ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय में आयोजित की गई एमए तृतीय सेमेस्टर की राजनीति शास्त्र के पेपर में क्रांतिकारियों को लेकर पूछे गए सवाल पर हंगामा खड़ा हो गया है. बता दें कि पेपर के प्रश्न क्रमांक 4 में जो सवाल पूछा गया है, वह बेहद आपत्तिजनक है. यहां क्रांतिकारी और आतंकवादियों में अंतर पूछा गया है. साथ ही प्रश्न में छात्रों से पूछा गया है कि क्रांतिकारियों और आतंकवादियों के कार्यकलापों का वर्णन कीजिए. इसे लेकर विपक्ष सहित तमाम छात्र संगठनों ने आपत्ति जताई है. अब मामले के तूल पकड़ने के बाद विश्विद्यालय की कुलपति ने सफाई देते हुए कहा कि हमारे संज्ञान में आने के बाद एग्जाम कंट्रोलर को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया गया है, साथ ही पेपर तैयार करने वाले प्रोफेसर पर भी कड़ी कार्रवाई करने की उन्होंने बात कही है.
विद्यार्थियों के एक संगठन अखिल भारतीय लोकतांत्रिक छात्र संगठन (एआईडीएसओ) ने प्रश्नपत्र में क्रांतिकारी आतंकवादी शब्द लिखे जाने पर आपत्ति जताते हुए विश्वविद्यालय में प्रदर्शन किया और कहा कि क्रांतिकारी हमारे आदर्श हैं लेकिन उनको आतंकवादी कहना गलत है.
एआईडीएसओ की जिलाध्यक्ष मिताली शुक्ला ने सवाल किया कि क्या क्रांतिकारी आतंकवादी थे. उन्होंने कहा, 'क्रांतिकारी हमारे आदर्श हैं और देश को आजादी दिलाने में उनकी प्रमुख भूमिका रही है. ऐसे में उनको आतंकवादी कहना गलत है. इससे युवाओं में गलत संदेश जाएगा.' छात्रों की मांग है कि प्रश्नपत्र बनाने वाले प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की जाए. यदि ऐसा नहीं हुआ तो विद्यार्थी आंदोलन करेंगे.
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उन्हें इस घटना से गहरा दुख हुआ है. उन्होंने कहा, 'कोई भी उन्हें आतंकवादी कैसे कह सकता है? उनके बलिदानों के कारण ही हम खुलकर सांस ले पा रहे हैं. मैं मांग करता हूं कि मध्य प्रदेश सरकार ऐसे गैरजिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे.'
(इनपुट: भाषा से भी)
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