प्रतीकात्मक तस्वीर
मुंबई:
मुंबई के भायखला में स्थित वीरमाता जीजाभाई भोसले उद्यान में इस साल जुलाई में लाए गए 8 में से एक पेंग्विन की मौत हो गई. दक्षिण कोरिया से इस साल जुलाई में सैलानियों के लिये पेंग्विन लाए गए थे, लेकिन आम जनता देख पाती उससे पहले एक पेंग्विन ने दम तोड़ दिया.
18 अक्टूबर की सुबह लगभग 8.30 बजे एक मादा हमबोल्ट पेंग्विन जिसका वज़न लगभग 3 किलो था, वो थोड़ी सुस्त दिख रही थी. सांस लेने में तकलीफ और कम भूख की वजह से उसे फौरन डॉक्टर के पास ले जाया गया. तमाम तरह की जांच के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका और रविवार सुबह उसकी मौत हो गई.
ज़ू में सैलानियों के आकर्षण के लिए 2014 में इन पेंग्विन को लाने का फैसला लिया गया था. सियोल से मुंबई आने में इन्हें दो साल का वक्त लगा लेकिन कई पशु प्रेमियों ने मुंबई की जलवायु को पेंग्विन के लिए अनुपयुक्त बताते हुए इस फैसले का विरोध किया था. हालांकि ज़ू प्रबंधन ने तापमान अनुकूल बनाए रखने के लिये उस एरिया को वातानुकूलित बनाए रखा. करीब़ ढाई करोड़ रुपये में लाई गई इन पेंग्विनों की देख-रेख के लिये 19 करोड़ रुपये का बजट था लेकिन आम जनता के देखने से पहले एक पेंग्विन की मौत हो गई.
18 अक्टूबर की सुबह लगभग 8.30 बजे एक मादा हमबोल्ट पेंग्विन जिसका वज़न लगभग 3 किलो था, वो थोड़ी सुस्त दिख रही थी. सांस लेने में तकलीफ और कम भूख की वजह से उसे फौरन डॉक्टर के पास ले जाया गया. तमाम तरह की जांच के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका और रविवार सुबह उसकी मौत हो गई.
ज़ू में सैलानियों के आकर्षण के लिए 2014 में इन पेंग्विन को लाने का फैसला लिया गया था. सियोल से मुंबई आने में इन्हें दो साल का वक्त लगा लेकिन कई पशु प्रेमियों ने मुंबई की जलवायु को पेंग्विन के लिए अनुपयुक्त बताते हुए इस फैसले का विरोध किया था. हालांकि ज़ू प्रबंधन ने तापमान अनुकूल बनाए रखने के लिये उस एरिया को वातानुकूलित बनाए रखा. करीब़ ढाई करोड़ रुपये में लाई गई इन पेंग्विनों की देख-रेख के लिये 19 करोड़ रुपये का बजट था लेकिन आम जनता के देखने से पहले एक पेंग्विन की मौत हो गई.
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