Manu Bhaker's future plan: भारतीय निशानेबाज मनु भाकर (Manu Bhakaer)ने 25 मीटर स्पोर्ट्स पिस्टल में पदक से चूकने के बाद कहा कि उन पर तीसरा पदक जीतने का दबाव नहीं था और वह इसकी भरपाई अगले ओलंपिक खेलों में करेगी. मनु ने चौथे स्थान पर रहकर अपने ओलंपिक अभियान का समापन किया, लेकिन वह इससे पहले ही दो पदक जीतकर स्वतंत्रता के बाद किसी एक ओलंपिक खेलों में यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहले भारतीय खिलाड़ी बन गई थी. मनु ने कहा कि इन ओलंपिक खेलों का अनुभव उन्हें आगे प्रेरणा देता रहेगा. उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि मैं दबाव में थी क्योंकि जैसे ही मेरा पिछला मैच समाप्त हुआ तो मेरे कोच ने कहा कि इतिहास इतिहास होता है और अब वर्तमान में जियो. तुम बाद में मनन कर सकती हो कि यह सब कुछ कैसे हुआ.'
मनु ने कहा,‘जसपाल (राणा) सर मुझे वर्तमान में बनाए रखते हैं. मुझ पर तीसरा पदक जीतने का कोई दबाव नहीं था, लेकिन मैं निश्चित रूप से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहती थी.'उन्होंने कहा,‘चौथा स्थान हासिल करना निश्चित रूप से बहुत अच्छा नहीं लगता लेकिन अगली बार निश्चित तौर पर परिणाम मेरे अनुकूल होगा. अब मेरे पास दो पदक हैं और अगली बार अच्छा प्रदर्शन करने के लिए ढेर सारी प्रेरणा है. अगली बार मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करूंगी और वास्तव में कड़ी मेहनत करूंगी, ताकि मैं अगली बार भारत को बेहतर परिणाम दे सकूं.'
मनु ने स्वीकार किया चौथे स्थान पर रहने से उन्हें कुछ पहलुओं पर काम करना बाकी रह गया है, क्योंकि अब वह अपना ध्यान 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक पर केंद्रित कर रही हैं. उन्होंने कहा, ‘यह मैच मेरे लिए उतार-चढ़ाव वाला रहा. मेरी शुरुआत अच्छी नहीं रही थी, लेकिन आखिर में मैंने दूसरों को पीछे छोड़ दिया. मैंने खुद से कहा कि अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करो लेकिन चीजें मेरे अनुकूल नहीं रही. दुर्भाग्य से हमें चौथे स्थान पर रहते हुए समापन करना पड़ रहा है, लेकिन चौथा स्थान फाइनल में नहीं पहुंच पाने से बेहतर है.'
इस 22 वर्षीय खिलाड़ी ने अपनी दिनचर्या के बारे में कहा, ‘मेरी दिनचर्या काफी कठोर है. मैं हर दिन एक जैसी दिनचर्या का पालन करती हूं. हर दिन एक जैसी चीजें. मैं दूसरों के बारे में नहीं जानती लेकिन मुझे वर्कआउट करना पसंद है. मैं मैच से पहले और मैच के बाद जिम जरूर जाती हूं.' मनु ने कहा कि तीसरा पदक नहीं जीत पाने से वह निराश नहीं हैं.
इस स्टार निशानेबाज ने कहा, 'मैं यह भी सीख रही हूं कि कैसे बोलना है, क्या कहना है और क्या नहीं कहना है, लेकिन मैं वही कहती हूं जो मेरे दिल में होता है. जो लोग मेरी बात सुन रहे हैं, मैं उन्हें बताना चाहती हूं कि मैं वास्तव में कड़ी मेहनत कर रही हूं और आगे जब तक संभव हूं कड़ी मेहनत करना जारी रखूंगी.' मनु ने कहा,‘पिछले ओलंपिक खेलों में मैं अपने प्रदर्शन को लेकर आश्वस्त नहीं थी और मैं डरी हुई थी. इस बार मैं अनुभव के मामले में बहुत अधिक आत्मविश्वास और परिपक्व महसूस कर रही हूं. मेरे कोच ने मेरे अंदर यह आत्मविश्वास जगाया.'
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