24 घंटे निगरानी कर रहे आरपीएफ के जवान...
मुंबई:
महाराष्ट्र में जल संकट गहरा रहा है। मराठवाड़ा, विदर्भ जैसे इलाके तो भयानक सूखे का सामना कर ही रहे हैं। मुंबई-ठाणे जैसे इलाकों में भी हालात बेहद ख़राब हैं। ऐसे में लोगों की प्यास बुझाने के साथ साथ भारी मुनाफा कमाने के लिए टैंकर माफिया सक्रिय है, उसकी नज़र छोटे-बड़े हर जल स्रोत पर है। मुंबई से सटे अंबरनाथ में रेलवे का डैम है, जहां से रेल नीर के लिए पानी सप्लाई होता है। इस डैम से पानी चोरी की शिकायत के बाद डैम को संगीनों के साये में रखना पड़ा है। आरपीएफ के जवान 24 घंटे डैम की निगरानी कर रहे हैं।
एक टैंकर पानी को 8000 रुपये में बेचता है माफिया...
अंग्रेजों के वक्त बनाए गये इस डैम से 80 के दशक तक स्टीम इंजिन के इस्तेमाल के लिए पानी लिया जाता था, फिलहाल इसे आईआरसीटीसी को दिया गया है। इस डैम के पानी से आईआरसीटीसी रोज़ाना लगभग 1.25 लाख रेल नीर की बोतलें भरती हैं जिसे खुले बाज़ार में 15 रुपये में बेचा जाता है। पुलिस का कहना है कि टैंकर माफिया डैम से चुराये गए एक टैंकर पानी को 8000 रुपये में बेचता है। आरपीएएफ के इंस्पेक्टर सुभाष ठाकुर ने बताया- कुछ दिनों पहले हमें रेलवे की तरफ से शिकायत मिली थी। यहां आईआरसीटीसी की अपनी सुरक्षा भी है लेकिन वह पर्याप्त नहीं है लिहाज़ा यहां आरपीएफ की तैनाती हुई है। हमने कुछ टैंकरों को जब्त किया है और उनके मालिकों पर कार्रवाई भी की गई है।
रेलवे प्रॉपर्टी एक्ट 1996 की धारा 3 ए के तहत उसे अधिकार है कि अपनी मिल्कियत में सेंध लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर उनकी गिरफ्तारी कर ले। बूंद बूंद बचाने की जुगत में सब जुटे हुए हैं, ऐसे में शिकायत के बाद ही सही रेलवे ने भी टैंकर माफिया की नकेल कसना शुरू कर दिया है।
एक टैंकर पानी को 8000 रुपये में बेचता है माफिया...
अंग्रेजों के वक्त बनाए गये इस डैम से 80 के दशक तक स्टीम इंजिन के इस्तेमाल के लिए पानी लिया जाता था, फिलहाल इसे आईआरसीटीसी को दिया गया है। इस डैम के पानी से आईआरसीटीसी रोज़ाना लगभग 1.25 लाख रेल नीर की बोतलें भरती हैं जिसे खुले बाज़ार में 15 रुपये में बेचा जाता है। पुलिस का कहना है कि टैंकर माफिया डैम से चुराये गए एक टैंकर पानी को 8000 रुपये में बेचता है। आरपीएएफ के इंस्पेक्टर सुभाष ठाकुर ने बताया- कुछ दिनों पहले हमें रेलवे की तरफ से शिकायत मिली थी। यहां आईआरसीटीसी की अपनी सुरक्षा भी है लेकिन वह पर्याप्त नहीं है लिहाज़ा यहां आरपीएफ की तैनाती हुई है। हमने कुछ टैंकरों को जब्त किया है और उनके मालिकों पर कार्रवाई भी की गई है।
रेलवे प्रॉपर्टी एक्ट 1996 की धारा 3 ए के तहत उसे अधिकार है कि अपनी मिल्कियत में सेंध लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर उनकी गिरफ्तारी कर ले। बूंद बूंद बचाने की जुगत में सब जुटे हुए हैं, ऐसे में शिकायत के बाद ही सही रेलवे ने भी टैंकर माफिया की नकेल कसना शुरू कर दिया है।
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