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This Article is From Dec 28, 2015

लेखक की बर्खास्तगी के बावजूद मुंबई कांग्रेस में बवाल बरकरार, निरुपम पर कार्रवाई की उठी मांग

लेखक की बर्खास्तगी के बावजूद मुंबई कांग्रेस में बवाल बरकरार, निरुपम पर कार्रवाई की उठी मांग
कांग्रेस नेता संजय निरुपम (फाइल फोटो)
मुंबई: कांग्रेस के मुखपत्र से हुए खुलासे से उठा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा। कांग्रेस दर्शन नाम की इस पत्रिका में 3 लेख छाप कर पार्टी के सबसे बड़े आयकन जवाहरलाल नेहरू पर सवाल उठाए गए और साथ ही पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लेकर विवादस्पद टिप्पणी की गई है। बवाल को रोकने के लिए पार्टी ने लेखक को मुखपत्र के काम से दूर करने की खानापूर्ति की, जबकि, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता इससे बड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

मुंबई कांग्रेस मुखपत्र के हालिया संस्करण में कहा गया है कि पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी के पिता मुसोलिनी के सेनानी थे। वे फासिस्ट थे। मुम्बई कांग्रेस के मुखपत्र ने यह खुलासा भी किया है कि सोनिया पार्टी की प्राथमिक सदस्य बनने के महज 62 दिनों में अध्यक्ष बन गईं। इतना ही नहीं, राजीव गांधी से शादी के 16 साल बाद सोनिया गांधी के भारत के नागरिक बनने की बात भी इस मुखपत्र में लिखी गई है।

कांग्रेस दर्शन इस मुखपत्र का यह सोनिया गांधी कार्य गौरव विशेषांक बताया जा रहा है। इसमें 'कांग्रेस की कुशल सारथी सोनिया गांधी' और 'पिता ने सबसे पहले सोनिया नाम से पुकारा था' यह दो लेख छपे हैं। इन लेखों में सोनिया गांधी को लेकर वे तथ्य उजागर हुए हैं जिनपर अबतक कांग्रेस बहस नहीं चाहती थी।

इसी के अलावा, 'सचमुच वे सरदार थे' नाम से देश के पूर्व गृहमंत्री सरदार पटेल का महिमामंडन करता एक लेख प्रसिद्ध हुआ है। इस लेख में महात्मा गांधी और पंडित नेहरू की जमकर आलोचना की गई है। ये लेख कहता है, 'ज्यादातर कांग्रेस समितियों का समर्थन होने के बावजूद केवल गांधीजी की इच्छा के चलते सरदार पटेल को प्रधानमंत्री की दौड़ से दूर रखा गया।'

साथ में यह भी लिखा है कि पटेल को कई बार गांधीजी के कहने पर कांग्रेस अध्यक्ष पद की दावेदारी से दूर होना पड़ा। अगर पटेल का नेहरू से सुना जाता तो कश्मीर समस्या का जन्म ही न होता।

कांग्रेस दर्शन के संपादक पार्टी के मुम्बई अध्यक्ष संजय निरुपम हैं। अपनी ग़लती को स्वीकार करते हुए उन्होंने संवादाताओं से बात करते हुए कहा है कि वे दोषियों को दंडित करेंगे।

दूसरी तरफ़ खुलकर खानापूर्ती की कार्रवाई का विरोध हो रहा है। पार्टी के पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक नसीम खान ने AICC से मांग की है कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी के श्रद्धास्थानों पर कीचड़ उछालने की कोशिश के खिलाफ़ कार्रवाई हो। नसीम खान ने मुम्बई में एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए कहा कि संजय निरुपम पार्टी से बड़े नहीं। उनपर कार्रवाई हो। कांग्रेस के पद पर बैठकर कोई अगर RSS की विचारधारा थोपना चाहता है तो उसपर कार्रवाई होनी चाहिए।

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