मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शाजापुर जिले में एक निजी अस्पताल में बुजुर्ग मरीज को इलाज का बिल जमा नहीं करने पर कथित तौर पर अस्पताल के बेड से बांध दिया गया. यह आरोप परिजनों ने लगाया है. वहीं अस्पताल का कहना है कि मरीज का शरीर इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन से बार-बार अकड़ रहा था, ऐसे में वह खुद को चोट ना पहुंचा लें, इसलिए उन्हें बांधा गया था. इस मामले में विपक्ष के हमले के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. वहीं, शाजापुर कलेक्टर दिनेश जैन ने सीएमएचओ से मामले की जांच करके रिपोर्ट देने को कहा है.
बुजुर्ग का नाम लक्ष्मीनारायण है. शाजापुर जिला सिटी अस्पताल में भर्ती लक्ष्मीनारायण को जिला अस्पताल ने रेफर किया था. अस्पताल में 11,000 रुपये का बिल बना. परिजनों का आरोप है बिल नहीं भरा इसलिए उन्हें रस्सी से बांध दिया गया. वहीं, अस्पताल का कहना है कि बुजुर्ग की तबियत को देखते हुए ऐसा करना जरूरी था.
शाजापुर में एक अस्पताल में बुजुर्ग मरीज को बिल जमा नहीं करने पर कथित तौर पर बांध दिया गया, अस्पताल का कहना है कि मरीज का शरीर इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन से बार बार अकड़ रहा था, ऐसे में वो खुद को चोट ना पहुंचा लें इसलिये उन्हें बांधा गया था.@ndtvindia @ndtv #lockdownlessons #Covid_19 pic.twitter.com/eeSFwWDHcd
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) June 7, 2020
लक्ष्मीनारायण की बेटी शीला दांगी ने कहा कि जिस दिन अस्पताल में भर्ती किया, उसके पहले ही 6 हजार रुपये जमा किए. दो दिन पहले 5 हजार रुपये और जमा किए थे. अस्पताल में हमने कहा कि अब हमारे पास रुपए नहीं हैं. आप पिता को लगाई पेशाब नली निकाल दो, हमें घर जाना है. इसके बाद हम फाइल लेने गए तो उन्होंने कहा कि 11,270 रुपये और जमा कराओ, इसके बाद इन्हें घर लेकर चले जाना. उन्होंने हमें फाइल भी नहीं दी. इस पर जब हम अस्पताल से जाने लगे तो, वो पिता को पकड़कर ले गए और पलंग से बांध दिया.
आरएमओ डॉक्टर अतुल भावसार ने परिवार के आरोपों पर कहा कि लक्ष्मीनारायण को बंदी नहीं बनाया गया, उन्हें कंवलशन आ रहे थे इसलिए बांध कर रखा ताकि अपने आप को चोट ना पहुंचा लें. पलंग से गिर ना जाए.
विपक्षी दलों ने जब सोशल मीडिया के जरिए इस मामले को उठाया, तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्रवाई की बात कही. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि शाजापुर के एक अस्पताल में वरिष्ठ नागरिक के साथ क्रूरतम व्यवहार का मामला संज्ञान में आया है. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में कलेक्टर ने सीएचएमओ को जांच करने को कहा है. देर रात मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया.
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