FIDE World Chess Championship 2024, D Gukesh vs Ding Liren: भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश और गत चैंपियन डिंग लिरेन ने किसी तरह का जोखिम लेना उचित नहीं समझा और शुक्रवार को विश्व शतरंज चैंपियनशिप की चौथी बाजी ड्रॉ खेली जिससे दोनों खिलाड़ी बराबरी पर बने हुए हैं. दोनों खिलाड़ियों ने 42 चाल के बाद बाजी ड्रॉ कराने पर सहमति जताई. इस तरह से 14 दौर के इस मुकाबले में चार दौर के बाद दोनों खिलाड़ी दो-दो अंक लेकर बराबरी पर हैं. जो भी खिलाड़ी पहले 7.5 अंक हासिल करेगा वह विश्व चैंपियन बनेगा.
विश्व चैंपियनशिप का मुकाबला खेल रहे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी 18 वर्षीय गुकेश ने बुधवार को तीसरी बाजी जीतकर बराबरी की थी. गुकेश ने मैच के बाद कहा,"बाजी जब समाप्ति की ओर बढ़ रही थी तब मेरे पास कुछ मौके थे लेकिन काले मोहरों से खेलते हुए आप इसी तरह के परिणाम की उम्मीद कर सकते हैं."
गुकेश से जब सबसे कम उम्र का विश्व चैंपियन बनने की संभावना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा,"अभी मैं केवल अच्छी चाल चलने पर ध्यान दे रहा हूं." चीन के 32 वर्षीय खिलाड़ी लिरेन ने पहली बाजी जीतकर अच्छी शुरुआत की थी. दूसरी बाजी ड्रॉ रही थी.
🇮🇳 Gukesh D: I guess I should say I kind of believe more in Fischer's quote. I believe in good moves. Yeah, I'm just trying to make good moves."
— International Chess Federation (@FIDE_chess) November 29, 2024
Question: Garry Kasparov has said many times that he believes a bit in numerology. He was born on the 13th of April and was the 13th… pic.twitter.com/32Cp4Q3PwH
लिरेन ने कहा,"मैं किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहता था. इससे मैं थोड़ा फायदे की स्थिति में रहा. अभी स्कोर बराबरी पर है काफी बाजियां खेली जानी बाकी हैं." उन्होंने कहा,"पिछली बाजी में हार से उबरने के लिए मुझे एक दिन के विश्राम का मौका मिला. मैं बहुत अच्छे मूड में हूं. विश्राम मिलने से मुझे फायदा हुआ."
अब जबकि क्लासिकल टाइम कंट्रोल से खेली जा रही इस प्रतियोगिता में 10 बाजियां बची हैं तब गुकेश पांचवें दौर में सफेद मोहरों से खेलने के कारण फायदे की स्थिति में हैं. लिरेन ने शुक्रवार को रानी के पास स्थित ऊंट को निशाना बनाकर जता दिया था कि वह गुकेश से अपनी तैयारी नहीं बल्कि कौशल के आधार पर मुकाबला करना चाहते हैं.
भारतीय खिलाड़ी ने भी चीनी खिलाड़ी की हर चाल का अच्छी तरह से आकलन करके मुकाबले को बराबरी पर बनाए रखा. यह बाजी आखिर में हाथी और प्यादों के साथ समाप्त हुई और दोनों खिलाड़ी अंक बांटकर खुश थे. विश्वनाथन आनंद एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने विश्व चैंपियनशिप जीती है. उन्होंने अपने शानदार करियर में पांच बार यह कारनामा किया.
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