
प्रतीकात्मक फोटो
- शहीदों की याद में बना ‘शहीद स्मारक’
- दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
- युद्ध स्मारक का करवाया गया निर्माण
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अमृतसर:
पश्चिम कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल के जे सिंह ने बुधवार को तरनतारन जिले के चीमा गांव में अब्दुल हमीद समाधि परिसर में नवनिर्मित ‘शहीद स्मारक ’ को 1965 और 1971 के युद्ध के शहीदों के लिए समर्पित किया।
दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शहीदों को पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। सिंह ने शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र चढ़ाए और देश की शान में प्राण न्यौछावर करने वालों को श्रद्धांजलि दी। 1965 और 1971 के भारत पाक युद्ध के दौरान तरनतारन जिले का खेम करण सेक्टर जांबाज सैनिकों की बहादुरी का गवाह बना।
युद्ध स्मारक का करवाया गया निर्माण
उन्होंने बताया कि शहीदों की याद में सेना की विभिन्न टुकड़ियों ने कुछ युद्ध स्मारक का निर्माण करवाया गया लेकिन दूरदराज के स्थान में निर्मित होने, पर्याप्त देखभाल नहीं होने से उनको बरकरार रखना कठिन हो गया। उन्होंने बताया कि इस कारण वहां से चीमा गांव स्थित अब्दुल हमीद समाधि परिसर में स्मारकों को लाया गया । साथ ही शहीद स्मारक में आठ नए स्मारक बनाए गए।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शहीदों को पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। सिंह ने शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र चढ़ाए और देश की शान में प्राण न्यौछावर करने वालों को श्रद्धांजलि दी। 1965 और 1971 के भारत पाक युद्ध के दौरान तरनतारन जिले का खेम करण सेक्टर जांबाज सैनिकों की बहादुरी का गवाह बना।
युद्ध स्मारक का करवाया गया निर्माण
उन्होंने बताया कि शहीदों की याद में सेना की विभिन्न टुकड़ियों ने कुछ युद्ध स्मारक का निर्माण करवाया गया लेकिन दूरदराज के स्थान में निर्मित होने, पर्याप्त देखभाल नहीं होने से उनको बरकरार रखना कठिन हो गया। उन्होंने बताया कि इस कारण वहां से चीमा गांव स्थित अब्दुल हमीद समाधि परिसर में स्मारकों को लाया गया । साथ ही शहीद स्मारक में आठ नए स्मारक बनाए गए।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)