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This Article is From Jun 25, 2018

मध्य प्रदेश : जंगल में डकैत का पीछा करने उतरे SAF जवान की प्यास से तड़प-तड़पकर मौत

मध्य प्रदेश के सतना से एक बेहद ही चौंकाने वाली खबर आई है. सतना के जंगलों में पुलिस और SAF की टीम डकैतों का सफाया करने के इरादे से उतरी थी, लेकिन इस सर्च ऑपरेशन में एक जवान की प्यास के कारण मौत हो गई.

मध्य प्रदेश : जंगल में डकैत का पीछा करने उतरे SAF जवान की प्यास से तड़प-तड़पकर मौत
(प्रतीकात्मक फोटो)
सतना: मध्य प्रदेश के सतना से एक बेहद ही चौंकाने वाली खबर आई है. सतना के जंगलों में पुलिस और SAF की टीम डकैतों का सफाया करने के इरादे से उतरी थी, लेकिन इस सर्च ऑपरेशन में एक जवान की प्यास के कारण मौत हो गई. कहा जा रहा है कि इस ऑपरेशन में गई टीम ने इस जवान को जंगल में छोड़ आई. पुलिस को तीन दिन बाद उस जवान का शव मिला. पुलिस और SAF टीम ने डकैतों का पीछा करते जहां मृतक को छोड़ा था, उसका शव उससे ढाई किलोमीटर दूर ही बरामद हुआ. यही नहीं खुद जिले के एसपी ने स्वीकारा है कि स्पेशल आर्म्ड के इस जवान की मौत प्यास लगने से हुई, हालांकि सूबे के गृहमंत्री को फिलहाल इस विषय में पूरी जानकारी नहीं है. 

सतना के जंगलों में कुख्यात डकैत बबली कोल का पीछा करने स्पेशल आर्म्ड फोर्स के कॉन्स्टेबल सचिन शर्मा भी भटके. थरपहाड से सर्चिंग से लौटते समय सचिन शर्मा सहित तीन जवानों की गर्मी और प्यास से तबीयत बिगड़ गई. तीनों जवानों को एक पेड़ के नीचे छोड़कर बाकी टीम पानी लेने के लिए आगे आ गई. कई घंटों बाद जब टीम वापस लौटी तो जवान गायब थे. सर्चिंग टीम बगधरा पोस्ट वापस आ गई. कुछ देर बाद दो जवान शिवमोहन और अशोक दो वापस आ गए, लेकिन सचिन नहीं. 

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सतना के एसपी राजेश हिंगणकर ने कहा "हमारी टीमें फौरन सर्च के लिये. निकल गई थीं,  दो पहाड़ी चढ़कर उतरे तो शव मिला. बॉडी देखकर लगा कि पानी की कमी से मौत हुई लेकिन असली कारण पोस्टमॉर्टम के बाद पता लगेगा." रातों रात शव का पोस्टमॉर्टम हो गया, लेकिन परिजनों का आरोप है कि लापरवाही से सचिन की मौत हुई.  सचिन के साले  पालू शर्मा ने कहा जब इतने साथी थे तबियत खराब थी तब आप फोन कर बुलाते, तब रायफल लेकर आ गये.लापरवाही है इनके साथ जो गये थे उनकी. 

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सरकार घटना के 3 दिन बाद भी जानकारी ही जुटा रही है, वहीं विपक्ष का कहना है ये सरकार के लिये शर्मनाक है. गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा मैंने पूरी जानकारी बुलाई है, फिर स्थिति स्पष्ट होगी. मैं भी बात करूंगा जो आवश्यक होगा वो कार्रवाई होगी. वहीं, नेता विपक्ष अजय सिंह नो कहा ऐसा उसको अकेले छोड़ दिया, मेरे ख्याल से इतिहास में ऐसी घटना नहीं हुई एक सिपाही की प्यास से मौत हो जाए शर्म आनी चाहिये सरकार को .

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सूत्र बता रहे हैं फोर्स के पास पानी था लेकिन भीषण गर्मी और उमस में वो नाकाफी साबित हुई. मध्यप्रदेश में एक लाख की आबादी पर 112 पुलिस वाले हैं, जो तय तादाद से लगभग 19 फीसद कम हैं, ऐसे में ऐसी घटनाएं यकीनन पुलिसबल के मनोबल पर असर डालेंगी.

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