World Chess Championship, Gukesh D vs Ding Liren Game 13: भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश अपनी पूरी कोशिश के बावजूद चीन के गत चैंपियन डिंग लिरेन को नहीं हरा पाए जिससे बुधवार को विश्व शतरंज चैंपियनशिप की 13वीं बाजी में 68 चाल के बाद उन्हें ड्रॉ से संतोष करना पड़ा. सफेद मोहरों से खेल रहे गुकेश और लिरेन के 6.5-6.5 अंक हो गए और क्लासिकल शतरंज की केवल एक बाजी बची है. इससे यह संभावना है कि मुकाबला 'टाई-ब्रेक' चरण तक बढ़ जाएगा जिसमें कम अवधि की बाजियों से विजेता का फैसला होगा.
♟ Match score after Game 13 is 6½-6½ 🔥
— International Chess Federation (@FIDE_chess) December 11, 2024
FIDE World Championship Game 13: Ding dodges a bullet!
One game left—will we crown a champion or head to tiebreaks? #DingGukesh pic.twitter.com/tZyscx84vW
दोनों खिलाड़ियों ने 68 चाल के बाद ड्रॉ के लिए सहमति दी. 32 वर्षीय लिरेन ने पहली बाजी जीती थी जबकि 18 वर्षीय गुकेश ने तीसरी बाजी अपने नाम कर बराबरी हासिल की थी. इसके बाद दोनों ग्रैंडमास्टर्स ने लगातार सात ड्रॉ खेले। फिर गुकेश ने 11वें मुकाबले में जीत से 6-5 की बढ़त ले ली थी, लेकिन लिरेन ने 12वें मैच में भारतीय खिलाड़ी को हराकर बराबरी हासिल कर ली.
जैसा कि पूर्वानुमान था 18 वर्षीय गुकेश ने अपनी शुरुआती चाल में 'किंग पॉन' चाल का प्रयास किया और फिर से उन्हें लिरेन के पसंदीदा 'फ्रेंच डिफेंस' का सामना करना पड़ा. गुकेश ने जहां शुरू में नये मूव अपनाये लेकिन चीन के खिलाड़ी ने फिर से शुरुआती चरण में बहुत समय लगाया, इससे शुरुआत से ही स्पष्ट था कि सफेद मोहरों के लिए मौका बहुत कम था.
जैसे जैसे बाजी आगे चल रही थी, वैसे ही बीच की चालों को देखते हुए स्पष्ट हो गया कि यह ड्रॉ ही रहेगा. गुकेश को अच्छी तरह से पता था कि यह उनका आखिरी मौका हो सकता है इसलिए उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी और वह और फायदा उठाने की तलाश में लगे रहे. लेकिन लिरेन ने संयम बनाए रखा और जरूरत पड़ने पर गुकेश को परेशानी में डालते रहे. पर दोनों के प्रयासों के बावजूद बाजी ड्रॉ रही.
सबसे कम उम्र के चैलेंजर 18 वर्षीय गुकेश और चीन के 32 वर्षीय लिरेन, कोई भी लंबे समय तक अपनी बढ़त कायम नहीं रख पाया है. गुकेश के पास 11वीं बाजी जीतने के बाद 7.5 के जादुई अंक तक पहुंचने का मौका था लेकिन वह अगली बाजी हार गए.
लिरेन ने 11वीं बाजी में बेहद खराब प्रदर्शन किया लेकिन अगले दौर में वह शानदार वापसी करने में सफल रहे. वह इयान नेपोमनियाचची के खिलाफ पिछले विश्व चैंपियनशिप मुकाबले में भी इसी तरह की स्थिति में थे. वह तब टाईब्रेकर में जीत दर्ज करके विश्व चैंपियन बने थे.
विश्व के नंबर एक खिलाड़ी और पूर्व विश्व चैंपियन मैगनस कार्लसन और अमेरिका के हिकारू नाकामुरा सहित शतरंज के विशेषज्ञों का मानना है कि अब चीन के खिलाड़ी का पलड़ा थोड़ा भारी हो गया है और वह अगली बाजी में अधिक आत्मविश्वास के साथ उतरेंगे.
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