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This Article is From Jul 11, 2023

सतना : 4 साल में भी नहीं बनी अटल लैब, केंद्र ने ब्याज सहित वापस मांगा पैसा

बताया जाता है कि एक्सीलेंस विद्यालय प्रबंधन की करतूत से  भारत सरकार के नीति आयोग ने लैब निर्माण के लिए दी गई 12 लाख की राशि 11.50 फीसदी ब्याज के साथ वापस करने का निर्देश दिया है. प्रकरण की जांच के लिए एक कमेटी मंगलवार को मैहर पहुंची है.

सतना : 4 साल में भी नहीं बनी अटल लैब, केंद्र ने ब्याज सहित वापस मांगा पैसा

छात्रों के प्रायोगिक ज्ञान के लिए स्कूलों में लैब स्थापित किए जाते हैं. इसी क्रम में सतना जिले के कुछ चुनिंदा स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब स्थापना का पैसा केन्द्र सरकार के द्वारा वर्ष 2019 में दिया गया था. केन्द्र सरकार के द्वारा दी गई राशि का उपयोग कर कई विद्यालयों ने लैब की स्थापना कर ली. जबकि मैहर का उत्कृष्ट विद्यालय 12 लाख रुपए नियम विरूद्ध आहरित करते हुए लैब भी स्थापित नहीं कर सका. चार साल बाद जब उपयोगिता नहीं भेजी गई तो भारत सरकार ने डीईओ को पत्र भेजकर लैब स्थापित न करने वाली मैहर स्कूल से राशि वापस लेने का आदेश दिया. जब मामले की जांच शुरू हुई तो हैरान करने वाला पहलू यह आया कि विद्यालय के तत्कालीन प्राचार्य  वीरेन्द्र पाण्डेय के द्वारा राशि का आहरण कर लिया गया.

बताया जाता है कि एक्सीलेंस विद्यालय प्रबंधन की करतूत से  भारत सरकार के नीति आयोग ने लैब निर्माण के लिए दी गई 12 लाख की राशि 11.50 फीसदी ब्याज के साथ वापस करने का निर्देश दिया है. प्रकरण की जांच के लिए एक कमेटी मंगलवार को मैहर पहुंची है. अब लैब से जुड़े सभी पहलुओं की जांच कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.

अटल  टिंकरिंग लैब के मामले में की गई मनमानी के संबंध में डीईओ नीरव दीक्षित ने बताया कि अटल लैब स्थापित करने की मंशा छात्रों में सर्वांगीण विकास करने की थी. मगर, विद्यालय के जिम्मेदारों ने इस पर ध्यान नहीं दिया. प्रकरण की जांच का जिम्मा दो व्याख्याताओं को सौंपा गया है. उनकी रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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