मध्य प्रदेश देश के उन राज्यों में है, जहां सरप्लस बिजली है, लेकिन ग्राहक लगातार जूझ रहे हैं. कई लोगों की शिकायत रहती है कि मीटर रीडिंग ठीक नहीं. खपत से ज्यादा बिल आ रहा है, लाइन ट्रिप हो रही है. लेकिन राज्य में एक सरकारी कंपनी ने खुद का ऐप बनाकर ऐसा प्रयोग किया है जिसे सीखने और समझने देश भर की कंपनियां जबलपुर आ रही हैं. इस ऐप का नाम GIS रखा गया है. 3 महीने की कड़ी मेहनत के बाद तैयार इस ऐप से प्रदेश के सभी बिजली के खंभों, ट्रांसफार्मर, मीटर और उपभोक्ताओं की जानकारी दर्ज की गई और इसे ऑनलाइन भी कर दिया गया है.
जानकारी के अनुसार पिछले 1 साल में ही इस ऐप से 21 फीसद से ज्यादा रेवेन्यू मिला है.12 लाख किसानों में लाखों के बिजली बिल 20% से भी अधिक कम हुए हैं. मार्च 2023 में कंपनी को राजस्व संग्रहण 847 करोड़ रूपये है जो राज्य में तीनों वितरण कंपनियों में सबसे ज्यादा है.
मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के ऐप से कोई भी ग्राहक अपना बिल, ट्रांसफार्मर, अपनी लाइन सब कुछ देख सकता है. शिकायत कर सकता है. स्थिति जान सकता है. पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र सुधार योजना यानी आरडीएसएस में राज्य में 6000 करोड़ के काम होंगे, ऐसी पहल से देश में मध्यप्रदेश की दावेदारी और मजबूत हो रही है.
मध्य प्रदेश में सरकारी बिजली कंपनी ने बनाया GIS ऐप, जानें क्या हैं इसके फायदे pic.twitter.com/IrGdD9l6Im
— NDTV India (@ndtvindia) April 2, 2023
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक अनय द्विवेदी ने कहा है कि टीम ने इनहाउस ऐप बनाया जिसे छत्तीसगढ़, गुजरात, महराष्ट्र, तमिलानाडू की टीम आकर देखकर गई है ग्राहक के सोशल ऑडिट को देखकर ट्रांसपेरेंसी को कंप्यटूर पर रिकॉर्ड बन रहे हैं. वहीं महाप्रबंधक अजय जैन दुगड़ ने कहा कि कंपनी द्वारी स्वंय के रिसोर्स से जीआईएस ऐप बनाया है, 77000 लाइन का सर्वे किया गया है साथ ही सवा लाख पोल का भी सर्वे किया गया है. आरडीएएसएस से लॉस में कमी आई है. 2000 करोड़ की बचत हुई है.
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