मणिपुर में मेइतेई समुदाय की आबादी कम होने के कारण महिलाओं को सम्मानित करने का फैसला लिया गया है (फाइल फोटो)
इंफाल:
एक तरफ हम देश की हर समस्या के लिए बढ़ती हुई आबादी को जिम्मेदार ठहराते हैं, वहीं मणिपुर में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां, ज्यादा बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया है. मणिपुर की तीन महिलाओं ने 10-10 बच्चों को जन्म दिया है. इन महिलाओं को राज्य के एक समूह द्वारा सम्मानित और पुरस्कृत किया गया है.
गौरतलब है कि मणिपुर मेइतेई समुदाय की जनसंख्या लगातार कम हो रही है. सोमवार का कार्यक्रम इस तरह का लगातार चौथा वार्षिक समारोह था, जहां मणिपुर की महिलाओं को सम्मानित किया गया. इन्हें डर है कि इस अशांत राज्य में गैर-स्थानीय लोगों की आबादी यहां के स्थानीय आबादी को पछाड़ देगी.
तीन महिला जिन्हें सम्मानित किया गया, वे हैं टी. सुमति (41) एन. मलिका (55) और एस. इनाक्कुनबी (40)। प्रत्येक को 10,000 रुपये नगद और प्रमाणपत्र दिया गया. इस समारोह को इरामदम कुन्बा अपुनबा लुप (आईकेएएल) द्वारा आयोजित किया गया. यह संगठन मणिपुर की महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा बच्चों को जन्म देने के लिए प्रेरित करता है.
मणिपुर की जनसंख्या 28 लाख से थोड़ी कम है. यह माना गया है कि गैर-स्थानीय आबादी ने स्थानीय आबादी को पछाड़ दिया है. विद्रोही गुट और कुछ नागरिक समाज के संगठन मणिपुर चुनावों में गैर स्थानीय लोगों को नहीं लड़ने दे रहे हैं.
इस समारोह की अध्यक्षता करने वाले सोइबम सुभाषचंद्र ने कहा कि मणिपुर में राजाओं के समय पर्याप्त जनसंख्या वृद्धि हुई थी. आईकेएएल के अध्यक्ष लुवांग लीमा ने कहा कि स्थानीय आबादी को बचाने के लिए मणिपुर में जनसंख्या को बढ़ाने की जरूर है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
गौरतलब है कि मणिपुर मेइतेई समुदाय की जनसंख्या लगातार कम हो रही है. सोमवार का कार्यक्रम इस तरह का लगातार चौथा वार्षिक समारोह था, जहां मणिपुर की महिलाओं को सम्मानित किया गया. इन्हें डर है कि इस अशांत राज्य में गैर-स्थानीय लोगों की आबादी यहां के स्थानीय आबादी को पछाड़ देगी.
तीन महिला जिन्हें सम्मानित किया गया, वे हैं टी. सुमति (41) एन. मलिका (55) और एस. इनाक्कुनबी (40)। प्रत्येक को 10,000 रुपये नगद और प्रमाणपत्र दिया गया. इस समारोह को इरामदम कुन्बा अपुनबा लुप (आईकेएएल) द्वारा आयोजित किया गया. यह संगठन मणिपुर की महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा बच्चों को जन्म देने के लिए प्रेरित करता है.
मणिपुर की जनसंख्या 28 लाख से थोड़ी कम है. यह माना गया है कि गैर-स्थानीय आबादी ने स्थानीय आबादी को पछाड़ दिया है. विद्रोही गुट और कुछ नागरिक समाज के संगठन मणिपुर चुनावों में गैर स्थानीय लोगों को नहीं लड़ने दे रहे हैं.
इस समारोह की अध्यक्षता करने वाले सोइबम सुभाषचंद्र ने कहा कि मणिपुर में राजाओं के समय पर्याप्त जनसंख्या वृद्धि हुई थी. आईकेएएल के अध्यक्ष लुवांग लीमा ने कहा कि स्थानीय आबादी को बचाने के लिए मणिपुर में जनसंख्या को बढ़ाने की जरूर है.
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