अलवर:
राजस्थान के अलवर में पिछले हफ्ते लोगों को दहला कर रख देने वाला जघन्य हत्या का मामला पुलिस के मुताबिक सुलझा लिया गया है. पिछले हफ्ते दीवाली के वक्त शहर के कई रिहायशी कॉलोनियों में शरीर के कटे हुए टुकड़े मिले थे. प्लास्टिक की थैलियों में रखे ये टुकड़े जले हुए थे. बीते चार दिनों के दौरान पुलिस को शरीर के ऐसे 7 टुकड़े मिले और इनमें एक बात समान थी कि इन्हें काट और जलाकर बैग में ठूसा गया था.
ये सब शुरू हुआ 30 अक्टूबर को, जब अलवर के उच्च मध्यवर्गीय रिहायशी इलाके आर्य नगर में प्लास्टिक का एक थैला मिला, जिसमें एक महिला का दाहिना पैर रखा था. इसके बाद दो कटे हुए हाथ ऐसे ही दो थैलों में बरामद हुए. इसी तरह बुधवार को मिले सातवें और आखिरी थैले में महिला का कटा सिर रखा था.
पुलिस को शक हुआ कि हत्यारा उसी इलाके के आस-पास ही रहता होगा, जहां से थैले मिले. फिर उसने इन रिहायशी इलाकों में घर-घर जाकर पूछताछ करनी शुरू की. पेशेवर कामगारों के इस इलाके में पुलिस को 35 वर्षीय योगेश मल्होत्रा पर शक हुआ. अलवर के पुलिस अधीक्षक राहुल प्रकाश कहते हैं, 'हमने घर घर जाकर पूछताछ की, कल हम एक ऐसे घर पहुंचे जहां दीवाली बाद से ही एक महिला लापता थी. पड़ोसियों ने बताया कि उन्होंने घर से झगड़े की कुछ आवाज़ें सुनी थी और उसके बाद से आरती नाम की उस महिला को नहीं देखा.'
इसके तुरंत बाद ही पुलिस ने योगेश पर नजर रखनी शुरू कर दी. हाथों पर जलने के निशान और पुलिस दल के इलाके में पूछताछ के लिए पहुंचने पर उसके घर से निकल भागने की वजह से पुलिस का शक और गहरा हो गया. पड़ोसियों ने यह भी बताया कि पिछले कुछ दिनों से वह उसे प्लास्टिक की थैलियां ले जाते देख रहे हैं.
इन सारी बातों से पुलिस के शक को पुख्ता कर दिया और वह उसकी तलाश में जुट गई. आखिरकार पुलिस ने उसे हिसार से हिरासत में लिया, जहां वह छुपा बैठा था. पुलिस के मुताबिक, उसने स्वीकार कर लिया है कि उसने अपनी पत्नी के शव के टुकड़े-टुकड़े किए, हालांकि उसका कहना है कि उसने जान नहीं ली, बल्कि उसकी पत्नी ने आत्महत्या की थी.
पुलिस हिरासत में बंद योगेश का कहना है, 'मैंने उसे नहीं मारा, उसने आत्महत्या की है, लेकिन मैं डर गया था कि अगर मुझे कुछ हो गया तो मेरी छोटी बेटी का कौन ख्याल रखेगा, इसलिए मैंने उसकी लाश को काट कर ठिकाने लगाया.'
उसके पास कोई पक्की नौकरी नहीं और पुलिस का मानना है कि इस हत्या के पीछे यह वजह हो सकती है कि उसे अपनी पत्नी आरती पर बेवफाई का शक था.
ये सब शुरू हुआ 30 अक्टूबर को, जब अलवर के उच्च मध्यवर्गीय रिहायशी इलाके आर्य नगर में प्लास्टिक का एक थैला मिला, जिसमें एक महिला का दाहिना पैर रखा था. इसके बाद दो कटे हुए हाथ ऐसे ही दो थैलों में बरामद हुए. इसी तरह बुधवार को मिले सातवें और आखिरी थैले में महिला का कटा सिर रखा था.
पुलिस को शक हुआ कि हत्यारा उसी इलाके के आस-पास ही रहता होगा, जहां से थैले मिले. फिर उसने इन रिहायशी इलाकों में घर-घर जाकर पूछताछ करनी शुरू की. पेशेवर कामगारों के इस इलाके में पुलिस को 35 वर्षीय योगेश मल्होत्रा पर शक हुआ. अलवर के पुलिस अधीक्षक राहुल प्रकाश कहते हैं, 'हमने घर घर जाकर पूछताछ की, कल हम एक ऐसे घर पहुंचे जहां दीवाली बाद से ही एक महिला लापता थी. पड़ोसियों ने बताया कि उन्होंने घर से झगड़े की कुछ आवाज़ें सुनी थी और उसके बाद से आरती नाम की उस महिला को नहीं देखा.'
इसके तुरंत बाद ही पुलिस ने योगेश पर नजर रखनी शुरू कर दी. हाथों पर जलने के निशान और पुलिस दल के इलाके में पूछताछ के लिए पहुंचने पर उसके घर से निकल भागने की वजह से पुलिस का शक और गहरा हो गया. पड़ोसियों ने यह भी बताया कि पिछले कुछ दिनों से वह उसे प्लास्टिक की थैलियां ले जाते देख रहे हैं.
इन सारी बातों से पुलिस के शक को पुख्ता कर दिया और वह उसकी तलाश में जुट गई. आखिरकार पुलिस ने उसे हिसार से हिरासत में लिया, जहां वह छुपा बैठा था. पुलिस के मुताबिक, उसने स्वीकार कर लिया है कि उसने अपनी पत्नी के शव के टुकड़े-टुकड़े किए, हालांकि उसका कहना है कि उसने जान नहीं ली, बल्कि उसकी पत्नी ने आत्महत्या की थी.
पुलिस हिरासत में बंद योगेश का कहना है, 'मैंने उसे नहीं मारा, उसने आत्महत्या की है, लेकिन मैं डर गया था कि अगर मुझे कुछ हो गया तो मेरी छोटी बेटी का कौन ख्याल रखेगा, इसलिए मैंने उसकी लाश को काट कर ठिकाने लगाया.'
उसके पास कोई पक्की नौकरी नहीं और पुलिस का मानना है कि इस हत्या के पीछे यह वजह हो सकती है कि उसे अपनी पत्नी आरती पर बेवफाई का शक था.
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