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यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के खिलाफ पीथमपुर में हंगामा, 2 युवकों ने खुद पर पेट्रोल डालकर लगाई आग

भोपाल में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के जहरीले कचरे को लेकर लोग सड़कों पर उतर आए हैं. इस दौरान 2 लोगों ने आत्‍मदाह की कोशिश की है.

यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के खिलाफ पीथमपुर में हंगामा, 2 युवकों ने खुद पर पेट्रोल डालकर लगाई आग
पीथमपुर:

मध्य प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर में आज यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन के कचरे को जलाने के खिलाफ प्रदर्शन उग्र हो गया है. लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. वहीं, प्रदर्शन के दौरान 2 युवकों ने खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली. पुलिस ने तुरंत उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है.

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प्रदर्शनकारियों ने बस स्टैंड क्षेत्र को आधे घंटे से अधिक समय तक ब्लॉक कर दिया, जिससे दोनों ओर यातायात पूरी तरह से ठप हो गया. स्थानीय लोगों में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को पीथमपुर में जलाने को लेकर स्वास्थ्य और पर्यावरण पर खतरे का डर सता रहा है. पीथमपुर में आज सुबह से दुकानें बंद हैं. बता दें कि 2 और 3 दिसंबर 1984 की मध्यरात्रि को यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के कीटनाशक संयंत्र से जानलेवा गैस लीक होने के बाद भोपाल गैस त्रासदी ने कई हजार लोगों की जान ले ली थी, जिसके जख्‍म आज भी लोगों के जेहन में ताजा हैं. 

पीथमपुर में करीब एक हजार की संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी युवक रामकी कंपनी की तरफ बढ़ रहे हैं. पुलिस इन्‍हें रोकने का पूरा प्रयास कर रही है. मामले की गंभीरता को देखते हुए भारी पुलिस बल का इंतेजाम किया गया है. 

कांग्रेस का बीजेपी पर आरोप

इससे पहले कांग्रेस ने रविवार को मध्यप्रदेश के धार जिले के पीथमपुर में विरोध प्रदर्शन किया, जहां भोपाल यूनियन कार्बाइड कारखाने के कचरे के निपटान की योजना है. पार्टी ने इसे इंदौर में कैंसर फैलाने की साजिश बताया. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पीथमपुर में कचरे के निपटान के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व किया. पीथमपुर इंदौर से लगभग 30 किलोमीटर और जिला मुख्यालय धार से 45 किलोमीटर दूर औद्योगिक शहर है. यह अपशिष्ट राज्य की राजधानी में स्थित यूनियन कार्बाइड कारखाने में पड़ा है, जहां 2-3 दिसंबर, 1984 की मध्य रात्रि में जहरीली गैस मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) लीक हुई थी. इस घटना में 5,479 लोगों की मौत हो गई थी और पांच लाख से अधिक लोग स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और दीर्घकालिक विकलांगताओं से पीड़ित हो गए.

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