Tokyo Olympics: महिला डिस्कस थ्रो एथलीथ कमलप्रीत कौर (Kamalpreet Kaur) ने इतिहास रच दिया है. उन्होंने महिला डिस्कस थ्रो के फाइनल में जगह बना ली है. उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में ही 64 मीटर तक डिस्क फेंककर एक बड़े कारनामें को अंजाम दिया है. कमलप्रीत के फाइऩल में पहुंचने से एथलीथ में पहले ओलंपिक मेडल की आस जग गई है. पहले प्रयास में उन्होंने 60.29 मीटर का थ्रो किया, जबकि दूसरे प्रयास में 63.97 मीटर दूर डिस्क फेंका. अब महिला डिस्कस थ्रो का फाइनल 2 अगस्त को होगा. कमलप्रीत कौर अपने ग्रुप में दूसरे नंबर पर रही तो वहीं अमेरिका की वालारी आलमैन ने 66.42 मीटर डिस्कस थ्रो करके पहला स्थान हासिल किया.
KAMAALpreet! #Tokyo2020 | #StrongerTogether | #UnitedByEmotion | #Athletics pic.twitter.com/GI8o0x2NOb
— #Tokyo2020 for India (@Tokyo2020hi) July 31, 2021
भारतीय एथलीट के इतिहास में किसी ने नहीं जीता है मेडल
भारतीय ओलंपिक के इतिहास में अबतक किसी भारतीय खिलाड़ी ने एथलेटिक्स में मेडल नहीं जीता है. ऐसे में कमलप्रीत के पास इतिहास रचने का मौका है. महिला डिस्कस फाइनल में उनके साथ 12 खिलाड़ी होंगे. दूसरी ओर पुरूष एथलेटिक्स में जैवलिन थ्रो खिलाड़ी नीरज चोपड़ा से काफी उम्मीदें हैं.
#TeamIndia | #Tokyo2020 | #Athletics
— Team India (@WeAreTeamIndia) July 31, 2021
A 64m long throw lands National Record Holder #KamalpreetKaur in the Finals of the Discus Throw event. Let's keep cheering on our champ as she prepares to #TakeoverTokyo! #AllTheBest #RukengeNahi #EkIndiaTeamIndia #Cheer4India pic.twitter.com/GcF9DrpLCr
सोशल मीडिया पर हर कोई कर रहा है सलाम
महिला डिस्कस थ्रो के फाइनल में पहुंचने पर कमलप्रीत कौर (Kamalpreet Kaur) को लेकर सोशल मीडिया पर बधाईयों का तांता लग गया है. हर तरफ कमलप्रीत की चर्चा हो रही है. 2 अगस्त को उनका फाइनल होगा. फैन्स अब 2 अगस्त का बेसर्बी से इंतजार कर रहे हैं.
Outstanding performance of #KamalpreetKaur
— Shivam Jaiswal (@7jaiswalshivam) July 31, 2021
Qualified for the final #TeamIndia pic.twitter.com/1FdxUoCgZi
कौन है कमलप्रीत कौर
कमलप्रीत कौर जाब के श्री मुक्तसर साहिब जिले के बादल गांव की रहने वाली है. बचपन में उनको पढ़ाई में कोई दिलचस्पी नहीं थआ. साल 2012 में उन्होंने खुद को एथलीट के तौर पर देखना शुरू किया. कमलप्रीत अपनी पहली स्टेट मीट में चौथे स्थान पर रहीं थी. एक इंटरव्यू में कमलप्रीत ने कहा कि अपने शुरूआती कोच के कहने पर ही उन्होंने अपना करियर एथलीट में बनाने का फैसला किया. साल 2014 में कौर ने अपनी ट्रेनिग और भी गंभीरता से लेना शुरू कर दिया. उनके गांव में भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) केंद्र में उनका प्रारंभिक प्रशिक्षण शुरू हुआ. अपनी मेहनत के दम पर कौर के करियर को जल्द ही गति मिल गई. वह 2016 में अंडर-18 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियन तो वहीं 2017 में 29वें विश्व विश्वविद्यालय खेलों में छठे स्थान पर रहीं थी.
Kamalpreet Kaur has qualified for Women's Discus Throw finals at #Tokyo2020
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) July 31, 2021
India has never won an Olympic Medal in Athletics. All our athletes are trying their best. But I'm looking for history from 3 Athletes. Watch out for #KamalpreetKaur on 2nd August. #Cheer4India pic.twitter.com/V6LY4OXNVw
2019 में किया कमाल
कौर ने 24वें फेडरेशन कप सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कमाल करते हुए इतिहास रचा, वह चक्का फेंक में 65 मीटर बाधा पार करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं थी. वहीं, 2019 में ही कौर के नाम 60.25 मीटर चक्का फेंककर गोल्ड पदक जीतने का कारनामा दर्ज हो गया था. बता दें कि कौर सीमा पुनिया को अपना आदर्श मानती हैं. हालांकि सीमा पुनिया अपने कैटेगिरी में क्वालीफाई करने में असफल हो गई हैं.
VIDEO: शुक्रवार को पदक सुनिश्चित करने के बाद लवलिना के घर में जश्न का माहौल है.
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