- पीएम नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ में आतंकवाद और नक्सलवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक जंग का जिक्र किया
- पीएम ने 'राम से राष्ट्र' के मंत्र को मानवता विरोधी ताकतों और आतंकवाद के विनाश के संकल्प के रूप में समझाया
- पीएम ने कहा कि भारत आज नक्सलवाद, माओवादी आतंक को भी समाज से खत्म करने की दिशा में बढ़ रहा है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए भवन के उद्घाटन करने के बाद ऑपरेशन सिंदूर का नाम लेकर आतंकवाद और नक्सलवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक जंग का जिक्र किया. इस दौरान उन्होंने "राम से राष्ट्र" का मंत्र दिया और इसका अर्थ भी बताया. प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘राम से राष्ट्र' का एक अर्थ यह भी है कि हम मानवता विरोधी ताकतों के विनाश का संकल्प लें, आतंकवाद के विनाश का संकल्प लें.
पीएम मोदी ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के समय हम सभी ने ‘देव से देश' और ‘राम से राष्ट्र' का संकल्प लिया था. राम से राष्ट्र का अर्थ है सुशासन और जनकल्याण का राज, सबका साथ सबका विकास की भावना से शासन. राम से राष्ट्र का अर्थ है ऐसी जगह जहां कोई न दुखी हो न गरीब हो. जहां समाज गरीबी से मुक्त होकर आगे बढ़े. ऊंच नीच के भाव से समाज मुक्त हो. सामाजिक न्याय की स्थापना हो. राम से राष्ट्र का अर्थ है मानवता विरोधी ताकतों का, आतंक के विनाश की प्रतिज्ञा.. और यही हमे ऑपरेशन सिंदूर में देखा है.
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के समय हम सभी ने ‘देव से देश' और ‘राम से राष्ट्र' का संकल्प लिया था। उनके ननिहाल छत्तीसगढ़ में भी हमें उनके आदर्शों को साकार करना है। pic.twitter.com/rfmaXxJRWL
— Narendra Modi (@narendramodi) November 1, 2025
नवा रायपुर के अटल नगर में छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए भवन का उद्घाटन करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यही संकल्प हमने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखा था. भारत आतंकवाद के विनाश की प्रतिज्ञा करके आतंकियों की कमर तोड़ रहा है. भारत आज नक्सलवाद, माओवादी आतंक को भी समाज से खत्म करने की दिशा में बढ़ रहा है.
पीएम ने कहा कि आज का भारत अभूतपूर्व विजय के गर्व से भरा हुआ है और गर्व की यही भावना छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए परिसर में चारों तरफ दिख रही है. उन्होंने कहा कि विधानसभा केवल कानून बनाने का स्थान नहीं बल्कि राज्य के भाग्य निर्धारण का केंद्र है. सभी को सुनिश्चित करना होगा कि यहां से निकलने वाले हर विचार में जन सेवा की भावना हो, विकास का संकल्प हो तथा भारत को नयी ऊंचाइयों तक ले जाने का विश्वास हो.
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद और वामपंथी उग्रवाद से निपटने में भारत की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ ने जो परिवर्तन देखा है, वह अद्भुत और प्रेरणादायी है. कभी यह राज्य नक्सलवाद और पिछड़ेपन से पहचाना जाता था, आज वही राज्य समृद्धि, सुरक्षा और स्थायित्व का प्रतीक बन गया है. विकास की लहर और मुस्कान नक्सल प्रभावित इलाकों तक पहुंच गई है. उन्होंने इस बदलाव का श्रेय छत्तीसगढ़ के लोगों की कड़ी मेहनत और भाजपा सरकारों को दिया.
उन्होंने कह कि नयी विधानसभा भवन के उद्घाटन का असली महत्व हमारे इस सामूहिक संकल्प में है कि हम अपने कर्तव्यों को ईमानदारी से निभाएं और लोकतंत्र की भावना को बनाए रखें. हमें एक ऐसे भारत का निर्माण करना है, एक ऐसे छत्तीसगढ़ की नींव रखनी है जो विरासत से जुड़कर विकास के पथ पर आगे बढ़ सके. नागरिक देवो भव: हमारे सुशासन का मंत्र है, इसलिए विधानसभा के हर निर्णय में जनता के हित को रखकर काम करना होगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि कानून ऐसे बनाए जाएं जो सुधारों को गति दें जिससे लोगों का जीवन आसान हो. जो लोगों के जीवन से सरकार के अनावश्यक दखल को बाहर करें. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस समारोह एक बड़े लक्ष्य की शुरुआत है. 2047 में भारत की आजादी के 100 साल पूरे होने पर छत्तीसगढ़ एक विकसित भारत के विजन को हासिल करने में अहम भूमिका निभाएगा.
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