर आने पर न सिर्फ शहाबुद्दीन का स्वागत किया, बल्कि वह 300 कारों के उस काफिले में भी शामिल था, जो शहाबुद्दीन के सीवान स्थित घर तक गया था. उस वक्त ऐसा लगा कि पुलिस ने कैफ को गिरफ्तार करने की कोशिश नहीं की.
इसके बाद नीतीश सरकार को एक और फजीहत झेलनी पड़ी, जब मोहम्मद कैफ की तस्वीर उनके मंत्री तेज प्रताप के साथ भी सामने आई. तेजप्रताप ने इसे बीजेपी की साजिश बताया था. उन्होंने कहा था, वे (बीजेपी) कहीं से कुछ फोटोग्राफ ले आते हैं और झूठे आरोप लगाने लगते हैं. मेरे साथ हजार लोग फोटो खिंचवाते हैं, मैं कैसे जानूं कि इनमें कोई शूटर भी है.
मारे गए पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी कि इस हत्याकांड की जांच को दिल्ली शिफ्ट किया जाए. उन्होंने आरोप लगाया कि मोहम्मद कैफ के फरार रहने के कारण उनके परिवार को खतरा है.
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