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NDTV YUVA: वर्ल्ड चैंपियन को मारकर ही चैंपियन बना जाता है, मैंने वो करके दिखाया - मुक्केबाज मीनाक्षी

भारत की स्वर्ण पदक विजेता मीनाक्षी हुड्डा ने बताया कि "हमारे यहां दही-दूध  और चूरमा खाते हैं, मैं देखने में पतली लगती हूं

Minakshi Hooda, Gold Medalist, World Boxing Championships, 2025

  • स्वर्ण पदक विजेता मीनाक्षी हुड्डा ने अपनी सफलता का श्रेय परंपरागत खान-पान और मेहनत को दिया.
  • हरियाणा में अब परिवार अपनी बेटियों को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.
  • नूपुर श्योराण ने लैंगिक असमानता पर कहा कि उनके परिवार में कभी भेदभाव नहीं हुआ.
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NDTV YUVA: NDTV युवा का मंच एक बार फिर सज गया है. इस बार NDTV युवा मंच पर वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडलिस्ट मुक्केबाज नूपुर श्योराण , जैस्मिन लेम्बोरिया (Jaismine Lamboria, Boxer), मीनाक्षी हुड्डा, पूजा रानी शामिल हुई और अपने करियर को लेकर बात की.  भारत की स्वर्ण पदक विजेता मीनाक्षी हुड्डा ने बताया कि "हमारे यहां दही-दूध  और चूरमा खाते हैं, मैं देखने में पतली लगती हूं, लेकिन जब मेरा पंच लगता है तो सामने वाले को समझ आ जाता है. जिंदगी के सबसे बड़े सबक पर उन्होंने कहा कि वर्ल्ड चैंपियन को हराकर ही वर्ल्ड चैंपियन बना जाता है, मैंने वो करके दिखाया".(Minakshi Hooda, Gold Medalist, World Boxing Championships, 2025)

नूपुर श्योराण- हरियाणा में अब कई परिवार हैं जो अपनी बेटियों को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं

वहीं, दूसरी ओर लिवरपूल में आयोजित विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में 81 किलोग्राम वर्ग में रजत पदक जीतने वाली नूपुर श्योराण से जब लैंगिक असमानता के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "मैं अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी हूं, जिसने भारत का प्रतिनिधित्व किया है. मेरे परिवार में कभी भेदभाव नहीं हुआ.  दरअसल, मेरे और मेरे भाई के बीच, मुझे हमेशा प्राथमिकता दी जाती है. मैं जानती हूँ कि महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार होता है, इस बारे में हरियाणा को अक्सर नकारात्मक रूप में दिखाया जाता है, लेकिन आज स्थिति बदल गई है. " नूपुर ने आगे ये भी कहा, "हरियाणा में अब कई परिवार हैं जो अपनी बेटियों को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं."

पूजा रानी, ​​कांस्य पदक विजेता, विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप, 2025

पूजा से जब पूछा गया कि उन्होंने अब तक की सबसे अजीब चीज क्या की है, तो उन्होंने कहा, "जब भी हरियाणा का नाम आता है, तो हर कोई सोचता है कि वह व्यक्ति कुछ बड़ा करेगा.  जब भी हम किसी टूर्नामेंट में खेलते हैं, तो हरियाणा के मुक्केबाजों का सामना करते समय हर प्रतिद्वंद्वी घबरा जाता है. हम जिस जगह से आते हैं, भिवानी, उसे "मिनी क्यूबा" के रूप में भी जाना जाता है. 

"हमने आने वाली पीढ़ियों के लिए चीज़ें आसान बना दीं": पूजा

पूजा ने अपनी बात आगे जाते हुए कहा"भिवानी में महिला मुक्केबाजी का आगमन काफ़ी देर से हुआ.  हमारे परिवार में भी, लोग लड़कियों के मुक्केबाजी में जाने के ख़िलाफ़ थे.  हरियाणा में, लड़कियों को परिवारों से ज़्यादा सहयोग नहीं मिलता था.  लेकिन, हमारी सफलता ने आने वाली पीढ़ियों के लिए रास्ता साफ़ किया है और चीज़ें आसान बना दी हैं.

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