मुंबई के महापौर विश्वनाथ महादेश्वर (फाइल फोटो).
मुंबई:
मुंबई के मेयर विश्वनाथ महादेश्वर ने उपनगर बांद्रा में रेहड़ी-पटरी वालों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर स्थानीय निकाय अधिकारी को कथित रूप से निलंबित करने की धमकी दी है. शिवसेना के नगर सेवक द्वारा अधिकारी को निलंबित करने की धमकी देने वाला कथित ऑडियो वायरल हो गया है.
हालांकि, महादेश्वर ने अधिकारी को धमकी देने के आरोपों से इनकार किया है और दावा किया कि वह सिर्फ यह जानना चाहते थे कि पिछले 40-50 वर्षों से काम कर रहे यह रेहड़ी पटरी वाले अचानक अवैध या गैरकानूनी कैसे हो गए. अधिकारी द्वारा रेकॉर्ड किए गए ऑडियो के अनुसार, महादेश्वर ने कल अधिकारी से मराठी भाषा में सवाल पूछा कि दशकों से यहां काम कर रहे रेहड़ी-पटरी वालों को नोटिस क्यों भेजा गया है.
क्लिप के अनुसार, मेयर अधिकारी पर आरोप लगा रहे हैं कि वह रेहड़ी-पटरी वालों को इसलिए प्रताड़ित कर रहे हैं क्योंकि वे समुदाय विशेष से ताल्लुक रखते हैं. सिर्फ जितेन्द्र नाम से पहचाने गए उक्त अधिकारी मेयर से अनुरोध कर रहे हैं कि वह वरिष्ठ अधिकारियों से बात करें और लाइसेंस के नियमों का उल्लंघन करने वाली इन रेहड़ी-पटरियों को गिराने का आदेश वरिष्ठों ने ही दिया है.
भाजपा विधायक आशीष शेलार महादेश्वर के व्यवहार को सही नहीं मानते हैं. बांद्रा के विधायक का कहना है कि मेयर ने पहले बीएमसी द्वारा उस क्षेत्र में बनाए गए सार्वजनिक शौचालय का विरोध किया और अब नियमों का उल्लंघन करने वाले रेहड़ी पटरी वालों का समर्थन कर रहे हैं.
संपर्क करने पर महादेश्वर ने कहा कि उन्होंने जनता की मांग और जांच रिपोर्ट के आधार पर अधिकारी से बात की है. लेकिन इस संदर्भ में उनकी बातचीत को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. मेयर ने कहा,''हां, मैंने फोन पर अधिकारी से बात कर पूछा कि क्या हो रहा है. लेकिन मैं स्पष्ट कर दूं कि मैं अवैध गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई का समर्थन करता हूं. लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा है कि वहां पिछले 40-50 वर्षों से चल रहे कारोबार अचानक अवैध कैसे हो गए.'' इस बीच मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम ने मेयर का बचाव किया है. उनका कहना है कि मेयर ने कुछ गलत नहीं किया है, वह सिर्फ 50 वर्षों से कारोबार कर रहे लोगों का बचाव कर रहे हैं.
(इनपुट भाषा से)
हालांकि, महादेश्वर ने अधिकारी को धमकी देने के आरोपों से इनकार किया है और दावा किया कि वह सिर्फ यह जानना चाहते थे कि पिछले 40-50 वर्षों से काम कर रहे यह रेहड़ी पटरी वाले अचानक अवैध या गैरकानूनी कैसे हो गए. अधिकारी द्वारा रेकॉर्ड किए गए ऑडियो के अनुसार, महादेश्वर ने कल अधिकारी से मराठी भाषा में सवाल पूछा कि दशकों से यहां काम कर रहे रेहड़ी-पटरी वालों को नोटिस क्यों भेजा गया है.
क्लिप के अनुसार, मेयर अधिकारी पर आरोप लगा रहे हैं कि वह रेहड़ी-पटरी वालों को इसलिए प्रताड़ित कर रहे हैं क्योंकि वे समुदाय विशेष से ताल्लुक रखते हैं. सिर्फ जितेन्द्र नाम से पहचाने गए उक्त अधिकारी मेयर से अनुरोध कर रहे हैं कि वह वरिष्ठ अधिकारियों से बात करें और लाइसेंस के नियमों का उल्लंघन करने वाली इन रेहड़ी-पटरियों को गिराने का आदेश वरिष्ठों ने ही दिया है.
भाजपा विधायक आशीष शेलार महादेश्वर के व्यवहार को सही नहीं मानते हैं. बांद्रा के विधायक का कहना है कि मेयर ने पहले बीएमसी द्वारा उस क्षेत्र में बनाए गए सार्वजनिक शौचालय का विरोध किया और अब नियमों का उल्लंघन करने वाले रेहड़ी पटरी वालों का समर्थन कर रहे हैं.
संपर्क करने पर महादेश्वर ने कहा कि उन्होंने जनता की मांग और जांच रिपोर्ट के आधार पर अधिकारी से बात की है. लेकिन इस संदर्भ में उनकी बातचीत को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. मेयर ने कहा,''हां, मैंने फोन पर अधिकारी से बात कर पूछा कि क्या हो रहा है. लेकिन मैं स्पष्ट कर दूं कि मैं अवैध गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई का समर्थन करता हूं. लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा है कि वहां पिछले 40-50 वर्षों से चल रहे कारोबार अचानक अवैध कैसे हो गए.'' इस बीच मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम ने मेयर का बचाव किया है. उनका कहना है कि मेयर ने कुछ गलत नहीं किया है, वह सिर्फ 50 वर्षों से कारोबार कर रहे लोगों का बचाव कर रहे हैं.
(इनपुट भाषा से)
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