नई दिल्ली:
गाजियाबाद के एक निजी स्कूल में पढ़ने वाली लड़की ने महज इसलिए आत्महत्या कर ली क्योंकि उसके पिता दो महीने से उसकी फीस नहीं भर पा रहे थे।
बच्चों की शिक्षा पर व्यय से आर्थिक तंगी में था परिवार
गाजियाबाद के सेवानगर में रतन सिंह का परिवार रहता है। उनकी तीन बेटियां और एक बेटा एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ते थे। दो माह से इकट्ठी फीस और किताबें लेने के कारण उनको पैसे की दिक्कत हो गई। करीब दो हजार रुपए फीस बकाया हो गई।
शिक्षिकाओं के छेड़खानी की झूठी शिकायत की
फीस को वसूलने के लिए डीएसपी स्कूल की छह महिला टीचर रतन सिंह के घर पहुंच गईं। उन्होंने पहले तो रतन सिंह को बच्चों के सामने ही बुरी तरह जलील किया। फिर पुलिस बुलाकर छेड़खानी की झूठी शिकायत करके उसे थाने भिजवा दिया। रतन सिंह और उसके बच्चे टीचरों के सामने गिड़गिड़ाते रहे लेकिन जब कुछ नहीं हुआ तो परेशान नाबालिग लड़की ने आत्महत्या कर ली।
आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज
पुलिस ने छह टीचरों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर लिया है। छह में से चार टीचरों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। हालांकि टीचर का कहना है कि रतन सिंह ने अपने बच्चों के नाम कटवाकर सरकारी स्कूल में दाखिला करवा लिया था। बुधवार को वे दोबारा अपने स्कूल में एडमिशन करवाने के लिए बातचीत करने गई थीं।
सवाल यह उठता है कि बच्चों को नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाली टीचरों को फीस के लिए इतना प्रताड़ित करना चाहिए था?
बच्चों की शिक्षा पर व्यय से आर्थिक तंगी में था परिवार
गाजियाबाद के सेवानगर में रतन सिंह का परिवार रहता है। उनकी तीन बेटियां और एक बेटा एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ते थे। दो माह से इकट्ठी फीस और किताबें लेने के कारण उनको पैसे की दिक्कत हो गई। करीब दो हजार रुपए फीस बकाया हो गई।
शिक्षिकाओं के छेड़खानी की झूठी शिकायत की
फीस को वसूलने के लिए डीएसपी स्कूल की छह महिला टीचर रतन सिंह के घर पहुंच गईं। उन्होंने पहले तो रतन सिंह को बच्चों के सामने ही बुरी तरह जलील किया। फिर पुलिस बुलाकर छेड़खानी की झूठी शिकायत करके उसे थाने भिजवा दिया। रतन सिंह और उसके बच्चे टीचरों के सामने गिड़गिड़ाते रहे लेकिन जब कुछ नहीं हुआ तो परेशान नाबालिग लड़की ने आत्महत्या कर ली।
आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज
पुलिस ने छह टीचरों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर लिया है। छह में से चार टीचरों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। हालांकि टीचर का कहना है कि रतन सिंह ने अपने बच्चों के नाम कटवाकर सरकारी स्कूल में दाखिला करवा लिया था। बुधवार को वे दोबारा अपने स्कूल में एडमिशन करवाने के लिए बातचीत करने गई थीं।
सवाल यह उठता है कि बच्चों को नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाली टीचरों को फीस के लिए इतना प्रताड़ित करना चाहिए था?
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