
Neeraj Chopra Lieutenant Colonel rank in Territorial Army : भारत के गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा को इंडियन आर्मी की तरफ से बड़ा सम्मान मिला है. उन्हें टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद उपाधि दी गई है. भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं. ये प्रतिष्ठित पद पाने के बाद अब टोक्यो और पेरिस ओलंपिक के पदक विजेता नीरज चोपड़ा को सैलरी के तौर पर एक लाख रुपये मिल सकते हैं. इसके अलावा उन्हें अन्य कई तरह की सुविधाएं भी मिलेंगी.
नीरज चोपड़ा को सबसे पहले 26 अगस्त, 2016 को भारतीय सेना में नायब सूबेदार के पद पर जूनियर कमीशंड अधिकारी के रूप में नामांकित किया गया था. उनकी सराहनीय सेवा के लिए उन्हें 2018 में अर्जुन पुरस्कार और 2021 में विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया था. बाद में उसी साल उन्हें सूबेदार के पद पर प्रमोट किया गया. 2022 में भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च शांतिकाल पदक, परम विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित होने के बाद, उन्हें सूबेदार मेजर बनाया गया. अब वो लेफ्टिनेंट कर्नल बन गए हैं. ये घोषणा वीकली पब्लिक मैगजीन और भारत सरकार के 'द गजट ऑफ इंडिया' में दी गई है.
कितनी सैलरी मिलेगी नीरज चोपड़ा को
लेफ्टिनेंट कर्नल पद पर नीरज चोपड़ा की नियुक्ति 16 अप्रैल 2025 से लागू हो गई है. सेना में आमतौर पर एक लेफ्टिनेंट कर्नल को सैलरी के रूप में ₹1,20,000 से ₹1,50,000 प्रतिमाह की सैलरी मिलती है. इसके अलावा मिलिट्री सर्विस पे, फील्ड एरिया अलाउंस, स्पेशल फोर्स अलाउंस, यूनिफॉर्म अलाउंस, डीए, एचआरए, ट्रांसपोर्ट अलाउंस जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं.
हालांकि, मानद रैंक वाले व्यक्तियों को आमतौर पर सैलरी नहीं दी जाती, क्योंकि वे सक्रिय सेवा में नहीं होते. लेकिन अगर कभी नीरज ट्रेनिंग या विशेष ड्यूटी के लिए जाते हैं तो उन्हें नियमित ऑफिसर जैसी सैलरी और सुविधाएं मिल सकती. यह सैलरी भी तब तक होगी, जब तक वह ऑन ड्यूटी होंगे.
नीरज चोपड़ा देश के लिए व्यक्तिगत गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले ट्रैक एंड फील्ड एथलीट हैं. उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए पहला गोल्ड जीता था. इसके बाद साल 2024 के पेरिस ओलंपिक में भी सिल्वर मेडल जीता. अब नीरज 16 मई को दोहा में डायमंड लीग में हिस्सा लेने वाले हैं.
क्या होती है टेरिटोरियल आर्मी?
टेरिटोरियल आर्मी भारतीय सेना की एक रिजर्व फोर्स होती है, जिसे शांति काल में लोग अपनी नौकरी या व्यवसाय के साथ जोड़कर जॉइन करते हैं. लेकिन युद्ध, आपातकाल या प्राकृतिक आपदा जैसे हालातों में इन्हें एक्टिव किया जाता है, ताकी वो हमारे देश की रेगुलर आर्मी की मदद कर सकें. हालांकि ये पूरी तरह स्वैच्छिक सेवा है.
इन खिलाड़ियों को मिली है मानद रैंक
नीरज चोपड़ा से पहले पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान एमएस धोनी को 2011 में टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक से सम्मानित किया गया था. धोनी ने पैराशूट रेजिमेंट के साथ सैन्य प्रशिक्षण भी पूरा किया. जबकि दिग्गज क्रिकेटर और 1983 विश्व कप विजेता कप्तान कपिल देव को 2008 में भारतीय टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक से सम्मानित किया गया था.
अनुशासन और देशभक्ति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाने वाले देव ने लगातार सशस्त्र बलों का समर्थन किया है और सैन्य संबंधित आयोजनों में भाग लिया है. 2008 ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले निशानेबाद अभिनव बिंद्रा को 2011 में लेफ्टिनेंट कर्नल ( मानद ) पद से सम्मानित किया गया.
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