सुप्रीम कोर्ट ने गैंगस्टर अबू सलेम की उम्रकैद के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से जवाब देने को कहा है. कोर्ट ने इस अर्जी पर विचार कर 4 हफ्ते में जवाब देने के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद अब केंद्र सरकार को इसे लेकर अपना जवाब दाखिल कराना है. दरअसल गैंगस्टर अबू सलेम इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. उसके द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया है कि पुर्तगाल से प्रत्यर्पण के समय भारत सरकार ने वहां की सरकार को आश्वासन दिया था कि उन मामलों में उसे 25 साल से अधिक की सजा नहीं दी जाएगी. लेकिन मुंबई की टाडा कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सज़ा दी है, जो कि प्रत्यर्पण की शर्तों का उल्लंघन है.
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कोर्ट में सलेम की ओर से कहा गया है कि उसे 2002 में पुर्तगाल में हिरासत में लिया गया था और उसकी सजा पर उस तारीख से विचार किया जाना चाहिए, न कि 2005 से, जब उसे भारतीय अधिकारियों को सौंपा गया था. टाडा अदालत द्वारा सलेम को आजीवन कारावास की सजा देने का फैसला भारत द्वारा पुर्तगाल को दिए गए आश्वासन के खिलाफ है. भले ही टाडा कोर्ट ने माना था कि वह सरकार के आश्वासनों से बाध्य नहीं है, सुप्रीम कोर्ट के पास इस पर फैसला करने की शक्ति है.
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बता दें कि 1993 के मुंबई धमाकों में कोर्ट ने अबू सलेम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जिसकी सजा वह काट रहा है. वह 1995 के बिल्डर प्रदीप जैन की हत्या का भी दोषी है. इस मामले में उसे 25 साल की कैद हुई है. अबू सलेम को 20 सितंबर 2002 को पुर्तगाल के लिस्बन में गिरफ्तार किया गया था. बाद में 2005 में प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे भारत सौंपा गया था. लिस्बन कोर्ट ने प्रत्यर्पण का आदेश देते हुए कहा था कि अबू सलेम को फांसी की सजा नहीं दी जा सकती.
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