मध्यप्रदेश में चुनावी साल है, जिसके मद्देनजर शिवराज सिंह चौहान सरकार की आधी आबादी को साधने की पूरी तैयारी है. शिवराज सरकार लाडली बहना योजना लेकर आई है जिसके लिए पूरे राज्य में हितग्राहियों की लंबी कतारें देखी जा सकती हैं. मुस्लिम बहुल इलाकों में भी यह कतारें हैं. वादा हर महीने 1000 रुपये देने का है. बजट में इसका प्रावधान हो चुका है. चुनावी साल में इसे बीजेपी सरकार का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है. वहीं इसके मुकाबले में कांग्रेस ने तय किया है कि सत्ता में आने पर महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये दिए जाएंगे. यानी कि कांग्रेस साल में 18000 रुपये देगी.
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के अशोका गार्डन इलाके में लाड़ली बहना योजना के पंजीकरण के लिए कतार लग रही है. रूचि, तबस्सुम जैसी कई महिलाएं हैं जो सारे काम छोड़कर रजिस्ट्रेशन के लिए पहुंचीं.
हितग्राही रुचि साहू ने कहा कि, ''ये जो 1000 मिलेंगे उससे बहुत फायदा होगा. अपने हाथ में रहेंगे, अपन किसी भी चीज में यूज कर सकते हैं.'' तबस्सुम बी ने कहा, ''जो पैसा मिलेगा अपने हाथ में रहेगा, आदमी से मोहताज नहीं रहेंगे. जब चाहें जो, चाहें ले सकते हैं.''
भोपाल से लगभग 200 किलोमीटर दूर आगर-मालवा में भी हितग्राही अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. हितग्राही राधा सोनी ने कहा- ''ये बहुत फायदेमंद हैं, घर का राशन-पानी ले सकते हैं.'' नसीम बी बोलीं, ''फायदा होगा, पति तो है नहीं, दिक्कत काहे की आएगी और ज्यादा फायदा होगा. छह बच्चे हैं छोटे.'' शकीला बी ने कहा, ''मोहताज तो नहीं रहेंगे, बेटे ने नहीं दिया या आदमी ने. बुजुर्ग इंसान को और ज्यादा चलेगा.''
रजिस्ट्रेशन के लिए कतार ज्यादा है, ऐसे में कुछ लोगों को तकनीकी दिक्कत भी आ रही है. हितग्राही बेबी ने कहा, ''कभी कह रहे हैं केवाईसी करवाकर लाओ, कभी लिंक नहीं है, ऑनलाइन जाते हैं, पैसे तो लगते हैं. घर में बच्चों की पढ़ाई में काम आ सकता है, इस वजह से धूप में रोजे में परेशान हो रहे हैं.''
कर्मचारी दीपेश पाल ने कहा, ''सर्वर की दिक्कत है, समग्र आईडी अपडेट नहीं है, ओटीपी जल्दी नहीं आ रहा है, सर्वर की प्रॉब्लम आ रही है.''
एक अनुमान है कि लाड़ली बहना योजना के लिए हर सेकेंड 100 से ज्यादा हितग्राही पंजीकरण करवा रहे हैं. योजना में हितग्राहियों का अनुमानित आंकड़ा लगभग एक करोड़ है. 30 अप्रैल तक आवेदन ऑनलाइन भरे जाएंगे और 31 मई को अंतिम सूची पोर्टल पर आएगी. इसके बाद 10 जून से हितग्राहियों के खातों में 1000 रुपये आने लगेंगे.
राज्य में इस मदद की जरूरत इसलिए भी है क्योंकि केन्द्र सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में श्रम बल सहभागिता दर में ग्रामीण क्षेत्र में 57.7% पुरुषों की हिस्सेदारी है, वहीं महिलाओं की भागीदारी महज 23.3% है. शहरों में 55.9% पुरुष श्रम बल के मुकाबले महिलाओं की भागीदारी मात्र 13.6% है. यानी महिलाएं आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर होने के बजाए पुरुषों पर आश्रित हैं.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि, ''लगभग 50% के आसपास (पंजीकरण) 3 तारीख को ही पहुंच गया था. 4 तारीख का जो होगा वो अलग होगा. आप सभी महसूस कर रहे होंगे, उत्साह है. कल बैतूल में लाडली बहना सम्मेलन था. लगभग वहां एक लाख बहनें थीं. बैतूल में इतनी बड़ी सभा आज तक के इतिहास में कभी नहीं हुई, एकदम उत्साह से भरे हुए थे.''
चुनावी साल में आधी आबादी पर सबकी पूरी नजर है, कांग्रेस हर महीने 1000 नहीं बल्कि 1500 रुपये देने का वादा कर रही है. गैस सिलेंडर भी 500 में देने का वादा है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, ''हमारी सरकार आएगी, हम 1500 रुपये देंगे. बताएं 1500 रुपये चाहिए और गैस सिलेंडर 500 में देंगे तो आज मैं घोषणा करता हूं. आज नर्मदा की भूमि में गैस 500 में देंगे.''
मध्यप्रदेश में लगभग 5.39 करोड़ मतदाता हैं. इसमें 2.60 करोड़ से अधिक महिला वोटर हैं. लाड़ली बहना का लाभ 23 से 60 वर्ष तक की महिलाओं को मिलेगा. लगभग दो करोड़ महिलाएं इसी आयु वर्ग की हैं. 18 सीटों पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है. राज्य के 3.14 लाख करोड़ रुपये के बजट से 85,000 करोड़ महिलाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं में खर्च होंगे. इसमें लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिए 929 करोड़ रुपये भी शामिल हैं.
राज्य में मुस्लिम आबादी सात फीसदी है. 19 जिलों में नुमाइंदगी तय करने में उनकी भूमिका अहम है. ऐसे में बीजेपी को लगता है लाड़ली बहन योजना से बड़ी तादाद में मुस्लिम महिलाएं भी उससे जुड़ेंगी.
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