
सरदार सरोवर के 30 गेट खुलते ही, मध्य प्रदेश कई गांव इतिहास का हिस्सा बन जाएंगे.... (फाइल फोटो)
भोपाल:
56 साल पहले नर्मदा जिले के केवादिया में सरदार सरोवर बांध की आधारशिला रखी गई. 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन के दिन सरदार सरोवर परियोजना के 30 दरवाजे खोलकर इसे राष्ट्र को समर्पित करेंगे. नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण ने 17 जून को दरवाज़े बंद किये थे.
गुजरात में 17 सितंबर को जश्न का माहौल होगा लेकिन पड़ोसी मध्यप्रदेश के कई ज़िलों में मातम का माहौल होगा. निसरपुर में मोहन भाई घर के सामने खाट पर बैठे हुए हैं. पानी उन्हें निगलने को तैयार है, लेकिन वो घर छोड़ने को तैयार नहीं. नर्मदा घाटी, निसरपुर के इमली बाजार, मस्जिद चौक के पास बसे 25 घर आज डूब की कगार पर हैं, सब मोहन भाई जैसे ज़िद ठाने बैठे हैं. राजघाट में बापू की समाधि, खेत-खलिहान सब पानी के अंदर जाने ही वाले हैं लोग विरोध कर रहे हैं, जलसत्याग्रह पर बैठने वाले हैं.
यह भी पढ़ें: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे बांध का लोकार्पण, उससे पहले पानी मे डूबे इलाके की कहानी
प्रख्यात समाजसेवी मेधा पाटकर इस मामले में सीधे प्रधानमंत्री को कठघरे में खड़ा करते हुए कहती हैं, बांध के लोकापर्ण का जश्न फर्जी साबित होने वाला है. गुजरात के किसानों को कम से कम लेकिन कॉरपोरेट को अनुबंधों के साथ कोका-कोला को नैनो को पानी तत्कार देने की तैयारी हो गई है. हमारे फील्ड सर्वे के हिसाब से 40,000 परिवार प्रभावित हैं जिसमें से 16,000 परिवार को डूब के बाहर बताने का प्रयास किया लेकिन दरवाजे पर पानी आ गया, 139 मीटर में पानी भरना बाकी है.
आंदोलनकारियों को लगता है कि पुनर्वास में भ्रष्टाचार भी है सियासत भी. पाटकर ने कहा शिवराज सिंह 900 करोड़ का पैकेज दे रहे हैं, केंद्र भी पैकेज दे रहा है लेकिन क्यों? जब 2015 में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कागजात में उन्होंने बताया है कि इन ज़िलों में ज़ीरो बैलेंस है. अनिल माधव दवे ने सरदार सरोवर को मंज़ूरी नहीं दी थी.
VIDEO: सरदार सरोवर बांध को लेकर कहीं जश्न, कहीं ग़म
भंडारण क्षमता 12.7 लाख क्यूबिक मीटर से बढ़कर 47.3 लाख क्यूबिक मीटर हो गई है. सरदार सरोवर के 30 गेट खुलते ही, मध्य प्रदेश के अलीराजपुर, बड़वानी, धार, खारगोन जिलों के 192 गांवों, धर्मपुरी, महाराष्ट्र के 33 और गुजरात के 19 गांव इतिहास का हिस्सा बन जाएंगे. देश के शहरी इलाकों को रोशन करने, पानी भरने हज़ारों लोगों के घर में हमेशा के लिये अंधेरा छा जाएगा. उम्मीद है देश के मुखिया सोचेंगे इस दिन ये विस्थापित परिवार उन्हें जन्मदिन की शुभकामना कैसे देंगे.
गुजरात में 17 सितंबर को जश्न का माहौल होगा लेकिन पड़ोसी मध्यप्रदेश के कई ज़िलों में मातम का माहौल होगा. निसरपुर में मोहन भाई घर के सामने खाट पर बैठे हुए हैं. पानी उन्हें निगलने को तैयार है, लेकिन वो घर छोड़ने को तैयार नहीं. नर्मदा घाटी, निसरपुर के इमली बाजार, मस्जिद चौक के पास बसे 25 घर आज डूब की कगार पर हैं, सब मोहन भाई जैसे ज़िद ठाने बैठे हैं. राजघाट में बापू की समाधि, खेत-खलिहान सब पानी के अंदर जाने ही वाले हैं लोग विरोध कर रहे हैं, जलसत्याग्रह पर बैठने वाले हैं.
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प्रख्यात समाजसेवी मेधा पाटकर इस मामले में सीधे प्रधानमंत्री को कठघरे में खड़ा करते हुए कहती हैं, बांध के लोकापर्ण का जश्न फर्जी साबित होने वाला है. गुजरात के किसानों को कम से कम लेकिन कॉरपोरेट को अनुबंधों के साथ कोका-कोला को नैनो को पानी तत्कार देने की तैयारी हो गई है. हमारे फील्ड सर्वे के हिसाब से 40,000 परिवार प्रभावित हैं जिसमें से 16,000 परिवार को डूब के बाहर बताने का प्रयास किया लेकिन दरवाजे पर पानी आ गया, 139 मीटर में पानी भरना बाकी है.
आंदोलनकारियों को लगता है कि पुनर्वास में भ्रष्टाचार भी है सियासत भी. पाटकर ने कहा शिवराज सिंह 900 करोड़ का पैकेज दे रहे हैं, केंद्र भी पैकेज दे रहा है लेकिन क्यों? जब 2015 में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कागजात में उन्होंने बताया है कि इन ज़िलों में ज़ीरो बैलेंस है. अनिल माधव दवे ने सरदार सरोवर को मंज़ूरी नहीं दी थी.
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भंडारण क्षमता 12.7 लाख क्यूबिक मीटर से बढ़कर 47.3 लाख क्यूबिक मीटर हो गई है. सरदार सरोवर के 30 गेट खुलते ही, मध्य प्रदेश के अलीराजपुर, बड़वानी, धार, खारगोन जिलों के 192 गांवों, धर्मपुरी, महाराष्ट्र के 33 और गुजरात के 19 गांव इतिहास का हिस्सा बन जाएंगे. देश के शहरी इलाकों को रोशन करने, पानी भरने हज़ारों लोगों के घर में हमेशा के लिये अंधेरा छा जाएगा. उम्मीद है देश के मुखिया सोचेंगे इस दिन ये विस्थापित परिवार उन्हें जन्मदिन की शुभकामना कैसे देंगे.
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