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This Article is From Dec 24, 2022

छत्तीसगढ़ में आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या, सरपंच समेत चार गिरफ्तार

स्थानीय अखबार में काम करने वाले पत्रकार और आरटीआई कार्यकर्ता विवेक चौबे का जला हुआ कंकाल मिला

छत्तीसगढ़ में आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या, सरपंच समेत चार गिरफ्तार
प्रतीकात्मक फोटो.
कवर्धा (छत्तीसगढ़):

छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले की पुलिस ने पिछले महीने से लापता एक आरटीआई कार्यकर्ता का जला हुआ कंकाल बरामद किया है. पुलिस ने इस मामले में गांव के सरपंच समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों ने अपराध को छुपाने के लिए सूचना का अधिकार (RTI) कार्यकर्ता की मोटरसाइकिल को तीन हिस्सों में काटकर जंगल में जमीन के नीचे गाड़ दिया था.

कबीरधाम जिले के पुलिस अधीक्षक लाल उम्मेद सिंह ने बताया कि जिले के स्थानीय अखबार में काम करने वाले पत्रकार और आरटीआई कार्यकर्ता विवेक चौबे (32) का जला हुआ कंकाल चिल्फी थाना क्षेत्र के जंगल से बरामद किया गया है. सिंह ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में बोक्करखार गांव के सरपंच अमित यादव, ग्रामीण नंदलाल मेरावी, सुखसागर यादव और जगदीश धुर्वे को गिरफ्तार कर लिया है.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि चौबे के परिजनों ने 16 नवंबर को पुलिस में शिकायत की थी कि चौबे 12 नवंबर को कवर्धा शहर में अपने घर से निकले और फिर वापस नहीं लौटे. परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और चौबे की खोजबीन शुरू की गई.

सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि चौबे को आखिरी बार जिले के चिल्फी थाना क्षेत्र के कुंडापानी गांव की ओर जाते हुए देखा गया था. इसके बाद पुलिस ने इलाके में उनकी तलाश शुरू की.

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि चिल्फी क्षेत्र छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश की सीमा पर है और नक्सल प्रभावित है. इसे ध्यान में रखते हुए इस मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया गया. साथ ही चौबे की सूचना देने वाले को नगद इनाम देने घोषणा की गई. सिंह ने बताया कि इस दौरान मामले के आरोपियों में से एक, बोक्करखार गांव के सरपंच अमित यादव ने भी चौबे की सूचना देने पर नगद इनाम की घोषणा की. इससे पुलिस को यादव पर शक हुआ.

उन्होंने बताया कि बाद में मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने कुंडापानी गांव के पास जंगल से जला हुआ मानव कंकाल बरामद किया. कंकाल का परीक्षण कराने के बाद जानकारी मिली कि वह एक वयस्क पुरुष का है.

सिंह ने बताया कि इसके बाद पुलिस ने सरपंच अमित यादव और उसके तीन साथियों सरपंच के भाई सुखसागर, नंदलाल मेरावी और जगदीश ध्रुव से पूछताछ की. शुरुआत में उन्होंने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन बाद में उन्होंने अपना अपराध स्वीकार कर लिया. चारों आरोपियों को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया.

सिंह ने बताया कि आरोपी सरपंच ने स्वीकार किया कि चौबे 12 नवंबर की रात तक उसके साथ थे. इस दौरान दोनों के बीच विवाद हुआ और यादव ने चौबे के सिर पर डंडे से वार किया. इससे चौबे की मौके पर ही मौत हो गई.

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हत्या के बाद चारों आरोपी शव को जंगल ले गए और उसे जला दिया. उन्होंने चौबे की मोटरसाइकिल को भी नष्ट कर दिया और उसे जंगल में गाड़ दिया. चौबे का मोबाइल फोन आरोपियों ने अपने पास रख लिया.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने इलाके में अलग-अलग जगहों से चौबे के फोन से कॉल कर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की थी. उन्होंने बताया कि पुलिस मामले में आगे जांच कर रही है.

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