मुंबई:
नोटबंदी से बाज़ार मुरझाया हुआ है. बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल्स से लेकर शहर की गलियों में फैले दुकानों तक, मुंबई के बांद्रा में लिकिंग रोड से लेकर दक्षिण मुंबई में कॉलेज छात्रों की खरीदारी का बड़ा बाज़ार फैशन स्ट्रीट भी इससे अछूता नहीं है.
आम दिनों में फैशन स्ट्रीट की दुकानों में मोलभाव मुश्किल होता था, लेकिन अब यहां दुकानें ग्राहकों के मुकाबले ज्यादा नज़र आने लगी हैं. कुछ कारोबारियों ने तो मोबाइल वॉलेट अपना लिया है फिर भी दावा कर रहे हैं कि धंधे में 65-70 फीसदी तक गिरावट आई है.
फैशन स्ट्रीट में एक अरसे से दुकान चलाने वाले इश्तियाक ने कहा कि धंधा 35 परसेंट ही हो रहा है. माल खरीदने तक की नकदी नहीं है. ग्राहक आते हैं तो वो भी 2000 का नोट थमाकर एक दो-शर्ट खरीदना चाहते हैं. एक-दो लोगों को चेंज दे देते हैं, लेकिन सबको छुट्टा कैसे दें. वहीं विलास मानते हैं कि क्रिसमस के बाद बाज़ार थोड़ा ठीक हुआ है, लेकिन पिछले साल के मुकाबले त्योहारों में भी उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है.

कॉलेज के छात्रों की पसंदीदा जगह फैशन स्ट्रीट है. जहां उन्हें कम क़ीमत में नए फैशन के कपड़े मिल जाते हैं. इनकी भी दिक्कत वही है.. छुट्टे लेकर कपड़े खरीदने से लेकर बस-टैक्सी का किराया भरना. सिडनैहम कॉलेज की जसप्रीत ने बताया कई जगहों पर पेटीएम से काम चल जाता है, लेकिन टैक्सी के किराए से लेकर खरीदारी में दिक्कत आती है. वहीं उनकी दोस्त फौज़िया का मानना है कि हालात अब पहले से बेहतर हैं, लेकिन अगर 500 के ज्यादा नोट मिलें तो दिक्कत थोड़ी कम होगी.
सरकारी आदेश के बाद 8 नवंबर से 500-1000 के नोट बंद हो गए. लोग 30 दिसंबर तक पुराने नोट अपने खाते में जमा करवा सकते हैं, लेकिन नए नोटों की किल्लत से छोटे कारोबारियों से लेकर ग्राहकों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
आम दिनों में फैशन स्ट्रीट की दुकानों में मोलभाव मुश्किल होता था, लेकिन अब यहां दुकानें ग्राहकों के मुकाबले ज्यादा नज़र आने लगी हैं. कुछ कारोबारियों ने तो मोबाइल वॉलेट अपना लिया है फिर भी दावा कर रहे हैं कि धंधे में 65-70 फीसदी तक गिरावट आई है.
फैशन स्ट्रीट में एक अरसे से दुकान चलाने वाले इश्तियाक ने कहा कि धंधा 35 परसेंट ही हो रहा है. माल खरीदने तक की नकदी नहीं है. ग्राहक आते हैं तो वो भी 2000 का नोट थमाकर एक दो-शर्ट खरीदना चाहते हैं. एक-दो लोगों को चेंज दे देते हैं, लेकिन सबको छुट्टा कैसे दें. वहीं विलास मानते हैं कि क्रिसमस के बाद बाज़ार थोड़ा ठीक हुआ है, लेकिन पिछले साल के मुकाबले त्योहारों में भी उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है.

कॉलेज के छात्रों की पसंदीदा जगह फैशन स्ट्रीट है. जहां उन्हें कम क़ीमत में नए फैशन के कपड़े मिल जाते हैं. इनकी भी दिक्कत वही है.. छुट्टे लेकर कपड़े खरीदने से लेकर बस-टैक्सी का किराया भरना. सिडनैहम कॉलेज की जसप्रीत ने बताया कई जगहों पर पेटीएम से काम चल जाता है, लेकिन टैक्सी के किराए से लेकर खरीदारी में दिक्कत आती है. वहीं उनकी दोस्त फौज़िया का मानना है कि हालात अब पहले से बेहतर हैं, लेकिन अगर 500 के ज्यादा नोट मिलें तो दिक्कत थोड़ी कम होगी.
सरकारी आदेश के बाद 8 नवंबर से 500-1000 के नोट बंद हो गए. लोग 30 दिसंबर तक पुराने नोट अपने खाते में जमा करवा सकते हैं, लेकिन नए नोटों की किल्लत से छोटे कारोबारियों से लेकर ग्राहकों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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