एनडीटीवी की खबर के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने निजी अस्पतालों पर की बड़ी कार्रवाई की है. सरकार ने 60 निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं. 692 अस्पतालों में से, 301 निजी अस्पतालों को खामियों की वजह से नोटिस जारी किया गया है. NDTV ने बताया था कि कैसे मध्य प्रदेश में कोविड-19 के दौरान धड़ाधड़ अस्पताल खुले. एनडीटीवी की जांच में पता लगा था कि कई नर्सिंग होम में वो डॉक्टर कार्यरत ही नहीं थे जिनके लाइसेंस पर रजिस्ट्रेशन हुआ था.
एनडीटीवी ने जून में मध्यप्रदेश में अस्पतालों में आपदा में अवसर की कहानी दिखाई थी. दिखाया था कि कैसे एक ही डॉक्टर 8-10 अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों के नाम से रजिस्टर्ड हैं. मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल का लाइसेंस मिला है लेकिन अस्पताल में एक डॉक्टर तक नहीं.
भोपाल में कुल 503 अस्पताल, पैथोलॉजी लैब, डेंटल क्लीनिक हैं लेकिन 212 कोरोना काल यानी जनवरी 2020 से मई 2021 में खुले हैं. इस अवधि में सिर्फ अस्पतालों की बात करें तो भोपाल में 104 अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन हुए हैं. इनमें भी 29 अस्पताल मार्च-अप्रैल-मई में खुले. राज्य के 3 और बड़े शहरों को लें तो इंदौर में 274 अस्पताल हैं, 48 पिछले सालभर में खुले, जबलपुर में 138 में 34 सालभर में खुले जबकि ग्वालियर में 360 में 116 पिछले एक साल में खुले.
NDTV को दो दस्तावेज मिले हैं, वो बताते हैं कि इनमें 1-1 डॉक्टरों के नाम 8-10 अस्पतालों में भी बतौर रेजिडेंट डॉक्टर दर्ज हैं वो भी अलग-अलग शहरों में.
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