प्रतीकात्मक फोटो
मुंबई:
मुंबई से सटे डोंबिवली के कुछ मंदिरों में महिलाओं के ड्रेस कोर्ड संबंधी बोर्ड को हटाने पहुंची भूमाता ब्रिगेड को कामयाबी मिल गई। पुलिस के दखल देने के बाद मंदिर के ट्रस्टी बोर्ड हटाने पर सहमत हो गए, लेकिन ब्रिगेड की महिलाओं ने चेतावनी दी है कि अगर बोर्ड वापस लगा तो खुद तृप्ति देसाई मंदिर पहुंचकर बोर्ड हटा देंगी।
मंदि में लगा था बोर्ड
डोंबिविली के कोपर गांव में स्थित गांवदेवी, महादेव, महालक्ष्मी और हनुमान मंदिर प्रशासन ने मंदिर के बाहर बोर्ड लगाकर मंदिरों में महिलाओं के नाइट गाउन में प्रवेश करने पर रोक लगा दी थी। मंदिर प्रशासन का तर्क था कि नाइट गाउन पहनकर आने से मंदिर की पवित्रता नष्ट हो सकती है इसलिए यह फैसला लिया गया है।
भूमाता ब्रिगेड ने पुलिस के साथ हटाए बोर्ड
शनिवार को भूमाता ब्रिगेड की महिलाएं मंदिर के बाहर आंदोलन करने पहुंची, पुलिस के सहयोग से सारे बोर्ड हटा दिए गए। भूमाता रणरागिनी ब्रिगेड की कविता शिवपुरे ने कहा हम घर में भी भगवान की पूजा करते हैं, इसलिए हमें पता है कि कैसे कपड़े पहनने चाहिए। अगर मंदिर प्रशासन वापस बोर्ड लगाता है तो तृप्ति देसाई ने साफ कर दिया है कि वे हमारे साथ आकर यहां से बोर्ड हटा देंगी। वहीं मंदिर के ट्रस्टी रमेश म्हात्रे ने कहा अगर हमारे गांव की महिलाएं कहें तो हम खुद ही एक मिनट में बोर्ड उखाड़कर फेंक देंगे लेकिन तृप्ति देसाई के नाटक को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
वैसे स्थानीय लोगों का भी कहना है की मंदिर में अपवित्र कपड़े पहनकर आने पर रोक लगाने का फैसला पूरी तरह ठीक है।
मंदि में लगा था बोर्ड
डोंबिविली के कोपर गांव में स्थित गांवदेवी, महादेव, महालक्ष्मी और हनुमान मंदिर प्रशासन ने मंदिर के बाहर बोर्ड लगाकर मंदिरों में महिलाओं के नाइट गाउन में प्रवेश करने पर रोक लगा दी थी। मंदिर प्रशासन का तर्क था कि नाइट गाउन पहनकर आने से मंदिर की पवित्रता नष्ट हो सकती है इसलिए यह फैसला लिया गया है।
भूमाता ब्रिगेड ने पुलिस के साथ हटाए बोर्ड
शनिवार को भूमाता ब्रिगेड की महिलाएं मंदिर के बाहर आंदोलन करने पहुंची, पुलिस के सहयोग से सारे बोर्ड हटा दिए गए। भूमाता रणरागिनी ब्रिगेड की कविता शिवपुरे ने कहा हम घर में भी भगवान की पूजा करते हैं, इसलिए हमें पता है कि कैसे कपड़े पहनने चाहिए। अगर मंदिर प्रशासन वापस बोर्ड लगाता है तो तृप्ति देसाई ने साफ कर दिया है कि वे हमारे साथ आकर यहां से बोर्ड हटा देंगी। वहीं मंदिर के ट्रस्टी रमेश म्हात्रे ने कहा अगर हमारे गांव की महिलाएं कहें तो हम खुद ही एक मिनट में बोर्ड उखाड़कर फेंक देंगे लेकिन तृप्ति देसाई के नाटक को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
वैसे स्थानीय लोगों का भी कहना है की मंदिर में अपवित्र कपड़े पहनकर आने पर रोक लगाने का फैसला पूरी तरह ठीक है।
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मुंबई, मंदिरों में महिलाओं के लिए ड्रेस कोड, रोक हटी, नाइट गाउन पर रोक, बोर्ड लगाए, भूमाता ब्रिगेड, तृप्ति देसाई, Mumbai, Dress Code For Women In Temples, Bhumata Brigade, Tripti Desai