Euro Cup: फुटबॉल संघ (England''s Football Association) ने यूरो कप फाइनल में थ्री लायंस की हार के बाद सोशल मीडिया पर खिलाड़ियों के साथ नस्लवादी दुर्व्यवहार (Racist Abuse) की निंदा की है. ट्विटर पर इंग्लैंड के फुटबॉल संघ ने इसको लेकर एक ट्वीट भी किया है. बता दें कि इटली (Italy) ने रविवार को वेम्बली स्टेडियम में मेजबान इंग्लैंड (England) के यूरो 2020 (Euro Cup Final) का खिताब जीतने के सपने को तोड़ दिया. 90 मिनट तक दोनों टीमों का स्कोर 1-1 पर समाप्त हुआ था जिसके बाद मैच का फैसला पेनल्टी शूटआउट में किया गया. पेनल्टी शूट आउट में इटली ने कमाल का खेल दिखाया और इंग्लैंड को 3-2 से हरा दिया. पेनल्टी शूटआउट में इंग्लैंड के मार्कस रैशफोर्ड, जादोन सांचो और बुकायो साका सभी ने गोल करने का मौका गंवा दिया. इंग्लैंड को मिली हार के बाद सोशल मीडिया पर खिलाड़ियों को लेकर नस्लवादी कमेंट किए जा रहे हैं. जिसको लेकर इंग्लैंड के फुटबॉल संघ ने ट्विटर पर बयान जारी किया है.
"It hurts now. It's going to hurt for a long time. But the boys should be proud."
— England (@England) July 11, 2021
Well said, @HKane.
@UEFA pic.twitter.com/iWSN0SAHb2
फुटबॉल संघ ने अपने बयान में लिखा है, 'हम सभी प्रकार के भेदभाव की कड़ी निंदा करते हैं और सोशल मीडिया पर हमारे इंग्लैंड के कुछ खिलाड़ियों पर हुए नस्लवाद से पूरी तरह से स्तब्ध हैं.' अपने बयान में आगे लिखा, हम स्पष्ट नहीं हो सके है कि कि इस तरह के घृणित व्यवहार के पीछे किसका हाथ है. हम प्रभावित खिलाड़ियों का समर्थन करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे और इसके लिए जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति को कड़ी से कड़ी सजा देने का आग्रह करेंगे"
We're disgusted that some of our squad – who have given everything for the shirt this summer – have been subjected to discriminatory abuse online after tonight's game.
— England (@England) July 12, 2021
We stand with our players https://t.co/1Ce48XRHEl
वहीं, इंग्लैंड टीम (England Football Team) ने भी इसको लेकर आपत्ति जताई है. इंग्लैंड ने ट्विटर पर लिखा, 'हमें इस बात को लेकर अपमानित महसूस कर रहे हैं कि घृणा है कि हमारे कुछ खिलाड़ियों पर जिन्होंने इस मुकाबले के लिए अपना सबकुछ दिया, आज रात के खेल के बाद उनके साथ भेदभावपूर्ण दुर्व्यवहार किया गया. यह बेहद ही घृणात्मक है, 'हम अपने खिलाड़ियों के साथ खड़े हैं.''
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बता दें कि यह दूसरा मौका है जब इटली की टीम यूरो कप चैंपियन बनी है. जियानलुगी डोनारुम्मा ने अपनी बायीं तरफ डाइव लगाकर बुकायो साका का शॉट रोका और इस तरह से इंग्लैंड को अपने पसंदीदा वेम्बले स्टेडियम में लगातार तीसरी बार पेनल्टी शूटआउट में नाकामी हाथ लगी.
england fans are sore racist violent losers that need to be punished by fifa. we can't just sit & watch them physically attack italy fans at wembley then hurl racial insults at rashford, sancho & saka. fifa needs to act. we need to create an environment safe for players & fans. pic.twitter.com/gJOv5xT2dt
— #diaryofnasawali (@nasawali_phame) July 12, 2021
अभी चार साल पहले ही इटली की फुटबॉल की स्थिति अच्छी नहीं थी। वह छह दशक में पहली बार विश्व कप में जगह बनाने में असफल रहा था. अब वह यूरोप की सर्वश्रेष्ठ टीम है और कोच राबर्टों मनीची के रहते हुए सर्वाधिक मैचों में अजेय रहने के राष्ट्रीय रिकार्ड की राह पर है. इंग्लैंड पिछले 55 वर्षों में पहली बार किसी बड़े टूर्नामेंट का फाइनल खेल रहा था. उसने 1966 में विश्व कप में जीत के बाद कोई बड़ा खिताब नहीं जीता है. इससे पहले उसने 1990, 1996, 1998, 2004, 2006 और 2012 में बड़े टूर्नामेंटों में पेनल्टी शूटआउट में मैच गंवाये थे. (भाषा से भी)
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