मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव टल सकते हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में मध्य प्रदेश कैबिनेट ने पंचायत चुनाव अधिनियम के तहत पिछले महीने जारी अध्यादेश को रविवार को निरस्त कर दिया. साथ ही संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजे जाने को मंजूरी दी. राज्यपाल द्वारा इस प्रस्ताव पर मुहर लग जाने के बाद सरकार मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग इन चुनावों को निरस्तीकरण के लिए निर्देश दी सकती है, जिससे ये चुनाव टल जाएंगे. पंचायत चुनाव टालने को लेकर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता उमा भारती (Uma Bharti) ने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कई ट्वीट किए हैं. उन्होंने कहा कि अगर मैंने पिछड़ों के हित में बोलना छोड़ दिया तो देश, भाजपा और हिंदुत्व को भारी नुकसान होगा.
उमा भारती ने अपने ट्वीट में लिखा, "मध्य प्रदेश के पंचायत चुनावों में पिछडे वर्गों के आरक्षण की दुविधा को देखकर कुछ समय के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने यह पंचायत चुनाव निरस्त किए हैं, इसके लिए मुख्यमंत्री एवं सरकार का अभिनंदन." उन्होंने कहा कि जब मैंने कुछ दिनों पहले अपने बयान में यह सुझाव दिया था तब सोशल मीडिया पर कुछ टिप्पणियों से ऐसा लगा कि मैं एक हिंदुत्ववादी राष्ट्रवादी नेता हूं तो मैं पिछड़ा वर्ग की बात क्यों करती हूं. इसलिए मेरा इस पक्ष पर प्रकाश डालना जरूरी है.
बीजेपी की वरिष्ठ नेता ने बताया, "मैं 6 साल की उम्र से हिंदू संस्कृति का प्रचार करने लगी तथा 20 साल की उम्र आते-आते भारत के अलावा दुनिया के महत्वपूर्ण 60 देशों में भी हिंदू धर्म संस्कृति का प्रचार एवं प्रसार किया फिर भाजपा नेताओं के आग्रह पर मैं राजनीति में तथा बीजेपी में आई."
उन्होंने कहा कि भाजपा की दो महत्वपूर्ण चिंतन बैठकें हुई एक विरार(महाराष्ट्र) में, दूसरी सरिस्का (राजस्थान) में हुई जिनमें मैं भी शामिल थी. चिंतन का निचोड़ यह था कि भाजपा एक राष्ट्रवादी पार्टी होते हुए भी पिछड़े वर्गों एवं दलित वर्गों के लोग भाजपा को बहुत कम वोट देते हैं.जबकि देश में इनकी संख्या 70% से ज्यादा है. इन्हीं दो बैठकों में यह निर्णय हुआ कि हमारे देश को मजबूत बनाने के लिए भाजपा को मजबूत बनाना जरूरी है और फिर हिंदू, हिंदुस्तान और भाजपा को मजबूत करने के लिए सभी वर्गों को साथ लेने की जिम्मेवारी हम सब नेताओं को सौंपी गई.
पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि पिछड़े वर्ग एवं दलित वर्ग पुरातन काल से निष्ठावान राम भक्त हिंदू रहे हैं किंतु कमी यह थी कि उनके भाजपा से आत्मीय संबंध नहीं थे जो हमसे शुरू हुए और मोदी जी पर जाकर इसकी पूर्ण आहुति हुई. फिर तो मेरा पिछड़े वर्ग का होना, लोधी समाज का होना भाजपा की एक अतिरिक्त ताकत बन गया एवं पिछड़े वर्ग भाजपा से जुड़ते गए भाजपा शक्तिशाली होती गई एवं उसी शक्ति की धारा का एक महासागर बन जाना नरेंद्र मोदी जी का प्रधानमंत्री बन जाना था.
उन्होंने कहा कि अब बीजेपी को कोई कमजोर नहीं कर सकता क्योंकि पूरी दुनिया के सामने यह बात स्पष्ट हो गई है कि मोदी जी भी पिछड़े वर्ग के हैं इसीलिए अब तो सभी पिछड़े एवं दलित वर्ग भाजपामय हो गए हैं. मेरी राजनीति की यात्रा और भाजपा की जीवन यात्रा साथ ही शुरू हुई और मेरे साथ पिछड़े वर्ग तथा लोधी समाज के लोग भाजपा से मजबूती से जुड़े.
उमा भारती ने आगे कहा कि हिंदुत्व को, हिंदुस्तान को तथा भाजपा को शक्तिशाली बनाए रखने के लिए इन वर्गों के हितों की बात खुलेआम बोलनी पड़ेगी इसलिए मैं पिछड़े वर्गों की बात बोलना अपना राष्ट्रीय कर्तव्य मानती हूं. यह मैं हमेशा करूंगी यदि मैंने पिछड़ों के हित में बोलना छोड़ दिया तो इस देश को, भाजपा को तथा हिंदुत्व को भारी नुकसान होगा. इसलिए मैं पिछड़े वर्गों के हितों पर हमेशा बोलूंगी ताकि हिंदुत्व हिंदुस्तान एवं भाजपा मजबूत रहें.
उल्लेखनीय है कि राज्य की त्रि-स्तरीय पंचायत के चुनाव के लिए अगले साल छह जनवरी, 28 जनवरी और 16 फरवरी को मतदान तीन चरणों में होने हैं, लेकिन 17 दिसंबर को उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश निर्वाचन आयाग को स्थानीय निकाय में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव प्रक्रिया रोकने और उन सीटों को सामान्य वर्ग के लिए फिर से अधिसूचित करने का निर्देश दिया.
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