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मुंबई के बाणगंगा पर होने वाली भव्य आरती को मिली इजाजत, पढ़ें क्यों है ये इतना खास

इस बैठक में मंत्री लोढा ने कहा कि जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए प्रशासन को आरती कार्यक्रम के लिए उचित उपाय करने चाहिए. धार्मिक कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में भक्त ​एकत्रित होते हैं, ​ऐसे मौके पर प्रशासन जनता की भावनाओं की अनदेखी नहीं कर सकता.

मुंबई के बाणगंगा पर होने वाली भव्य आरती को मिली इजाजत, पढ़ें क्यों है ये इतना खास
मुंबई:

मुंबई के प्रसिद्ध तीर्थस्थल ​वालकेश्वर स्थित बाणगंगा में अब त्रिपुरी पूर्णिमा पर आरती व धार्मिक कार्यक्रम करने का मार्ग साफ हो गया है. कौशल विकास मंत्री मंगलप्रभात लोढा की पहल से यह विवाद सुलझा है. इस संदर्भ में पुलिस उपायुक्त अनिल कुंभारे, बाणगंगा ट्रस्ट के प्रमुख न्यासी महाले, ट्रस्ट के अन्य पदाधिकारी और स्थानीय निवासियों के साथ बैठक के बाद आरती के आयोजन को मंजूरी मिल गई है. दक्षिण मुंबई में होने वाली ट्रैफिक नियंत्रण की समस्याओं के कारण इस कार्यक्रम को पुलिस ने पहले अनुमति देने से इनकार किया था. लेकिन बैठक में हुई चर्चा के बाद पुलिस प्रशासन ने आगामी 7 नवंबर को होने वाली त्रिपुरी पूर्णिमा की आरती ​के लिये अनुमति दे दी है.

पिछले कुछ वर्षों से बाणगंगा में होने वाली महाआरती में मुंबईकरों सहित पूरे राज्य से भक्त बड़ी संख्या में आते हैं. ​इस धार्मिक कार्य के दौरान भीड़ बढ़ जाती है​.​ यातायात की समस्या को लेकर पुलिस प्रशासन ने आरती की अनुमती नहीं दी, इस संबंध में 3 अक्टूबर को ट्रस्ट को​ पुलिस की और से पत्र दिया गया था. इसी पृष्ठभूमि में मंत्री मंगलप्रभात लोढा ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों व ट्रस्ट पदाधिकारियों की बैठक ली.

इस बैठक में मंत्री लोढा ने कहा कि जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए प्रशासन को आरती कार्यक्रम के लिए उचित उपाय करने चाहिए. धार्मिक कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में भक्त ​एकत्रित होते हैं, ​ऐसे मौके पर प्रशासन जनता की भावनाओं की अनदेखी नहीं कर सकता. महाआरती वर्ष में केवल एक बार, वह भी शाम के समय होती है. इसके लिए बड़ी संख्या में भक्त आते हैं. इस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मुंबई पुलिस के पास पर्याप्त व्यवस्था है, ऐसा ट्रस्ट की ओर से बैठक में बताया गया.

साथ ही इस वर्ष राज्य सरकार के पुरातत्व एवं संग्रहालय निदेशालय ने 24 अक्टूबर को पारंपरिक पूजा की अनुमति दी थी, यह भी ट्रस्ट ने पुलिस के ध्यान में लाया. इस आरती में हजारों दीप जलाए जाते हैं और यह विधि वाराणसी की गंगा आरती की तरह अत्यंत भव्य होती है। अब इस धार्मिक उत्सव को अनुमति मिलने पर ​बाणगंगा ट्रस्ट ने मंत्री मंगलप्रभात लोढा का आभार व्यक्त किया है. 

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