जाकिर नाईक की फाइल तस्वीर
मुंबई:
विवादित इस्लामिक विद्वान डॉ ज़ाकिर नाईक ने स्काइप या दूसरे किसी भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग) से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने हाजिर होने की इच्छा जताई है. ज़ाकिर नाईक के वकील ने ईडी को पत्र लिखकर ये जानकारी दी है. ईडी ने ज़ाकिर को सम्मन जारी कर इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के वित्तीय लेनदेन के संबंध में बयान देने के लिए 9 फ़रवरी को हाजिर होने को कहा था. हालांकि ईडी को दिए पत्र में ज़ाकिर के वकील ने सीधे ज़ाकिर को कोई भी सम्मन मिलने से इनकार किया है.
ज़ाकिर का कहना है कि वो अनिवासी भारतीय हैं और पिछले कई महीने से विदेश में हैं और ईडी के सामने व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के लिए और भी कई महीने लग सकते हैं, इसलिए वो वीडियो लिंक के जरिये जांच में सहयोग करने को तैयार हैं. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने ज़ाकिर की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को प्रतिबंधित कर दिया है और उसके खिलाफ मामला भी दर्ज हो चुका है.
ईडी ने पिछले दिनों ज़ाकिर नाइक के सहयोगी आमिर ग़ज़दर को प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत गिरफ़्तार कर लिया. आमिर पर ज़ाकिर नाइक के वित्तीय लेनदेन का काम देखने का आरोप है. आमिर को पीएमएलए की विशेष अदालत ने 22 फ़रवरी तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है.
ज़ाकिर का कहना है कि वो अनिवासी भारतीय हैं और पिछले कई महीने से विदेश में हैं और ईडी के सामने व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के लिए और भी कई महीने लग सकते हैं, इसलिए वो वीडियो लिंक के जरिये जांच में सहयोग करने को तैयार हैं. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने ज़ाकिर की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को प्रतिबंधित कर दिया है और उसके खिलाफ मामला भी दर्ज हो चुका है.
ईडी ने पिछले दिनों ज़ाकिर नाइक के सहयोगी आमिर ग़ज़दर को प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत गिरफ़्तार कर लिया. आमिर पर ज़ाकिर नाइक के वित्तीय लेनदेन का काम देखने का आरोप है. आमिर को पीएमएलए की विशेष अदालत ने 22 फ़रवरी तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है.
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जाकिर नाईक, Zakir Naik, इस्लामिक फाउंडेशन रिसर्च, Islamic Foundation Research, प्रवर्तन निदेशालय, Extradition Department