बाहुबली पूर्व सांसद शहाबुद्दीन फिलहाल भागलपुर जेल में बंद हैं (फाइल फोटो)
सीवान:
बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनता दल (आरेजडी) के नेता और पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मंगलवार को बिहार की एक अदालत में अर्जी देकर राज्य सरकार से अपने जान-माल को खतरा बताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई है। पूर्व सांसद फिलहाल भागलपुर जेल में बंद हैं।
सीवान के अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश (एडीजे) -4 और विशेष अदालत में पूर्व सांसद की ओर से अधिवक्ता अभय कुमार राजन ने अर्जी दी है। अर्जी में कहा गया है कि 'पूर्व सांसद को राज्य सरकार से जान को खतरा है।'
अधिवक्ता राजन ने बताया कि एडीजे-4 और विशेष अदालत के न्यायाधीश अजय कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने इस संबंध में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी।
शहाबुद्दीन की ओर से अधिवक्ता द्वारा दी गई अर्जी के मुताबिक, जेल में रहने के दौरान ही शहाबुद्दीन की वर्ष 2006 में राज्य सरकार के इशारे पर हत्या करने की कोशिश की गई। अनुमंडल पुलिस अधिकारी सुधीर कुमार के हमले से शहाबुद्दीन की रीढ़ की हड्डी खिसक गई थी, जिसका दिल्ली एम्स में ऑपरेशन कराया गया था। डॉक्टरों की टीम ने जांच के दौरान इसकी पुष्टि भी की थी।
आवेदन में कहा गया है कि राज्य सरकार जेल प्रशासन से मिलकर उन्हें ठिकाने लगाने की साजिश रचती रही है, लेकिन न्यायालय के हस्तक्षेप से ऐसा नहीं हो सका। आवेदन में यह भी कहा गया है कि अल्पसंख्यक समुदाय से होने तथा नेता होने के कारण सरकार प्रताड़ित करना चाहती है। आवेदन में फर्जी मुकदमे में फंसाने और जान से मारने की साजिश रचने की आशंका जताई गई है।
आवेदन में आदेश के बिना ही सीवान जेल से भागलपुर जेल में स्थानांतरित कर देने को भी हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताया गया है। राजन ने बताया कि इस आवेदन पर अदालत ने राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में अपर लोक अभियोजक को 14 जुलाई को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि शहाबुद्दीन सीवान जेल में बंद थे, लेकिन पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के बाद उन्हें भागलपुर जेल स्थानांतरित कर दिया है।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सीवान के अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश (एडीजे) -4 और विशेष अदालत में पूर्व सांसद की ओर से अधिवक्ता अभय कुमार राजन ने अर्जी दी है। अर्जी में कहा गया है कि 'पूर्व सांसद को राज्य सरकार से जान को खतरा है।'
अधिवक्ता राजन ने बताया कि एडीजे-4 और विशेष अदालत के न्यायाधीश अजय कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने इस संबंध में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी।
शहाबुद्दीन की ओर से अधिवक्ता द्वारा दी गई अर्जी के मुताबिक, जेल में रहने के दौरान ही शहाबुद्दीन की वर्ष 2006 में राज्य सरकार के इशारे पर हत्या करने की कोशिश की गई। अनुमंडल पुलिस अधिकारी सुधीर कुमार के हमले से शहाबुद्दीन की रीढ़ की हड्डी खिसक गई थी, जिसका दिल्ली एम्स में ऑपरेशन कराया गया था। डॉक्टरों की टीम ने जांच के दौरान इसकी पुष्टि भी की थी।
आवेदन में कहा गया है कि राज्य सरकार जेल प्रशासन से मिलकर उन्हें ठिकाने लगाने की साजिश रचती रही है, लेकिन न्यायालय के हस्तक्षेप से ऐसा नहीं हो सका। आवेदन में यह भी कहा गया है कि अल्पसंख्यक समुदाय से होने तथा नेता होने के कारण सरकार प्रताड़ित करना चाहती है। आवेदन में फर्जी मुकदमे में फंसाने और जान से मारने की साजिश रचने की आशंका जताई गई है।
आवेदन में आदेश के बिना ही सीवान जेल से भागलपुर जेल में स्थानांतरित कर देने को भी हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताया गया है। राजन ने बताया कि इस आवेदन पर अदालत ने राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में अपर लोक अभियोजक को 14 जुलाई को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि शहाबुद्दीन सीवान जेल में बंद थे, लेकिन पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के बाद उन्हें भागलपुर जेल स्थानांतरित कर दिया है।
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