अबूझमाड़ के धुरबेड़ा के जंगलों में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में घायल डीआरजी के जवान राजू नेताम ने दम तोड़ दिया है. इस मुठभेड़ में घायल दूसरे जवान को बेहतर इलाज के लिये रायपुर रेफर किया गया है. सुरक्षाबलों ने धुरबेड़ा के जंगलों में नक्सलियों के कैंप पर हमला बोलकर 5 नक्सलियों को मार गिराया था. उनके कैंप से कई हथियार भी बरामद किये गये. पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने बताया, "ओरछा थाने से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित धुरबेड़ा गांव के पास सुबह 6 बजे मुठभेड़ शुरू हुई जब डीआरजी टीम नक्सलियों के कैंप के पास पहुंची."
छत्तीसगढ़ : राजनांदगांव में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में सात नक्सली ढेर
रायपुर से लगभग 350 किलोमीटर दूर ओरछा के जंगल में माओवादी प्रशिक्षण शिविर के बारे में खास इनपुट पर कार्रवाई करते हुए, डीआरजी की एक टीम ने उस जगह पर छापा मारा. मुठभेड़ लगभग 90 मिनट तक चली, जिसके बाद नक्सली घने जंगलों में भाग निकले. तलाशी अभियान के दौरान घटनास्थल से पांच नक्सलियों के शव बरामद किए ग. इसके अलावा वहां से भारी मात्रा में हथियार भी जब्त किए गए थे. हालांकि मुठभेड़ के बाद कई घंटों तक घायल जवानों को निकाला नहीं जा सका. हेलीकॉप्टर को जंगल में उतारने की की गई कोशिश पर मौसम की खराबी की वजह से नहीं हो पाए कामयाब.
सुरक्षा बल के जवानों को निशाना बनाने के लिए नक्सलियों की नई चाल
ऐसे में सुरक्षाबल के जवान मृत नक्सलियों के शव और घायल जवानों को आधी रात के बाद ओरछा पहुंचे, भारी बारिश के बीच नदी नालों, पहाड़ियों और पगडंडियों को पार कर नक्सलियों की मांद से सुरक्षित नक्सलियों के शव और घायल जवान को लेकर निकले जवान अपने कैंप पहुंच पाए. बताया जा रहा है कि बस्तर में सुरक्षाकर्मियों ने अपनी रणनीति बदल दी है क्योंकि आम तौर पर वे मानसून के दौरान आक्रामक नहीं होते हैं, इस महीने 3 अगस्त के बाद यह दूसरी बड़ी मुठभेड़ थी, 3 अगस्तर को सुरक्षा कर्मियों ने राजनांदगांव में सात नक्सलियों को मार गिराया था.
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