फारूक टकला (फाइल फोटो)
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                मुंबई: 
                                        1993 मुंबई बम धमाकों के आरोपी ने अदालत में सीबीआई पर उसका झूठा नाम रखने का आरोप लगाया. 8 मार्च को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार मोहम्मद फारूख उर्फ फारूख टकला की वकील फरहाना शाह ने सीबीआई अदालत में उसे फारूख टकला कहे जाने पर आपत्ति दर्ज की. वकील फरहाना शाह ने टाडा कोर्ट में दावा किया कि उनके मुवक्किल का नाम सिर्फ मोहम्मद फारूख है. जबकि सीबीआई उसका नाम उर्फ के तौर पर फारूख टकला लिख रही है. फरहाना के मुताबिक आरोपी को बड़ा दिखाने के लिए सीबीआई ने उर्फ नाम का इस्तेमाल किया है. इसपर अदालत ने भी चुटकी लेते हुए पूछा कि है तो वही आरोपी ना? इस पर फारूख टकला के वकील ने सीधे कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
मौका मोहम्मद फारूख टकला की दूसरी पेशी का था. 8 मार्च को गिरफ्तार फारूख की सोमवार को पहली रिमांड खत्म हुई थी. रिमांड बढ़ाने के आवेदन के साथ सीबीआई उसे टाडा कोर्ट लायी थी. अदालत ने सीबीआई की मांग पर टकला की पुलिस हिरासत 28 मार्च तक के लिए बढ़ा दी. अदालत में सीबीआई ने दलील दी थी कि टकला जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. लेकिन उसने जांच अधिकारी को कुछ ऐसी बातें बताई हैं जिसकी पुष्टि करना बाकी है.
अदालत ने भी माना कि 25 साल पहले हुए बम कांड में अब भी करीब 30 आरोपी फरार हैं और वो सभी मुख्य साजिशकर्ता हैं इसलिए मामले में पूछताछ के लिए सीबीआई को और वक्त मिलना चाहिए. अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के भाई अनीश के खास सहयोगी फारूख टकला पर 1993 मुंबई बम धमाकों की ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान गये आरोपियों को दुबई में स्वागत करने से लेकर वहां ठहराना, फिर पाकिस्तान भेजने से लेकर उनकी पूरी व्यवस्था करने का आरोप है. टकला तभी से फरार है.
गौरतलब है कि फारूख टकला का जुड़वा भाई अहमद टकला भी बम धमाकों के आरोप में गिरफ्तार हुआ था लेकिन सबूतों के अभाव में छूट गया. अहमद टकला भी रिमांड के दौरान अदालत परिसर में मौजूद था. रिमांड के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उसने एक बार फिर गिरफ्तारी का खंडन करते हुए समर्पण का दावा किया. हालांकि विशेष सरकारी वकील दीपक साल्वी ने बचाव पक्ष के सभी आरोपों को कानूनी हथकंडा बताया.
                                                                        
                                    
                                मौका मोहम्मद फारूख टकला की दूसरी पेशी का था. 8 मार्च को गिरफ्तार फारूख की सोमवार को पहली रिमांड खत्म हुई थी. रिमांड बढ़ाने के आवेदन के साथ सीबीआई उसे टाडा कोर्ट लायी थी. अदालत ने सीबीआई की मांग पर टकला की पुलिस हिरासत 28 मार्च तक के लिए बढ़ा दी. अदालत में सीबीआई ने दलील दी थी कि टकला जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. लेकिन उसने जांच अधिकारी को कुछ ऐसी बातें बताई हैं जिसकी पुष्टि करना बाकी है.
अदालत ने भी माना कि 25 साल पहले हुए बम कांड में अब भी करीब 30 आरोपी फरार हैं और वो सभी मुख्य साजिशकर्ता हैं इसलिए मामले में पूछताछ के लिए सीबीआई को और वक्त मिलना चाहिए. अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के भाई अनीश के खास सहयोगी फारूख टकला पर 1993 मुंबई बम धमाकों की ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान गये आरोपियों को दुबई में स्वागत करने से लेकर वहां ठहराना, फिर पाकिस्तान भेजने से लेकर उनकी पूरी व्यवस्था करने का आरोप है. टकला तभी से फरार है.
गौरतलब है कि फारूख टकला का जुड़वा भाई अहमद टकला भी बम धमाकों के आरोप में गिरफ्तार हुआ था लेकिन सबूतों के अभाव में छूट गया. अहमद टकला भी रिमांड के दौरान अदालत परिसर में मौजूद था. रिमांड के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उसने एक बार फिर गिरफ्तारी का खंडन करते हुए समर्पण का दावा किया. हालांकि विशेष सरकारी वकील दीपक साल्वी ने बचाव पक्ष के सभी आरोपों को कानूनी हथकंडा बताया.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं