प्रतीकात्मक चित्र
मुंबई:
22 दिसंबर, 2015 को मुंबई की लोकल ट्रेन में नेत्रहीन युवती के साथ छेड़छाड़ करने वाले वाले आरोपी को तकरीबन डेढ़ महीने की अथक कोशिश के बाद आखिरकार पकड़ लिया गया। बांद्रा रेलवे पुलिस सूत्रों की मानें तो इसके लिए उन्होंने 50 हजार से भी ज्यादा मोबाइल फ़ोन नंबरों और सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज की जांच-पड़ताल की, तब जाकर उन्हें ये सफलता मिली। मुंबई रेलवे पुलिस की इतिहास में इसे अब तक की सबसे बड़ी जांच कह सकते हैं।
यह वाकया 22 दिसंबर, 2015 का है। दोपहर देढ़ बजे के करीब एक नेत्रहीन युवती खार रेलवे स्टेशन पर खड़ी थी। खुद को उसका मित्र बताने वाले शख्स ने ट्रेन में चढ़ने में मदद करने के बहाने पहले तो धोखे से उसे लगेज डिब्बे में चढ़ा दिया, फिर शादी का प्रस्ताव रखते हुए उसके साथ छेड़खानी की। युवती ने विरोध किया तो वह अंधेरी स्टेशन पर चलती ट्रेन से कूदकर भाग खड़ा हुआ।
जीआरपी के डीसीपी दीपक देवकर के मुताबिक पुलिस ने इस केस को चुनौती के तौर पर लिया। कई टीमें बनाकर जांच शुरू हुई। सबसे पहले सीसीटीवी की तस्वीरें खंगाली गई। अंधेरी स्टेशन पर भागते हुए उसकी हल्की झलक मिली। उसके बाद उसी हुलिये के आधार पर खार रेलवे स्टेशन पर खड़े होकर फ़ोन करते हुए एक शख्स की पहचान की गई। लेकिन उसका चेहरा भी साफ नहीं था।
उसके बाद पुलिस ने उस वक्त खार रेलवे स्टेशन के आसपास फ़ोन कर रहे सभी लोगों के नंबर पता किए। उसके जरिये सभी के घर का पता निकाला। इसके बाद भी असली आरोपी तक पहुंचना आसान नहीं था, क्योंकि उस दिन और उस वक्त वहां अलग-अलग नेटवर्क से फ़ोन करने वालों का आकड़ा 50 हजार के करीब था। आखिरकार डेढ़ महीने की कोशिश के बाद पुलिस के हाथ आरोपी के गिरेबां तक पहुंच ही गए। पुलिस के मुताबिक आरोपी का नाम रोहित नंदू है।
कपड़ा मार्केट में काम करने वाले नंदू पर मालाड में भी छेड़छाड़ का एक मामला दर्ज है। पुलिस का ये भी दावा है कि पीड़ित युवती ने आवाज के जरिये आरोपी की पहचान कर ली है और आरोपी ने भी अपना जुर्म कबूल कर लिया है।
यह वाकया 22 दिसंबर, 2015 का है। दोपहर देढ़ बजे के करीब एक नेत्रहीन युवती खार रेलवे स्टेशन पर खड़ी थी। खुद को उसका मित्र बताने वाले शख्स ने ट्रेन में चढ़ने में मदद करने के बहाने पहले तो धोखे से उसे लगेज डिब्बे में चढ़ा दिया, फिर शादी का प्रस्ताव रखते हुए उसके साथ छेड़खानी की। युवती ने विरोध किया तो वह अंधेरी स्टेशन पर चलती ट्रेन से कूदकर भाग खड़ा हुआ।
जीआरपी के डीसीपी दीपक देवकर के मुताबिक पुलिस ने इस केस को चुनौती के तौर पर लिया। कई टीमें बनाकर जांच शुरू हुई। सबसे पहले सीसीटीवी की तस्वीरें खंगाली गई। अंधेरी स्टेशन पर भागते हुए उसकी हल्की झलक मिली। उसके बाद उसी हुलिये के आधार पर खार रेलवे स्टेशन पर खड़े होकर फ़ोन करते हुए एक शख्स की पहचान की गई। लेकिन उसका चेहरा भी साफ नहीं था।
उसके बाद पुलिस ने उस वक्त खार रेलवे स्टेशन के आसपास फ़ोन कर रहे सभी लोगों के नंबर पता किए। उसके जरिये सभी के घर का पता निकाला। इसके बाद भी असली आरोपी तक पहुंचना आसान नहीं था, क्योंकि उस दिन और उस वक्त वहां अलग-अलग नेटवर्क से फ़ोन करने वालों का आकड़ा 50 हजार के करीब था। आखिरकार डेढ़ महीने की कोशिश के बाद पुलिस के हाथ आरोपी के गिरेबां तक पहुंच ही गए। पुलिस के मुताबिक आरोपी का नाम रोहित नंदू है।
कपड़ा मार्केट में काम करने वाले नंदू पर मालाड में भी छेड़छाड़ का एक मामला दर्ज है। पुलिस का ये भी दावा है कि पीड़ित युवती ने आवाज के जरिये आरोपी की पहचान कर ली है और आरोपी ने भी अपना जुर्म कबूल कर लिया है।
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