मध्य प्रदेश के इंदौर के साउथ तोड़ा जूना गणेश मंदिर के नज़दीक रहने वाली एक बुज़ुर्ग महिला, जिन्हें मुहल्ले वाले दुर्गा माँ नाम से पुकारते थे, कुछ दिनों से बीमार थीं. रात को मोहल्ले में रहने वालों मुस्लिम परिवारों ने तबियत पूछी फिर सुबह जब देखा तो मुहल्ले रोना धोना शुरू हो गया मालूम पड़ा के दुर्गा माँ नही रही. फिर उनके दो लड़के है जो कही और रहते है उन्हें बुलाया जब वो आए तो उनके पास इतने पैसे भी नही थे कि अपनी माँ का अंतिम संस्कार कर सकें. तभी मुहल्ले के अकील भाई, असलम भाई, मुदस्सर भाई, राशिद इब्राहिम, इमरान सिराज जैसे मुस्लिमो भाइयो ने अपनी दुर्गा माँ का अंतिम संस्कार किया.
इस दौरान एक सुनहरी इबारत लिखी जो दुनिया मे बहुत ही काम देखने को मिलती है. आज के इस माहौल में जब दूर्गा मां के लिए मुस्लिमो ने जो काम किया वो उन नफरत फैलाने वालों के मुंह पर जोरदार तमाचा है जो हिन्दू मुस्लिमों को बांटकर अपनी राजनीति करते है. देखिए किस तरह से सर पर टोपी लगाके कन्धा दे रहे है जैसे अपनी सगी माँ को कंधा दे रहे हो और हां मुखाग्नि में भी साथ रहे ये लोग.
Covid-19 : इंदौर के चार और मरीजों की कोरोना वायरस से मौत की पुष्टि
वहीं शहर के चार और मरीजों की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत की सोमवार को पुष्टि की गई. इसके बाद सूबे में इस महामारी से दम तोड़ने वाले मरीजों की तादाद बढ़कर 18 पर पहुंच गई है. शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि एक महिला और तीन पुरुषों ने पिछले पांच दिन में शहर के अलग-अलग अस्पतालों में दम तोड़ा. इनकी मौत से पहले लिए गए नमूनों की जांच रिपोर्ट से पता चला है कि 50 से 60 वर्ष की उम्र के ये मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित थे. उन्होंने बताया कि कोविड-19 की चपेट में आने के बाद दम तोड़ने वाले इन मरीजों को दमा, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और अन्य बीमारियां भी थीं.
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